पैराग्वे
पाठ्यक्रम: GS1/ समाचार में स्थान
समाचार में
- पैराग्वे के राष्ट्रपति सेंटियागो भारत की राजकीय यात्रा पर हैं।
पैराग्वे के बारे में
- यह दक्षिण अमेरिका का एक स्थलरुद्ध (landlocked) देश है।
- यह दक्षिण और दक्षिण-पश्चिम में अर्जेंटीना, पूर्व और उत्तर-पूर्व में ब्राज़ील, तथा उत्तर-पश्चिम में बोलीविया से घिरा हुआ है।
- भौगोलिक रूप से, कर्क रेखा (Tropic of Capricorn) पैराग्वे से होकर गुजरती है।
- पैराग्वे “मर्कोसुर” (MERCOSUR) का सदस्य है, जो ब्राज़ील, अर्जेंटीना और उरुग्वे को शामिल करने वाला दक्षिण अमेरिकी व्यापार समूह है।
- भारत का “मर्कोसुर” के साथ प्राथमिकता व्यापार समझौता (Preferential Trade Agreement – PTA) है, और पैराग्वे इस ढाँचे के अंतर्गत व्यापार, निवेश, और प्रौद्योगिकी आदान-प्रदान को बढ़ाने के लिए इच्छुक है।
Source: TH
तेलंगाना स्थापना दिवस
पाठ्यक्रम: GS2/राजव्यवस्था और शासन
संदर्भ
- तेलंगाना गठन दिवस, जिसे तेलंगाना राज्य दिवस भी कहा जाता है, प्रत्येक वर्ष 2 जून को मनाया जाता है।
तेलंगाना के बारे में
- भारत का सबसे युवा राज्य, तेलंगाना आधिकारिक रूप से 2 जून 2014 को गठित किया गया था।
- यह आंध्र प्रदेश के उत्तर-पश्चिमी हिस्से को विभाजित करके बनाया गया, जिसे आंध्र प्रदेश पुनर्गठन अधिनियम, 2014 के अंतर्गत लागू किया गया।
- गठन के समय यह तय किया गया था कि हैदराबाद 10 वर्षों तक आंध्र प्रदेश और तेलंगाना की संयुक्त राजधानी के रूप में कार्य करेगा, जिसके बाद आंध्र प्रदेश अपनी नई राजधानी स्थापित करेगा।
- इस दिन को तेलंगाना में सांस्कृतिक कार्यक्रमों, आधिकारिक समारोहों, और सार्वजनिक उत्सवों के साथ मनाया जाता है।
क्या आप जानते हैं?
- भारतीय संविधान का अनुच्छेद 3 संसद को कानून द्वारा निम्नलिखित अधिकार प्रदान करता है:
- किसी राज्य के क्षेत्र को विभाजित करके नया राज्य बनाना, या दो या अधिक राज्यों या उनके भागों को मिलाकर नया राज्य बनाना।
- किसी राज्य के क्षेत्रफल को बढ़ाना।
- किसी राज्य के क्षेत्रफल को घटाना।
- किसी राज्य की सीमाओं को बदलना।
- किसी राज्य के नाम को परिवर्तित करना।
Source: IE
ध्रुव (DHRUVA ) पहल
पाठ्यक्रम: GS3/ अवसंरचना
संदर्भ
- भारतीय डाक विभाग ने DHRUVA (डिजिटल हब फॉर रेफरेंस एंड यूनिक वर्चुअल एड्रेस) नामक एक व्यापक नीति दस्तावेज जारी किया है, जिसका उद्देश्य राष्ट्रीय डिजिटल पता डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर (DPI) स्थापित करना है।
DHRUVA क्या है?
- परिचय: DHRUVA भारत में डाक विभाग (DoP) द्वारा विकसित किया जा रहा एक डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर (DPI) परियोजना है। इसका प्राथमिक उद्देश्य भारत के प्रत्येक घर के लिए एक विशिष्ट डिजिटल पता प्रदान करना है।
उद्देश्य
- पते की जानकारी प्रबंधन को एक मौलिक सार्वजनिक अवसंरचना के रूप में स्थापित करना।
- सटीक पता साझा करने के माध्यम से प्रभावी शासन, समावेशी सेवा वितरण, और उपयोगकर्ता अनुभव में सुधार करना।
DHRUVA की संरचनात्मक घटक
- डिजिटल पोस्टल इंडेक्स नंबर (DIGIPIN):
- भारत के भूभाग पर 4×4 मीटर ग्रिड के लिए 10-अंकीय अल्फान्यूमेरिक कोड आवंटित किया जाएगा, जो देशांतर-समांतर निर्देशांक (latitude-longitude) पर आधारित होगा।
- प्रत्येक DIGIPIN एक भौतिक स्थान को विशिष्ट रूप से पहचानता है, जिससे पते की अस्पष्टता और पुनरावृत्ति समाप्त होती है।
- डिजिटल एड्रेस लेयर:
- यह DIGIPIN के ऊपर निर्मित एक उपयोगकर्ता-केंद्रित और सहमति-आधारित परत होगी, जो उपयोगकर्ताओं को अपने पते के लिए कस्टम लेबल (जैसे “Home”, “Office”, “Warehouse”) बनाने की अनुमति देगी।
- इसमें विवरणात्मक तत्त्व (लैंडमार्क, फ्लोर नंबर, घर के नाम) को एकीकृत किया जाएगा, जबकि सटीक भू-स्थानिक टैगिंग बनी रहेगी।
Source: PIB
क्षेत्रीय रैपिड ट्रांजिट सिस्टम(RRTS)
पाठ्यक्रम: GS3/ अवसंरचना
संदर्भ
- दिल्ली-गाज़ियाबाद-मेरठ RRTS, जिसे नमो भारत भी कहा जाता है, अपने प्रथम चरण में परिचालन में आ चुका है, जिससे राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (NCR) में अर्ध-उच्च गति रेल संपर्क में महत्त्वपूर्ण वृद्धि हुई है।
रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम (RRTS)
- रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम (RRTS) एक अर्ध-उच्च गति रेल-आधारित यात्री पारगमन प्रणाली है, जिसे NCR के भीतर क्षेत्रीय गतिशीलता में सुधार के लिए डिज़ाइन किया गया है।
- इसे नेशनल कैपिटल रीजन ट्रांसपोर्ट कॉर्पोरेशन (NCRTC) द्वारा लागू किया गया है, जो निम्नलिखित का संयुक्त उपक्रम है:
- केंद्र सरकार
- दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान, और उत्तर प्रदेश की राज्य सरकारें

RRTS की प्रमुख विशेषताएँ
- यात्री नियंत्रण मोड: ट्रेनों में एक अद्वितीय ‘यात्री नियंत्रण मोड’ स्थापित किया गया है, जिसमें दरवाजे तब ही खुलते हैं जब यात्रियों द्वारा बटन दबाया जाता है।
- ट्रेन की गति:
- औसत गति: 80 किमी/घंटा
- अधिकतम गति: 160 किमी/घंटा
RRTS का महत्त्व
- शहरी यातायात को कम करता है, जिससे सड़क परिवहन के लिए एक तेज़ विकल्प उपलब्ध होता है।
- मेरठ से दिल्ली तक यात्रा समय में उल्लेखनीय कमी लाता है, जो दैनिक यात्रियों के लिए एक महत्त्वपूर्ण सुविधा है।
- अंतर-शहर कनेक्टिविटी और पहुँच में सुधार करके क्षेत्रीय विकास को बढ़ावा देता है।
Source: BL
भारतजेन लॉन्च
पाठ्यक्रम: GS3/विज्ञान और प्रौद्योगिकी
समाचार में
- केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) ने ‘भारत जेन’ का शुभारंभ किया।
भारत जेन (BharatGen)
- भारत का प्रथम सरकारी वित्त पोषित मल्टीमॉडल लैंग्वेज मॉडल (LLM) जो 22 भारतीय भाषाओं के लिए डिज़ाइन किया गया है।
- यह पाठ, वाणी और चित्र को एकीकृत करके नैतिक, समावेशी और क्षेत्र-विशिष्ट AI समाधान प्रदान करता है।
- इसे अंतर-विषयी साइबर-भौतिक प्रणालियों पर राष्ट्रीय मिशन के अंतर्गत विकसित किया गया है और इसका नेतृत्व IIT बॉम्बे की TIH फाउंडेशन द्वारा किया गया है।
- यह विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग (DST) द्वारा समर्थित है और भारत के प्रमुख शैक्षणिक संस्थानों, विशेषज्ञों और नवाचारकर्ताओं का एक मजबूत समूह इसमें शामिल है।
- इसका उद्देश्य भारत के भाषाई और सांस्कृतिक परिदृश्य में AI विकास को क्रांतिकारी बनाना है।
महत्त्व
- यह स्वास्थ्य सेवा, शिक्षा, कृषि और प्रशासन में बदलाव ला सकता है, जिससे AI-आधारित समाधान सक्षम होंगे।
- टेलीमेडिसिन जैसी सेवाएँ डॉक्टरों को रोगियों की मूल भाषा में संवाद करने में सहायता करेंगी, जिससे दूरस्थ क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं की पहुँच और विश्वास बढ़ेगा।
मल्टीमॉडल लैंग्वेज मॉडल (MLLM) के बारे में
- MLLMs वे डीप लर्निंग मॉडल हैं जो एकाधिक डेटा स्रोतों से जानकारी को व्याख्यायित और उत्पन्न करने में सक्षम होते हैं।
- मल्टीमॉडल लैंग्वेज मॉडल (MLLM) LLMs की तर्क करने की क्षमता (जैसे GPT या LLaMA-3) को मल्टीमॉडल डेटा प्राप्त करने, व्याख्या करने और आउटपुट देने की क्षमता के साथ एकीकृत करता है।
- MLLMs कृत्रिम बुद्धिमत्ता में अग्रणी भूमिका निभाते हैं क्योंकि वे पाठ, छवियों, ऑडियो और वीडियो जैसी विभिन्न डेटा शैलियों को संसाधित और संयोजित करने में सक्षम होते हैं।
Source :PIB
बिर्च हिमनद
पाठ्यक्रम: GS3/ पर्यावरण
संदर्भ
- बिर्च हिमनद का एक विशाल भाग विखंडित होकर घाटी में गिर गया, जिससे ब्लैटन गाँव का एक भाग आंशिक रूप से नष्ट हो गया।
बिर्च हिमनद के बारे में
- बिर्च हिमनद एक पर्वतीय हिमनद है जो लोशेंटल घाटी, वलैस कैंटन, उत्तरी स्विट्ज़रलैंड में स्थित है।
- यह ब्लैटन नामक अल्पाइन गाँव के पास स्थित है, जो अपनी सुरम्य सुंदरता और हिमनदीय परिदृश्य के लिए प्रसिद्ध है।
Source: BBC
महासागर पर लौह एरोसोल का प्रभाव
पाठ्यक्रम: GS3/पर्यावरण
संदर्भ
- हालिया अध्ययनों ने लौह एरोसोल (Iron Aerosols) की महत्त्वपूर्ण भूमिका को उजागर किया है, जो पूर्वी एशिया में मानवजनित औद्योगिक उत्सर्जन से उत्पन्न होते हैं और समुद्री पारिस्थितिक तंत्र को प्रभावित करते हैं।
अध्ययन के प्रमुख बिंदु
- वसंत ऋतु में, मजबूत पछुआ पवनें इन वायुजनित कणों को उत्तर प्रशांत महासागर के ऊपर ले जाती हैं, जहाँ वे सतही समुद्री जल में लोहे का निक्षेपण करते हैं।
- यह मानवजनित योगदान वसंत ऋतु में सतही समुद्री लोहे की कुल मात्रा का लगभग 39% है, जिससे पादप प्लवक उत्पादकता में उल्लेखनीय वृद्धि होती है, खासकर ट्रांज़िशन ज़ोन क्लोरोफिल फ्रंट (TZCF) के उत्तर में — यह क्षेत्र पोषक तत्त्व-समृद्ध और पोषक तत्त्व-विहीन जल के बीच प्राकृतिक विभाजन है।
- लोहे की उपलब्धता में अचानक वृद्धि फाइटोप्लवक प्रस्फुटन को उत्तेजित करती है, जिससे नाइट्रेट की खपत तेज होती है, और समुद्री पारिस्थितिकी तंत्र तेजी से नाइट्रोजन की कमी की ओर बढ़ता है।
- इससे पोषक तत्त्वों का शीघ्र समाप्त होना और पोषक तत्त्व-विहीन क्षेत्रों के विस्तार जैसी समस्याएँ उत्पन्न होती हैं, जो समुद्री जैव विविधता और उत्पादकता को खतरे में डालती हैं।
- जलवायु परिवर्तन इस स्थिति को और खराब करता है, क्योंकि महासागर का बढ़ता तापमान और स्तरीकरण (stratification) ऊर्ध्वाधर पोषक तत्त्वों के मिश्रण को कम कर देते हैं।
प्लवक क्या हैं?
- प्लवक वे छोटे जीव होते हैं जो महासागरों, समुद्रों और मीठे पानी के स्रोतों में प्रवाहित होते हैं। इन्हें दो मुख्य प्रकारों में वर्गीकृत किया जाता है:
- पादप प्लवक : ये सूक्ष्म पौधे होते हैं, मुख्य रूप से शैवाल, जो प्रकाश संश्लेषण (Photosynthesis) करते हैं और ऑक्सीजन उत्पादन के साथ-साथ जलीय खाद्य शृंखला (Aquatic Food Web) का आधार बनते हैं।
- जंतु-प्लवक : ये छोटे जानवर या बड़े जानवरों के लार्वा अवस्था होते हैं। वे पादप प्लवक और अन्य जंतु-प्लवक का भक्षण करते हैं।
- ये पोषक तत्त्वों के चक्रण (Nutrient Cycling) में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं और मछलियों व व्हेल सहित कई समुद्री प्रजातियों के लिए भोजन का स्रोत होते हैं।
प्लवक प्रस्फुटन
- प्लवक प्रस्फुटन एक जलीय पारिस्थितिकी तंत्र में पादप प्लवक और जंतु-प्लवक की जनसंख्या में अचानक वृद्धि को दर्शाता है।
Source: TH
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