WHO की “3 बाय 35” पहल

पाठ्यक्रम: GS2/स्वास्थ्य

समाचार में

  • विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने “3 बाय 35” पहल शुरू की है, जिसमें विश्व भर के देशों से तंबाकू, शराब और मीठे पेयों पर कर बढ़ाने का आह्वान किया गया है। 
  • इस पहल का उद्देश्य 2035 तक इन तीन उत्पादों की वास्तविक कीमतों में कम से कम 50% की वृद्धि करना है, जो उच्च उत्पाद शुल्क या स्वास्थ्य करों के माध्यम से प्राप्त की जाएगी।

परिचय

  • विश्व इस समय गैर-संचारी रोगों (NCDs) की गंभीर चुनौती का सामना कर रही है—जैसे हृदय रोग, कैंसर और मधुमेह—जो अब वैश्विक मृत्यु दर का 75% से अधिक हिस्सा हैं। 
  • साथ ही, घटती विकास सहायता और बढ़ता सार्वजनिक ऋण विशेष रूप से निम्न और मध्यम आय वाले देशों में स्वास्थ्य प्रणालियों पर दबाव डाल रहे हैं। 
  • अध्ययन बताते हैं कि यदि एक बार में 50% मूल्य वृद्धि की जाए, तो आगामी 50 वर्षों में 5 करोड़ समयपूर्व मृत्युओं को रोका जा सकता है और आगामी दशक में 1 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर की सार्वजनिक राजस्व उत्पन्न की जा सकती है। 
  • 2012 से 2022 के बीच लगभग 140 देशों ने तंबाकू कर बढ़ाए, जिससे औसतन 50% से अधिक की वास्तविक मूल्य वृद्धि हुई—यह दर्शाता है कि बड़े पैमाने पर परिवर्तन संभव है।

स्वास्थ्य कर क्या है?

  • स्वास्थ्य कर उन उत्पादों पर लगाया जाने वाला शुल्क है जो सार्वजनिक स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव डालते हैं—मुख्यतः तंबाकू, शराब और मीठे पेय। 
  • इसका दोहरा उद्देश्य होता है:
    • इन हानिकारक उत्पादों की खपत को कम करना।
    • सार्वजनिक स्वास्थ्य, शिक्षा और सामाजिक सुरक्षा कार्यक्रमों के लिए राजस्व उत्पन्न करना।

 उद्देश्य और अपेक्षित प्रभाव

  • NCD भार में कमी: अस्वास्थ्यकर उत्पादों की खपत घटाकर लाखों समयपूर्व मृत्युओं को रोका जा सकता है।
    • उदाहरण: कोलंबिया में सिगरेट कर बढ़ने से खपत में 34% की गिरावट आई।
  • राजस्व एकत्रण: आगामी दशक में वैश्विक स्तर पर अतिरिक्त 1 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर उत्पन्न करना।
  • स्वास्थ्य प्रणालियों को सशक्त बनाना: सार्वभौमिक स्वास्थ्य कवरेज, रोकथाम और स्वास्थ्य अवसंरचना को वित्तपोषित करना।
  • SDG 3: सभी आयु वर्गों के लिए स्वस्थ जीवन और कल्याण को बढ़ावा देना; 2030 तक NCD मृत्यु दर में एक-तिहाई की कमी का लक्ष्य।

चुनौतियाँ और विचार

  • उद्योग का विरोध: तंबाकू और पेय उद्योगों की मजबूत लॉबिंग; नीति में देरी और कमजोर क्रियान्वयन।
  • प्रतिगामी कर की चिंता: निम्न-आय वर्गों पर असमान प्रभाव का जोखिम, जब तक कि इसे सब्सिडी के साथ संतुलित न किया जाए।
  • राजस्व में अस्थिरता: खपत में गिरावट से दीर्घकालिक राजस्व पर प्रभाव पड़ सकता है।
  • कर छूट: दीर्घकालिक उद्योग समझौते कर वृद्धि को सीमित कर सकते हैं और सार्वजनिक स्वास्थ्य को कमजोर कर सकते हैं।

आगे की राह

  • “3 बाय 35” पहल एक दृष्टिकोण में परिवर्तन का संकेत देती है—जिसमें स्वास्थ्य करों को सार्वजनिक स्वास्थ्य और सतत विकास रणनीतियों के केंद्र में रखा गया है। देशों के लिए आगे की राह  है:
    • मजबूत और व्यापक स्वास्थ्य करों को डिज़ाइन करना।
    • उद्योग-प्रेरित कर छूट से बचना।
    • राजस्व का उपयोग स्वास्थ्य, शिक्षा और सामाजिक सुरक्षा के लिए करना, विशेष रूप से कमजोर वर्गों के लिए।
    • दीर्घकालिक प्रभाव के लिए विभिन्न क्षेत्रों के बीच सहयोग और नागरिक समाज की भागीदारी को बढ़ावा देना।

Source: BS

 

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