पाठ्यक्रम: GS3/ पर्यावरण
समाचार में
- भारत ने पेट्रोल में 20% एथेनॉल मिश्रण (E20) का लक्ष्य वर्ष 2025 में प्राप्त कर लिया है, जो राष्ट्रीय जैव ईंधन नीति (2018) के अंतर्गत निर्धारित 2030 के लक्ष्य से पाँच वर्ष पहले है।
- सरकार ने इसके प्रमुख लाभों को रेखांकित किया है, जैसे तेल आयात में कमी, किसानों की आय में वृद्धि, और कार्बन डाइऑक्साइड उत्सर्जन में गिरावट। हालांकि, माइलेज में कमी और कृषि स्थिरता से जुड़ी चिंताओं को लेकर उपभोक्ता असंतोष बना हुआ है।
एथेनॉल मिश्रण कार्यक्रम (EBP) के बारे में
- शुरुआत: पायलट परियोजना 2003 में; राष्ट्रीय जैव ईंधन नीति (2018) के अंतर्गत विस्तार। लक्ष्य: 2030 तक 20% एथेनॉल मिश्रण (E20) प्राप्त करना; 2025 में लक्ष्य हासिल।
- मंत्रालय: पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय
- उद्देश्य:
- भारत की कच्चे तेल आयात पर भारी (~85%) निर्भरता को कम करना।
- किसानों को सुनिश्चित बाजार प्रदान करना और उनकी आय बढ़ाना।
- जीवाश्म ईंधनों के स्थान पर एथेनॉल का उपयोग कर ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन को कम करना।
- फीडस्टॉक: गन्ना (मोलासेस और रस), चावल, मक्का/कॉर्न, क्षतिग्रस्त खाद्यान्न।
प्रमुख चिंताएं
- उपभोक्ता संबंधी मुद्दे:
- माइलेज में गिरावट: लोकलसर्किल्स के सर्वेक्षण में पाया गया कि 67% पेट्रोल वाहन मालिक E20 के विरोध में हैं, उन्होंने कम ईंधन दक्षता और बढ़े हुए रखरखाव व्यय का उदाहरण दिया।
- मूल्य लाभ सीमित: 2022–23 से वैश्विक कच्चे तेल की कीमतों में 65% की गिरावट के बावजूद, पेट्रोल की कीमतों में केवल लगभग 2% की कटौती हुई है, जिससे उपभोक्ताओं तक लागत बचत पहुंचने पर संदेह उत्पन्न हुआ है।
- कृषि स्थिरता:
- जल-गहन फसल: गन्ना प्रति टन 60–70 टन पानी की खपत करता है, जिससे विशेष रूप से महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश में भूजल स्तर में गिरावट आती है।
- भूमि क्षरण: भारत के लगभग 30% भूभाग का क्षरण हो चुका है, जिसका एक कारण अस्थिर कृषि पद्धतियाँ हैं।
- खाद्य बनाम ईंधन दुविधा: चावल और मक्का को एथेनॉल उत्पादन के लिए मोड़ने से खाद्य सुरक्षा पर प्रभाव पड़ा है (2024–25 में मक्का उत्पादन का 34% एथेनॉल में प्रयोग हुआ, साथ ही रिकॉर्ड चावल आवंटन), जिससे मक्का आयात में वृद्धि हुई है।
आगे की राह
- फीडस्टॉक में विविधता लाना: पर्यावरणीय प्रभाव को कम करने के लिए गन्ने के स्थान पर मक्का, बांस और कृषि अवशेषों जैसे वैकल्पिक स्रोतों का उपयोग करें।
- उपभोक्ता संरक्षण: ईंधन दक्षता में गिरावट की चिंताओं को दूर करने के लिए नीति आयोग द्वारा अनुशंसित कर प्रोत्साहन या मुआवजा लागू करें।
- संतुलित ऊर्जा रणनीति: एथेनॉल को एक संक्रमणकालीन या पुल ईंधन के रूप में उपयोग करें, साथ ही नवीकरणीय ऊर्जा-समर्थित चार्जिंग अवसंरचना के साथ इलेक्ट्रिक वाहनों को तीव्रता से अपनाएं।
Source: TH
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