पाठ्यक्रम: GS3/अर्थव्यवस्था
संदर्भ
- हाल ही में भारत के प्रधानमंत्री द्वारा SEMICON India 2025 (चौथा संस्करण) में भारत को सेमीकंडक्टर निर्माण में वैश्विक नेता बनाने की महत्वाकांक्षी रूपरेखा प्रस्तुत की गई।
सेमीकंडक्टर क्यों महत्वपूर्ण हैं?
- सेमीकंडक्टर आधुनिक इलेक्ट्रॉनिक्स की रीढ़ हैं — ये स्मार्टफोन एवं इलेक्ट्रिक वाहनों से लेकर रक्षा प्रणालियों और अंतरिक्ष तकनीकों तक सब कुछ को शक्ति प्रदान करते हैं।
- जैसे-जैसे विश्व अधिक डिजिटलीकरण और स्वचालन की ओर बढ़ रही है, ये आर्थिक सुरक्षा और रणनीतिक स्वतंत्रता के केंद्र में आ गए हैं।
भारत का सेमीकंडक्टर क्षेत्र
- इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MeitY) भारत की सेमीकंडक्टर और डिस्प्ले इकोसिस्टम रणनीति को लागू करने वाली प्रमुख एजेंसी है। इसके लक्ष्य हैं:
- एक जीवंत सेमीकंडक्टर डिज़ाइन और निर्माण पारिस्थितिकी तंत्र का निर्माण;
- वैश्विक निवेश और साझेदारियों को आकर्षित करना;
- स्टार्टअप्स और नवप्रवर्तकों को वित्तीय प्रोत्साहनों के माध्यम से समर्थन देना।

- इंडिया सेमीकंडक्टर मिशन (ISM): यह डिजिटल इंडिया कॉर्पोरेशन के अंतर्गत एक स्वतंत्र व्यावसायिक प्रभाग है। यह SEMICON India कार्यक्रम के अंतर्गत स्वीकृत योजनाओं के लिए प्रमुख एजेंसी के रूप में कार्य कर रहा है। ISM के अंतर्गत प्रमुख योजनाएं हैं:
- सेमीकंडक्टर फैब्स: परियोजना लागत का 50% तक समर्थन;
- डिस्प्ले फैब्स: परियोजना लागत का 50% तक समर्थन;
- यौगिक सेमीकंडक्टर और ATMP: पूंजीगत व्यय का 50% तक समर्थन;
- डिज़ाइन लिंक्ड इंसेंटिव (DLI): 23 चिप डिज़ाइन स्टार्टअप्स और परियोजनाओं को समर्थन।
हालिया उपलब्धियाँ
- SEMICON इंडिया प्रोग्राम(2025): ₹76,000 करोड़ के निवेश के साथ शुरू किया गया, जिसे इंडिया सेमीकंडक्टर मिशन (ISM) के माध्यम से लागू किया गया।
- विषय(2025): ‘आगामी सेमीकंडक्टर महाशक्ति का निर्माण’।
- इसमें 350 से अधिक वैश्विक कंपनियों ने भाग लिया, जो इस क्षेत्र में भारत के बढ़ते प्रभाव को दर्शाता है।

- केंद्रीय आईटी मंत्री ने पहला ‘मेड इन इंडिया’ चिप प्रस्तुत किया — जिसे ISRO के विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र (VSSC) और चंडीगढ़ स्थित सेमीकंडक्टर प्रयोगशाला द्वारा विकसित किया गया।
- भारत ने गुजरात के साणंद में अपनी प्रथम आउटसोर्स्ड सेमीकंडक्टर असेंबली और टेस्ट (OSAT) पायलट लाइन शुरू की।
- चार प्रमुख सेमीकंडक्टर परियोजनाओं को मंजूरी दी गई: SiCSem, CDIL, 3D Glass Solutions Inc., और ASIP।
इंडिया सेमीकंडक्टर मिशन (ISM) का तीव्रता से विकास
- भारत ने पाँच नई सेमीकंडक्टर परियोजनाओं को मंजूरी दी, जिससे कुल संख्या दस हो गई, और केवल 2025 में ही $18 बिलियन (₹1.5 लाख करोड़) का संयुक्त निवेश हुआ।
- भारत सेमीकंडक्टर मिशन के अगले चरण पर कार्य कर रहा है, जिसमें शामिल हैं:
- राष्ट्रीय सिंगल विंडो सिस्टम के माध्यम से तीव्र अनुमोदन, जिसमें केंद्र और राज्य स्तर की मंजूरी शामिल है;
- ‘फाइल से फैक्ट्री’ तक का समय कम करने की प्रतिबद्धता;
- अल्पकालिक प्रोत्साहनों के बजाय दीर्घकालिक निवेशों को समर्थन।
सेमीकंडक्टर बाज़ार में भारत की भूमिका
- वैश्विक सेमीकंडक्टर बाज़ार के 2030 तक USD 1 ट्रिलियन तक पहुँचने की संभावना है। भारत के पास सेमीकंडक्टर निर्माण आपूर्ति श्रृंखला के तीन प्रमुख स्तंभों में एक प्रमुख योगदानकर्ता बनने की क्षमता है:
- उपकरण: सेमीकंडक्टर उपकरणों के लिए घटक निर्माण में MSMEs के मजबूत आधार का लाभ उठाना;
- सामग्री: भारत रसायनों, खनिजों और गैसों का समृद्ध स्रोत है, जिन्हें सेमीकंडक्टर आपूर्ति श्रृंखला कंपनियों द्वारा उपयोग किया जा सकता है;
- सेवाएँ: अनुसंधान एवं विकास, लॉजिस्टिक्स और आपूर्ति श्रृंखला, साथ ही AI, बिग डेटा, क्लाउड कंप्यूटिंग एवं IoT में प्रमुख प्रतिभा।
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