पाठ्यक्रम: GS1/भू-भौतिकीय घटनाएँ
संदर्भ
- भीषण चक्रवाती तूफान ‘मोंथा’ ने आंध्र प्रदेश में दस्तक दी।
- ‘मोंथा’ नाम, जिसका अर्थ है सुंदर या सुगंधित फूल, थाईलैंड द्वारा प्रस्तावित किया गया था।
- आगामी चक्रवात का नाम ‘सेन्यार’ होगा, जिसे संयुक्त अरब अमीरात ने दिया है। इसके बाद ‘दित्वाह’ (यमन), ‘अर्नब’ (बांग्लादेश), और ‘मुरासु’ (भारत) नाम दिए जाएंगे।
चक्रवात क्या हैं?
- ‘चक्रवात’ शब्द ग्रीक शब्द ‘साइक्लोस’ से लिया गया है, जिसका अर्थ है सांप की कुंडलियाँ(coils of a snake)।
- यह नाम हेनरी पेडिंगटन ने दिया था क्योंकि बंगाल की खाड़ी और अरब सागर में उठने वाले उष्णकटिबंधीय तूफान समुद्र के कुंडलित सांपों जैसे प्रतीत होते हैं।
- चक्रवात शक्तिशाली, घूर्णनशील तूफान होते हैं जो उष्ण समुद्री जल के ऊपर बनते हैं। इनका केंद्र निम्न वायुदाब वाला होता है और इनमें तीव्र वायु चलती हैं।

- विश्वभर में चक्रवातों के नाम विश्व के विभिन्न क्षेत्रों में चक्रवातों को अलग-अलग नामों से जाना जाता है:
- चीन सागर और प्रशांत महासागर में इन्हें ‘टाइफून’ कहा जाता है।
- कैरिबियन सागर और अटलांटिक महासागर के वेस्ट इंडियन द्वीपों में ‘हरिकेन’।
- पश्चिम अफ्रीका और दक्षिणी अमेरिका के गिनी क्षेत्रों में ‘टॉर्नेडो’।
- उत्तर-पश्चिमी ऑस्ट्रेलिया में ‘विली-विलीज’।
- हिंद महासागर में ‘ट्रॉपिकल साइक्लोन’।
चक्रवात कैसे बनते हैं?
- स्थिति: चक्रवात सामान्यतः उष्ण समुद्री जल के ऊपर बनते हैं। यह गर्मी और नमी चक्रवात को ऊर्जा प्रदान करती है।
- निम्न वायुदाब प्रणाली का निर्माण: जब वायु समुद्र की सतह से ऊपर उठती है, तो नीचे निम्न वायुदाब का क्षेत्र बनता है।
- इससे आसपास के उच्च वायुदाब वाले क्षेत्रों की वायु उस ओर खिंचती है, जिससे वह गर्म होकर ऊपर उठती है।
- चक्रवातीय घूर्णन: पृथ्वी के घूर्णन (कोरिओलिस प्रभाव) के कारण यह उठती वायु निम्न वायुदाब केंद्र के चारों ओर घूमने लगती है। यही चक्रवातीय घूर्णन का विकास करता है।

- जैसे-जैसे यह वायुमंडलीय प्रणाली तीव्रता से घूमती है, बीच में एक ‘आंख’ (eye) बनती है।
- चक्रवात का केंद्र बहुत शांत और स्पष्ट होता है, जिसमें वायुदाब अत्यंत कम होता है। ऊष्मायुक्त वायु और शीत वातावरण के बीच तापमान का अंतर वायु को ऊपर उठने और हल्का बनने में मदद करता है।
- क्षीणता: जब चक्रवात शीत जल के ऊपर पहुंचता है, शुष्क वायु से टकराता है या भूमि से संपर्क करता है, तो यह कमजोर पड़ने लगता है और अंततः समाप्त हो जाता है क्योंकि इसकी ऊर्जा का स्रोत बाधित हो जाता है।
नामकरण
- चक्रवातों के नाम विश्व मौसम विज्ञान संगठन (WMO) की एक अंतरराष्ट्रीय समिति द्वारा बनाए और अद्यतन किए जाते हैं।
- उत्तर हिंद महासागर क्षेत्र में चक्रवातों का नामकरण क्षेत्रीय विशेषीकृत मौसम विज्ञान केंद्रों (RSMCs) द्वारा किया जाता है, जिनमें भारत, बांग्लादेश, म्यांमार, ओमान, पाकिस्तान और श्रीलंका शामिल हैं।
- प्रत्येक देश नामों की एक सूची में योगदान देता है, जिसका उपयोग चक्रवातों के लिए क्रमवार किया जाता है।
- चक्रवातों को नाम देने का मुख्य उद्देश्य संचार को आसान और प्रभावी बनाना है।
| भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) – IMD की स्थापना 1875 में हुई थी। – यह मौसम विज्ञान और संबंधित विषयों से जुड़े सभी मामलों में भारत सरकार की प्रमुख एजेंसी है। – यह पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय (MoES) के अंतर्गत कार्य करता है। |
Source: TH
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