पाठ्यक्रम :GS3/अर्थव्यवस्था
संदर्भ
- केंद्रीय बजट 2025-26 को “सबका विकास” थीम पर तैयार किया गया था, जिसमें भारत के सभी क्षेत्रों में संतुलित विकास पर बल दिया गया था।
- संविधान में कहीं भी ‘बजट’ शब्द का उल्लेख नहीं किया गया है। अनुच्छेद 112 में इसका उल्लेख ‘वार्षिक वित्तीय विवरण’ के रूप में किया गया है।
परिचय
- वित्त मंत्री ने जन-केंद्रित विकास के महत्त्व को उजागर करने के लिए प्रसिद्ध तेलुगु कवि श्री गुरजादा अप्पा राव की यह उक्ति उद्धृत की, “एक देश सिर्फ उसकी मिट्टी नहीं है; एक देश उसके लोग हैं।”
- विकसित भारत के सिद्धांत:
- गरीबी उन्मूलन (शून्य-गरीबी)
- उच्च-गुणवत्ता, सार्वभौमिक स्कूली शिक्षा प्रदान करना
- सस्ती, व्यापक स्वास्थ्य सेवा तक पहुंच सुनिश्चित करना
- कुशल कार्यबल के साथ पूर्ण रोजगार प्राप्त करना
- आर्थिक गतिविधियों में 70% महिलाओं को शामिल करना
- भारत को “विश्व की खाद्य टोकरी” बनाने के लिए कृषि को मजबूत करना
बजट अनुमान 2025-26 – उधार के अतिरिक्त कुल प्राप्तियाँ और कुल व्यय क्रमशः ₹ 34.96 लाख करोड़ और ₹ 50.65 लाख करोड़ अनुमानित हैं। – शुद्ध कर प्राप्तियाँ ₹ 28.37 लाख करोड़ अनुमानित हैं। राजकोषीय घाटा सकल घरेलू उत्पाद का 4.4 प्रतिशत होने का अनुमान है। – सकल बाजार उधार ₹ 14.82 लाख करोड़ अनुमानित हैं। – वित्त वर्ष 2025-26 में ₹ 11.21 लाख करोड़ (GDP का 3.1%) का पूंजीगत व्यय निर्धारित किया गया है। |
विकास के प्रमुख इंजन
- कृषि (प्रथम इंजन): 100 जिलों को कवर करने के लिए प्रधानमंत्री धन-धन्य कृषि योजना का शुभारंभ।
- दलहनों में आत्मनिर्भरता मिशन के अंतर्गत ‘तुअर, उड़द और मसूर दालों की खेती की जाएगी। किसान क्रेडिट कार्ड के लिए ऋण सीमा 3 लाख रुपये से बढ़ाकर 5 लाख रुपये की गई। सब्जियों, फलों, उच्च उपज वाले बीजों और कपास की उत्पादकता के लिए व्यापक कार्यक्रम।

- MSMEs (दूसरा इंजन): MSME निवेश और टर्नओवर सीमा को 2.5 एवं 2 गुना तक बढ़ाया गया।
- सूक्ष्म उद्यमों के लिए क्रेडिट कार्ड तथा 5 लाख महिलाओं और हाशि
- ए पर पड़े उद्यमियों के लिए ऋण योजना।
- खिलौना विनिर्माण केंद्र का विकास तथा राष्ट्रीय विनिर्माण मिशन।

- निवेश (तीसरा इंजन): स्कूलों में 50,000 अटल टिंकरिंग लैब स्थापित की जाएँगी।
- भारतनेट परियोजना के अंतर्गत सभी माध्यमिक विद्यालयों और प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों के लिए ब्रॉडबैंड।
- कौशल विकास के लिए राष्ट्रीय उत्कृष्टता केन्द्रों की स्थापना।
- पूँजीगत व्यय के लिए राज्यों को 50 वर्षीय ब्याज मुक्त ऋण के लिए ₹1.5 लाख करोड़।
- शहरी विकास को समर्थन देने के लिए ₹1 लाख करोड़ का शहरी चुनौती कोष।
- निजी क्षेत्र द्वारा संचालित अनुसंधान एवं विकास और नवाचार के लिए ₹20,000 करोड़।
- शहरी नियोजन के लिए राष्ट्रीय भू-स्थानिक मिशन और पांडुलिपि संरक्षण के लिए ज्ञान भारतम मिशन।
- परमाणु ऊर्जा विस्तार: छोटे मॉड्यूलर रिएक्टरों (SMRs) के लिए 20,000 करोड़ रुपये।


- निर्यात (चौथा इंजन): व्यापार दस्तावेजीकरण के लिए निर्यात संवर्धन मिशन और भारत ट्रेडनेट का शुभारंभ।
- घरेलू विनिर्माण और वैश्विक आपूर्ति शृंखलाओं के साथ एकीकरण के लिए समर्थन।
- एयर कार्गो और मत्स्य निर्यात के लिए बुनियादी ढाँचा समर्थन।

सुधार
- वित्तीय क्षेत्र: बीमा में FDI सीमा 74% से बढ़ाकर 100% की गई।
- विनियामक सुधारों के लिए एक उच्च स्तरीय समिति की स्थापना।
- राज्यों के निवेश मित्रता सूचकांक की शुरूआत।
- जन विश्वास विधेयक 2.0 के तहत 100 से अधिक प्रावधानों का गैर-अपराधीकरण।
- विनियमनों की समीक्षा के लिए वित्तीय स्थिरता और विकास परिषद (FSDC)।
- कराधान एवं राजकोषीय नीति: वित्त वर्ष 2025-26 के लिए सकल घरेलू उत्पाद का 4.4% राजकोषीय घाटा लक्ष्य।
- 2025-26 के लिए प्राप्तियों और व्यय अनुमानों में वृद्धि।
- स्पष्ट रोडमैप के साथ राजकोषीय समेकन के प्रति प्रतिबद्धता।
कर प्रस्ताव :
- व्यक्तिगत आयकर सुधार: प्रति वर्ष ₹12 लाख तक की आय पर कोई कर नहीं।
- ₹12.75 लाख तक की आय पर ₹75,000 की मानक कटौती।
- कर सुधारों के कारण ₹1 लाख करोड़ के राजस्व हानि की संभावना ।

- TDS/TCS युक्तिकरण: वरिष्ठ नागरिकों के लिए ब्याज पर TDS सीमा ₹50,000 से बढ़ाकर ₹1 लाख की गई।
- किराए पर TDS सीमा ₹2.4 लाख से बढ़ाकर ₹6 लाख की गई।
- किसी भी आकलन वर्ष के लिए अद्यतन रिटर्न दाखिल करने की अवधि को 4 वर्ष तक बढ़ाया गया।
- अनुपालन सरलीकरण: छोटे धर्मार्थ ट्रस्टों के लिए पंजीकरण अवधि को 5 से बढ़ाकर 10 वर्ष किया गया।
- वरिष्ठ नागरिकों को राष्ट्रीय बचत योजना की निकासी पर कर छूट का लाभ मिला।
- रोजगार और निवेश को बढ़ावा: इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण कंपनियों को सेवाएँ प्रदान करने वाले गैर-निवासियों के लिए अनुमानित कराधान व्यवस्था।
- सॉवरेन वेल्थ फंड्स और पेंशन फंड्स में निवेश की समय-सीमा को 2030 तक बढ़ाया गया।

- सीमा शुल्क टैरिफ सुधार: सात टैरिफ को हटाना, उपकर को सरल बनाना, तथा महत्त्वपूर्ण खनिजों और वस्त्रों पर मूल सीमा शुल्क (BCD) में कमी करना।
- लिथियम-आयन बैटरी विनिर्माण पूंजीगत वस्तुओं और जहाज निर्माण सामग्री पर BCD में कमी।
- घरेलू विनिर्माण को प्रोत्साहित करने के लिए शुल्क समायोजन।
- निर्यात संवर्धन: निर्यात को बढ़ावा देने के लिए मछली उत्पादों और चमड़े पर BCD में कमी।
- कैंसर, दुर्लभ बीमारियों और पुरानी बीमारियों के लिए जीवन रक्षक दवाओं पर बीसीडी से पूरी तरह छूट दी गई।
राज्यवार पहल – बिहार: नया ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट, पश्चिमी कोशी नहर परियोजना, मखाना बोर्ड। – उत्तर प्रदेश: मेडिकल कॉलेज विस्तार, जल जीवन मिशन, पर्यटन वृद्धि। – महाराष्ट्र: शहरी चुनौती निधि, गिग वर्कर सामाजिक सुरक्षा, परमाणु ऊर्जा मिशन। – तमिलनाडु: जहाज निर्माण क्लस्टर, शहरी चुनौती निधि। – गुजरात: समुद्री विकास निधि, परमाणु ऊर्जा विस्तार। – कर्नाटक: शिक्षा केंद्र के लिए AI, IISc में PM रिसर्च फेलोशिप। – आंध्र प्रदेश और तेलंगाना: जल और स्वच्छता, तेलुगु में डिजिटल पुस्तकें। – राजस्थान: कपास उत्पादकता मिशन, मेडिकल कॉलेज विस्तार। – पंजाब और हरियाणा: दलहन मिशन, किसानों के लिए बढ़ा हुआ ऋण। – उत्तर-पूर्व: असम में नया यूरिया संयंत्र, मत्स्य विकास। 2025-26 में मंत्रालयवार व्यय (करोड़ रुपये में) ![]() |
Source :PIB
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