पाठ्यक्रम: GS3/ अर्थव्यवस्था
संदर्भ
- विगत पाँच वर्षों में भारत में बौद्धिक संपदा (IP) फाइलिंग में 44% की वृद्धि हुई है, जो 2020–21 में 4,77,533 से बढ़कर 2024–25 में 6,89,991 हो गई है।
मुख्य निष्कर्ष
- सबसे अधिक वृद्धि भौगोलिक संकेतकों (GI) में 380% देखी गई, इसके बाद डिज़ाइनों में 266%, पेटेंट में 180%, कॉपीराइट में 83%, ट्रेडमार्क में 28%, और सेमीकंडक्टर इंटीग्रेटेड सर्किट लेआउट-डिज़ाइनों (SICLD) में 20% की वृद्धि हुई।
बौद्धिक संपदा (IP) अधिकार
- बौद्धिक संपदा को सामान्यतः ‘मन की उपज’ के रूप में परिभाषित किया जाता है।
- यह एक ऐसी संपत्ति है जो औद्योगिक, वैज्ञानिक, साहित्यिक या कलात्मक क्षेत्रों में बौद्धिक सृजन से उत्पन्न होती है।
- बौद्धिक संपदा अधिकार (IPR) एक कानूनी रूप से लागू होने वाला विशेषाधिकार है जो सीमित अवधि के लिए बौद्धिक संपदा के स्वामी को प्रदान किया जाता है।
- IPR रचनात्मकता और मानवीय प्रयास को पुरस्कृत करता है, जो मानवता की प्रगति को प्रेरित करता है।
- IPR के प्रकार
- पेटेंट
- कॉपीराइट
- ट्रेडमार्क
- औद्योगिक डिज़ाइन
- भौगोलिक संकेतक
- इंटीग्रेटेड सर्किट का लेआउट डिज़ाइन
- पौधों की किस्मों और किसानों के अधिकारों का संरक्षण
- अघोषित जानकारी / व्यापार रहस्य का संरक्षण

क्या भारतीय पेटेंट अन्य देशों में मान्य होता है?
- नहीं, पेटेंट अधिकार क्षेत्रीय होते हैं, जो केवल उस देश की सीमा में मान्य होते हैं जिसने पेटेंट जारी किया है।
- इसलिए, भारत सरकार द्वारा प्रदान किया गया पेटेंट केवल भारत में ही मान्य होगा।
भारत की पहलें
- राष्ट्रीय IPR नीति 2016: सभी IPR को एक एकीकृत दृष्टि दस्तावेज़ में समाहित करती है, जो कार्यान्वयन, निगरानी और समीक्षा के लिए संस्थागत तंत्र स्थापित करती है।
- यह नीति नवाचार एवं रचनात्मकता को प्रोत्साहित करती है, और आविष्कारकों, कलाकारों व सृजनकर्ताओं को मजबूत संरक्षण व प्रोत्साहन प्रदान करती है।
- AI और ML आधारित ट्रेडमार्क खोज तकनीक: ट्रेडमार्क आवेदनों की अधिक कुशल और सटीक जांच तथा तीव्र निपटान के लिए शुरू की गई।
- स्टार्ट-अप्स बौद्धिक संपदा संरक्षण (SIPP) योजना: 2016 में शुरू की गई, जो स्टार्टअप्स को पेटेंट, ट्रेडमार्क और डिज़ाइन आवेदन दाखिल करने व प्रक्रिया में नि:शुल्क सहायता प्रदान करती है।
- बौद्धिक संपदा प्रचार और प्रबंधन प्रकोष्ठ (CIPAM): राष्ट्रीय IPR नीति के कार्यान्वयन के समन्वय हेतु स्थापित।
- राष्ट्रीय बौद्धिक संपदा जागरूकता मिशन (NIPAM): शैक्षणिक संस्थानों में IP जागरूकता और मूल प्रशिक्षण प्रदान करने वाला प्रमुख कार्यक्रम।
- अटल नवाचार मिशन (AIM): 2016 में NITI आयोग द्वारा शुरू किया गया, जो भारत में नवाचार और उद्यमिता की संस्कृति को बढ़ावा देता है।
- AIM के चार प्रमुख कार्यक्रम हैं:
- अटल टिंकरिंग लैब्स
- अटल इनक्यूबेशन सेंटर्स
- अटल न्यू इंडिया चैलेंजेस और अटल ग्रैंड चैलेंजेस
- मेंटर इंडिया
- AIM के चार प्रमुख कार्यक्रम हैं:
निष्कर्ष
- भारत की IP वृद्धि, विशेष रूप से पेटेंट, औद्योगिक डिज़ाइन और ट्रेडमार्क में उल्लेखनीय प्रगति, नवाचार को बढ़ावा देने और वैश्विक आर्थिक उपस्थिति को मजबूत करने की उसकी प्रतिबद्धता को दर्शाती है। यह गति भारत के व्यापक आर्थिक विस्तार एवं नवाचार-आधारित विकास के लक्ष्यों को समर्थन प्रदान करती है।
Source: PIB
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