पाठ्यक्रम: GS2/ अंतर्राष्ट्रीय संबंध
संदर्भ
- भारत और संयुक्त अरब अमीरात (UAE) ने नई दिल्ली में आयोजित 13वीं भारत-UAE संयुक्त रक्षा सहयोग समिति (JDCC) बैठक के दौरान द्विपक्षीय रक्षा सहयोग को सुदृढ़ करने की प्रतिबद्धता दोहराई।
13वीं JDCC बैठक के प्रमुख निष्कर्ष
- संयुक्त निर्माण: भारत और UAE ने संयुक्त निर्माण पहलों को आगे बढ़ाने पर सहमति व्यक्त की, जैसे कि ICOMM (भारत) और CARACAL (UAE) के बीच छोटे हथियारों के उत्पादन में सहयोग का मॉडल।
- प्रौद्योगिकी सह-विकास: कृत्रिम बुद्धिमत्ता, स्वायत्तता और साइबर सुरक्षा जैसे उभरते क्षेत्रों में आगामी पीढ़ी की तकनीकों के सह-विकास पर चर्चा हुई।
- समझौता ज्ञापन (MoU): भारतीय तटरक्षक बल और UAE नेशनल गार्ड के बीच एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए ताकि निम्नलिखित क्षेत्रों में सहयोग को गहरा किया जा सके:
- खोज और बचाव अभियान
- समुद्री डकैती विरोधी मिशन
- प्रदूषण नियंत्रण प्रतिक्रिया
- समुद्री स्थिति की जागरूकता
रक्षा सहयोग का महत्व
- क्षेत्रीय संघर्षों का संतुलन: पश्चिम एशिया में भारत का संतुलित दृष्टिकोण उसे एक स्थिरता लाने वाले, गैर-प्रभुत्ववादी साझेदार के रूप में प्रस्तुत करता है, जो क्षेत्रीय विश्वास को बढ़ाता है।
- समुद्री सुरक्षा: होरमुज़ जलडमरूमध्य के पास UAE की रणनीतिक स्थिति भारत की अरब सागर में नौसैनिक उपस्थिति को पूरक बनाती है और संयुक्त समुद्री सुरक्षा को सुदृढ़ करती है।
- समुद्री मार्गों की सुरक्षा, व्यापार मार्गों की रक्षा और समुद्री डकैती विरोधी उपायों को सुदृढ़ करते हैं।
- भारत की रक्षा निर्यात और उत्पादन क्षमताओं को बढ़ावा: इस प्रकार की साझेदारियों से भारत को 2025 तक ₹35,000 करोड़ के रक्षा निर्यात लक्ष्य को प्राप्त करने में सहायता मिलती है।
भारत और UAE संबंध
- राजनीतिक: भारत और संयुक्त अरब अमीरात ने 1972 में राजनयिक संबंध स्थापित किए।
- बहुपक्षीय सहयोग: भारत और UAE कई बहुपक्षीय मंचों का हिस्सा हैं जैसे I2U2 (भारत-इज़राइल-UAE-अमेरिका) और UFI (UAE-फ्रांस-भारत) त्रिपक्षीय सहयोग।
- UAE को G-20 शिखर सम्मेलन में अतिथि देश के रूप में आमंत्रित किया गया था।
- इस समझौते के बाद द्विपक्षीय व्यापार लगभग दोगुना होकर FY 2020-21 के USD 43.3 बिलियन से FY 2023-24 में USD 83.7 बिलियन हो गया।
- UAE भारत का दूसरा सबसे बड़ा निर्यात गंतव्य है (अमेरिका के बाद), जिसमें 2022-23 में लगभग USD 31.61 बिलियन का निर्यात हुआ।
- 2024 में द्विपक्षीय निवेश संधि (BIT) पर हस्ताक्षर किए गए, जो निवेशकों को सुरक्षा प्रदान कर द्विपक्षीय निवेश को प्रोत्साहित करती है।
- आर्थिक और वाणिज्यिक: 2022 में व्यापक आर्थिक भागीदारी समझौता (CEPA) पर हस्ताक्षर किए गए।
- रक्षा सहयोग: यह सहयोग मंत्रालय स्तर पर संयुक्त रक्षा सहयोग समिति (JDCC) द्वारा संचालित होता है।
- 2003 में रक्षा सहयोग पर समझौते पर हस्ताक्षर हुए, जो 2004 में प्रभाव में आया।
- “डेजर्ट साइक्लोन” सैन्य अभ्यास 2024 ने सैन्य सहयोग में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि दर्ज की।
- अंतरिक्ष सहयोग: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) और UAE अंतरिक्ष एजेंसी ने 2016 में शांतिपूर्ण उद्देश्यों के लिए बाह्य अंतरिक्ष के अन्वेषण और उपयोग में सहयोग हेतु MoU पर हस्ताक्षर किए।
- भारतीय समुदाय: UAE में लगभग 3.5 मिलियन भारतीय प्रवासी समुदाय है, जो देश की कुल जनसंख्या का लगभग 35% है।
निष्कर्ष
- भारत–UAE रक्षा साझेदारी का गहन होना एक परिपक्व रणनीतिक संबंध को दर्शाता है, जो अब केवल व्यापार और प्रवासी संबंधों तक सीमित नहीं है, बल्कि रक्षा नवाचार, क्षेत्रीय सुरक्षा एवं रणनीतिक स्वायत्तता जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों को भी समाहित करता है।
- संयुक्त रक्षा प्रयास भारत के व्यापक उद्देश्य के अनुरूप हैं, जो इंडो-पैसिफिक और पश्चिम एशिया में एक नियम-आधारित, बहुध्रुवीय क्षेत्रीय व्यवस्था की स्थापना करना चाहता है।
Source: PIB
Previous article
संक्षिप्त समाचार 01-08-2025
Next article
भारत में राज्यों का भाषाई पुनर्गठन