पाठ्यक्रम: GS2/अंतर्राष्ट्रीय संबंध
समाचार में
- रूस और भारत ने बदलते वैश्विक परिदृश्य के बीच अपनी 25 वर्षीय रणनीतिक साझेदारी को महत्वपूर्ण रूप से आगे बढ़ाया है।
पृष्ठभूमि
- वर्ष 2000 में, रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और भारतीय प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने रणनीतिक साझेदारी पर घोषणा-पत्र पर हस्ताक्षर किए, जिससे द्विपक्षीय संबंधों का एक नया अध्याय शुरू हुआ।
- दिसंबर 2010 में, इस साझेदारी को “विशेष और विशेषाधिकार प्राप्त रणनीतिक साझेदारी” में उन्नत किया गया।
- सरकारी आयोग और 2+2 संवाद सहित कई संस्थागत संवादों के माध्यम से राजनीति, रक्षा, व्यापार, विज्ञान एवं संस्कृति के क्षेत्रों में मजबूत सहयोग सुनिश्चित किया गया है।
नेतृत्व स्तर की भागीदारी
- भारत-रूस वार्षिक शिखर सम्मेलन सबसे उच्च स्तरीय संवाद तंत्र है, जिसकी 22 बैठकें दोनों देशों में बारी-बारी से आयोजित हुई हैं।
- जुलाई 2024 में मास्को में हुए शिखर सम्मेलन में 2030 तक साझेदारी और आर्थिक सहयोग पर संयुक्त वक्तव्य जारी किए गए, साथ ही 9 समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर हुए।
- भारतीय प्रधानमंत्री को रूस का सर्वोच्च सम्मान “ऑर्डर ऑफ सेंट एंड्रयू” प्रदान किया गया।
- नेता द्विपक्षीय और वैश्विक मुद्दों पर चर्चा के लिए नियमित रूप से फोन पर संपर्क बनाए रखते हैं।
- भारत और रूस के बीच नियमित मंत्री स्तरीय संपर्क होता है, जिसमें विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव एवं अन्य प्रमुख मंत्रियों के बीच बार-बार बैठकें होती हैं।
बहुपक्षीय भागीदारी
- भारत और रूस संयुक्त राष्ट्र, G20, ब्रिक्स एवं SCO जैसे बहुपक्षीय मंचों में निकट सहयोग करते हैं।
- 2023 में भारत की G20 और SCO अध्यक्षता के दौरान दोनों देशों ने कई उच्च स्तरीय बैठकों में भाग लिया।
- रूस संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारत की स्थायी सदस्यता की दावेदारी का समर्थन करता है।
- 2024 में रूस ने ब्रिक्स की अध्यक्षता की और कज़ान में नेताओं के शिखर सम्मेलन सहित कई कार्यक्रमों की मेजबानी की, जिसमें भारत ने सक्रिय भागीदारी की।
व्यापार और आर्थिक संबंध
- भारत और रूस का लक्ष्य 2030 तक द्विपक्षीय व्यापार को $100 बिलियन एवं 2025 तक निवेश को $50 बिलियन तक बढ़ाना है।
- वित्त वर्ष 2023-24 में व्यापार $65.7 बिलियन के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया, जिसमें भारत ने दवाइयाँ और मशीनरी निर्यात की, तथा रूस से तेल, उर्वरक एवं खनिज आयात किए।
- सेवाओं का व्यापार स्थिर बना हुआ है, तथा तेल, गैस, पेट्रोकेमिकल्स, बैंकिंग, रेलवे और फार्मास्यूटिकल्स में निवेश सुदृढ़ है।
रक्षा और सुरक्षा सहयोग
- भारत और रूस के बीच IRIGC-M&MTC के अंतर्गत मजबूत रक्षा सहयोग है, जिसमें इंद्र(INDRA) और वोस्तोक(Vostok) जैसे संयुक्त सैन्य अभ्यास शामिल हैं।
- प्रमुख परियोजनाओं में S-400 प्रणाली, T-90 टैंक, Su-30 MKI जेट, MiG-29 और कामोव हेलीकॉप्टर, INS विक्रमादित्य, AK-203 राइफलें और ब्रह्मोस मिसाइलें शामिल हैं।
- सहयोग ने खरीदार-विक्रेता से संयुक्त अनुसंधान और विकास की दिशा में प्रगति की है।
विज्ञान और प्रौद्योगिकी सहयोग
- भारत और रूस के बीच विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी में सुदृढ़ सहयोग है, जिसमें अंतरिक्ष उड़ान, नैनोटेक्नोलॉजी, क्वांटम कंप्यूटिंग तथा परमाणु ऊर्जा (कुडनकुलम संयंत्र) में संयुक्त कार्य शामिल है।
- 2021 के रोडमैप द्वारा निर्देशित यह सहयोग नवाचार, प्रौद्योगिकी व्यावसायीकरण और संयुक्त परियोजनाओं पर केंद्रित है, जिसे नियमित कार्य समूह बैठकों के माध्यम से समन्वित किया जाता है।
Source :DD
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