पाठ्यक्रम :GS3/अर्थव्यवस्था
समाचारों में
- RBI की FREE-AI रूपरेखा विकसित करने वाली समिति ने अनुशंसा की है कि विनियमित संस्थाएं डेटा और कंप्यूटिंग एक्सेस को लोकतांत्रिक बनाने के लिए साझा अवसंरचना स्थापित करें तथा वित्तीय क्षेत्र के लिए एक AI इनोवेशन सैंडबॉक्स बनाएं।
वित्तीय क्षेत्र में AI
- कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) वैश्विक और भारतीय वित्तीय सेवा परिदृश्य को परिवर्तित कर रही है।
- AI का तीव्रता से वित्तीय सेवाओं के क्षेत्र में अपनाया जा रहा है।
- इस अपनाने को कई आवश्यकताओं द्वारा प्रेरित किया जा रहा है, जैसे ग्राहक अनुभव को बेहतर बनाना, कर्मचारी उत्पादकता बढ़ाना, राजस्व में वृद्धि, परिचालन लागत में कमी, नियामक अनुपालन सुनिश्चित करना, और नए व नवाचारी उत्पादों का निर्माण सक्षम करना।
लाभ
- यह चैटबॉट्स, वर्चुअल असिस्टेंट्स और व्यक्तिगत बैंकिंग के माध्यम से ग्राहक अनुभव को बेहतर बनाता है।
- AI वित्तीय संस्थानों को ग्राहक व्यवहार को बेहतर समझने, दक्षता बढ़ाने और बड़े पैमाने पर अधिक व्यक्तिगत सेवाएं प्रदान करने में सहायता करता है।
- यह रोबोटिक प्रोसेस ऑटोमेशन (RPA) और पूर्वानुमान विश्लेषण के माध्यम से परिचालन दक्षता में सुधार करता है।
- यह AI-संचालित धोखाधड़ी पहचान, क्रेडिट स्कोरिंग और अनुपालन उपकरणों के माध्यम से जोखिम प्रबंधन को सुदृढ़ करता है।
- यह कम लागत वाली सेवाओं को स्वचालित करके और वंचित जनसंख्या तक पहुंच बढ़ाकर वित्तीय समावेशन को सक्षम करता है।
AI अपनाने में चुनौतियाँ
- RBI के गवर्नर शक्तिकांत दास ने चेतावनी दी कि कुछ तकनीकी प्रदाताओं पर अत्यधिक निर्भरता प्रणालीगत जोखिमों को बढ़ा सकती है।
- डेटा गोपनीयता और साइबर सुरक्षा: AI प्रणालियाँ उल्लंघनों और अपारदर्शी निर्णय लेने के प्रति संवेदनशील होती हैं, जिससे नियामक अनुपालन जटिल हो जाता है।
- अवसंरचना की कमी: कई वित्तीय संस्थानों के पास AI तैनाती के लिए आवश्यक कंप्यूटिंग शक्ति और कुशल कार्यबल की कमी है।
- नियामक अनिश्चितता: AI की तेजी से विकसित होती प्रकृति पारंपरिक नियामक ढांचों को चुनौती देती है।
RBI और सरकारी पहलें
- RBI ने दिसंबर 2024 में FREE-AI (AI का उत्तरदायी और नैतिक सक्षमीकरण) रूपरेखा विकसित करने के लिए एक समिति का गठन किया।
- प्रमुख कदमों में AI अपनाने के लिए सात सूत्र शामिल हैं: विश्वास, लोगों को प्राथमिकता, नवाचार, निष्पक्षता, जवाबदेही, समझदारी और सुरक्षा।
- यह नवाचार और जोखिम को छह स्तंभों के माध्यम से संतुलित करता है: अवसंरचना, नीति, क्षमता (नवाचार) और शासन, संरक्षण, आश्वासन (जोखिम)।
- रिपोर्ट में 26 अनुशंसाएँ शामिल हैं, जैसे बोर्ड-अनुमोदित AI नीतियाँ, उपभोक्ता संरक्षण का विस्तार, ऑडिट्स और सुदृढ़ साइबर सुरक्षा को बढ़ावा देना ताकि जिम्मेदार AI अपनाने को प्रोत्साहित किया जा सके।
- भारतAI मिशन, जिसे माननीय प्रधानमंत्री के नेतृत्व में 7 मार्च 2024 को केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा अनुमोदित किया गया, भारत में एक समग्र और समावेशी AI पारिस्थितिकी तंत्र बनाने की एक ऐतिहासिक पहल है।
- यह सात रणनीतिक स्तंभों पर केंद्रित है: कंप्यूट क्षमता, नवाचार केंद्र, डेटा सेट प्लेटफ़ॉर्म, एप्लिकेशन डेवलपमेंट पहल, फ्यूचरस्किल्स, स्टार्टअप वित्तपोषण, और सुरक्षित व विश्वसनीय AI।
आगे की राह
- RBI की एक रिपोर्ट के अनुसार, जनरेटिव AI भारत में बैंकिंग संचालन को 46 प्रतिशत तक बेहतर बना सकता है।
- इसलिए, वित्तीय क्षेत्र में उत्तरदायी और समावेशी AI अपनाने को सुनिश्चित करने के लिए बोर्ड-अनुमोदित AI नीतियों को लागू करना तथा ऑडिट व उपभोक्ता संरक्षण ढांचों को AI-संबंधित पहलुओं तक विस्तारित करना आवश्यक है।
- साझा अवसंरचना को डेटा और कंप्यूटिंग तक पहुंच को लोकतांत्रिक बनाना चाहिए, साथ ही भारत की वित्तीय आवश्यकताओं के अनुरूप स्वदेशी AI मॉडल के विकास को बढ़ावा देना चाहिए।
- AI नैतिकता, डेटा विज्ञान और साइबर सुरक्षा में प्रशिक्षण के माध्यम से क्षमता निर्माण आवश्यक है, साथ ही सरकार, अकादमिक क्षेत्र और उद्योग के बीच सहयोग को प्रोत्साहित करना चाहिए।
- इसके अतिरिक्त, नियामक ढांचों को जोखिम के आधार पर गतिशील रूप से विकसित होना चाहिए, जिससे AI निर्णय लेने में पारदर्शिता और व्याख्यात्मकता सुनिश्चित हो सके।
Source :TH
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