पाठ्यक्रम: GS3/पर्यावरण
संदर्भ
- प्रधानमंत्री सूर्य घर योजना के प्रदर्शन पर एक रिपोर्ट संयुक्त रूप से इंस्टीट्यूट फॉर एनर्जी इकोनॉमिक्स एंड फाइनेंशियल एनालिसिस (IEEFA) और JMK रिसर्च एंड एनालिटिक्स द्वारा प्रकाशित की गई है।
मुख्य विशेषताएँ
- लक्ष्य की प्राप्ति: 2024 और 2025 के बीच आवेदनों में लगभग चार गुना वृद्धि के बावजूद, 1 करोड़ सोलर रूफटॉप इंस्टॉलेशन के लक्ष्य में से केवल 13.1% ही प्राप्त किया जा सका है।
- इस परिप्रेक्ष्य में, वित्त वर्ष 2027 तक 1 करोड़ इंस्टॉलेशन का लक्ष्य अभी भी एक बड़ी चुनौती बना हुआ है।
- जारी की गई सब्सिडी: जुलाई 2025 तक ₹65,700 करोड़ की आवंटित सब्सिडी में से केवल 14.1% ही जारी की गई है।
- कुल क्षमता में हिस्सेदारी: जुलाई 2025 तक PMSGY के अंतर्गत जोड़ी गई 4.9 GW की इंस्टॉलेशन देश की कुल आवासीय रूफटॉप क्षमता का लगभग 44.5% है।
- अग्रणी राज्य: गुजरात 1,491 मेगावाट की सबसे अधिक स्थापित आवासीय रूफटॉप सोलर क्षमता के साथ सभी राज्यों में अग्रणी है, इसके बाद महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, केरल और राजस्थान का स्थान है।
- चिंताएं:
- अनुमोदन में देरी: प्रक्रियात्मक अनुमोदन प्रक्रिया धीमी है, जिसमें 45–120 दिन लगते हैं, जिससे परियोजनाओं में देरी होती है।
- घरेलू सामग्री प्रतिबंध (DCR): यह योजना केवल भारत में पूर्ण रूप से निर्मित सोलर सिस्टम के लिए प्रोत्साहन प्रदान करती है।
- उच्च लागत: घरेलू DCR घटक आयातित घटकों की तुलना में ₹12/वॉट महंगे हैं, जिससे इंस्टॉलेशन की लागत-प्रभावशीलता कम हो जाती है।
- आपूर्ति बाधाएं: घरेलू डीसीआर मॉड्यूल का उत्पादन खंडित और सीमित है, जिससे डिलीवरी में दो महीने तक की देरी होती है।
- उपभोक्ता व्यवहार: उच्च कीमतों और लंबे इंतजार के कारण कई उपभोक्ता सब्सिडी लाभों की बजाय तीव्र इंस्टॉलेशन के लिए गैर-DCR सिस्टम को प्राथमिकता देते हैं।
- सिफारिशें
- घरेलू आपूर्ति बनाम निर्यात: जब तक घरेलू मॉड्यूल आपूर्ति को PMSGY के लिए निर्यात की तुलना में प्राथमिकता देने और एंटी-डंपिंग से जुड़ी लागत दबाव को कम करने के लिए ठोस उपाय नहीं किए जाते, तब तक आवासीय रूफटॉप सोलर परियोजनाओं की सुलभता एवं समयबद्ध क्रियान्वयन अनिश्चित बना रहेगा।
- राज्य-स्तरीय लक्ष्यों की आवश्यकता: विशेषज्ञों ने राज्य स्तर पर स्पष्ट और समयबद्ध रूफटॉप सोलर क्षमता लक्ष्य तय करने की आवश्यकता पर बल दिया है, ताकि एक समग्र राष्ट्रीय दृष्टिकोण बन सके और विभिन्न क्षेत्रों में नीति का प्रभावी क्रियान्वयन सुनिश्चित हो सके।
| प्रधानमंत्री सूर्य घर: मुफ्त बिजली योजना – यह योजना 2024 में शुरू की गई थी और इसका उद्देश्य घरों को मुफ्त बिजली प्रदान करना है, जिसके लिए रूफटॉप सोलर पैनल की स्थापना को प्रोत्साहित किया जाता है। इंस्टॉलेशन लक्ष्य: – अक्टूबर 2025 तक: 40 लाख घरों तक पहुंचना। – मार्च 2027 तक: 1 करोड़ घरों तक पहुंचना। – यह योजना घरों को 40% तक की सब्सिडी प्रदान करती है, जिससे नवीकरणीय ऊर्जा अधिक सुलभ और किफायती बनती है। पात्रता: मॉडल सोलर गांव: – इस घटक के लिए ₹800 करोड़ का आवंटन किया गया है, जिसमें प्रत्येक चयनित मॉडल सोलर गांव को ₹1 करोड़ प्रदान किए जाएंगे। – किसी गांव को उम्मीदवार बनने के लिए राजस्व गांव होना चाहिए, जिसकी जनसंख्या 5,000 से अधिक हो (या विशेष श्रेणी वाले राज्यों में 2,000)। – इस पहल का उद्देश्य सौर ऊर्जा को अपनाने को बढ़ावा देना और गांव समुदायों को ऊर्जा आत्मनिर्भरता प्राप्त करने के लिए सशक्त बनाना है। – उपलब्धि: प्रधानमंत्री सूर्य घर: मुफ्त बिजली योजना (PMSGMBY) ने मार्च 2025 तक 10 लाख घरों को सौर ऊर्जा से सशक्त बनाकर एक ऐतिहासिक उपलब्धि प्राप्त की है। |
Source: TH
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