पाठ्यक्रम: GS1 / समाज और GS2 / शासन
संदर्भ
- भारत के महापंजीयक (RGI) ने “नागरिक पंजीकरण प्रणाली (CRS) पर आधारित भारत की महत्वपूर्ण सांख्यिकी” रिपोर्ट जारी की, जिसमें प्रमुख जनसांख्यिकीय प्रवृत्तियों, जन्मों में गिरावट, मृत्यु दर में मामूली वृद्धि, एवं जन्म के समय लिंगानुपात तथा पंजीकरण स्तरों में क्षेत्रीय भिन्नताओं को उजागर किया गया।
CRS 2023 रिपोर्ट के प्रमुख निष्कर्ष
- पंजीकृत जन्म: 2023 में 2.52 करोड़ जन्म पंजीकृत हुए, जो 2022 की तुलना में लगभग 2.32 लाख कम हैं।
- कुल जन्म पंजीकरण दर 98.4% रही, जो लगभग पूर्ण कवरेज को दर्शाती है। संस्थागत जन्म: कुल पंजीकृत जन्मों में से 74.7%।
- पंजीकृत मृत्यु: 2023 में 86.6 लाख मृत्यु पंजीकृत हुईं, जो 2022 की 86.5 लाख मृत्यु की तुलना में मामूली वृद्धि है।
- 2021 में मृत्यु दर में उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई थी, जब COVID-19 की दूसरी लहर के कारण मृत्यु संख्या 2020 की तुलना में 21 लाख बढ़कर 102.2 लाख हो गई थी।
- जन्म के समय लिंगानुपात (SRB):
- न्यूनतम SRB: झारखंड (899), बिहार (900), तेलंगाना (906), महाराष्ट्र (909), गुजरात (910), हरियाणा (911), और मिजोरम (911)।
- अधिकतम SRB: अरुणाचल प्रदेश (1,085), नागालैंड (1,007), गोवा (973), त्रिपुरा (972), और केरल (967)।
- प्रवृत्ति: बिहार 2020 से लगातार सबसे कम SRB दर्ज कर रहा है, जो लिंग असंतुलन की स्थायी समस्या को दर्शाता है।
- जन्मों का समय पर पंजीकरण: 11 राज्य/केंद्र शासित प्रदेशों ने 21 दिनों के अंदर 90% से अधिक पंजीकरण प्राप्त किया, जिनमें गुजरात, तमिलनाडु, हरियाणा, गोवा और पंजाब शामिल हैं।
- 5 राज्यों (ओडिशा, मिजोरम, महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, आंध्र प्रदेश) ने 80–90% पंजीकरण दर्ज किया, जबकि 14 राज्य 50–80% के बीच रहे। सिक्किम का डेटा इस रिपोर्ट में शामिल नहीं किया गया।
| नागरिक पंजीकरण प्रणाली (CRS) के बारे में – भारत में नागरिक पंजीकरण प्रणाली (CRS) जन्म, मृत्यु और मृतजन्म जैसी महत्वपूर्ण घटनाओं के निरंतर, स्थायी एवं अनिवार्य पंजीकरण की एक एकीकृत प्रक्रिया है। – यह विवाह या तलाक के पंजीकरण को शामिल नहीं करती। – यह प्रणाली “जन्म और मृत्यु पंजीकरण अधिनियम, 1969” के अंतर्गत संचालित होती है, जो उस क्षेत्र के नामित पंजीयक को सभी जन्मों एवं मृत्यु की अनिवार्य रिपोर्टिंग को अनिवार्य बनाता है। |
Source: TH
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