पुष्कर कुंभ
पाठ्यक्रम: GS1/ कला और संस्कृति
समाचार में
- 12 वर्षों के अंतराल के बाद, उत्तराखंड माणा गाँव के केशव प्रयाग में पुष्कर कुंभ मेला की मेजबानी कर रहा है।
पुष्कर कुंभ के बारे में
- पुष्कर कुंभ एक पवित्र वैष्णव तीर्थयात्रा है, जो प्रत्येक 12 वर्षों में केशव प्रयाग में आयोजित होती है।
- यह अलकनंदा और सरस्वती नदियों के संगम पर स्थित उत्तराखंड के माणा गाँव में बृहस्पति के मिथुन राशि में प्रवेश करने पर मनाया जाता है।
- इसका गहन आध्यात्मिक महत्त्व है, क्योंकि यही स्थान है जहाँ वेदव्यास ने महाभारत की रचना की थी।
- रामानुजाचार्य और माधवाचार्य जैसे संतों को माँ सरस्वती से दिव्य ज्ञान प्राप्त हुआ माना जाता है।
- यह पारंपरिक कुंभ मेलों की तुलना में छोटा होता है, लेकिन विशेष रूप से दक्षिण भारत से श्रद्धालुओं को आकर्षित करता है और इसे भारत की विविध आध्यात्मिक परंपराओं को जोड़ने वाली कड़ी के रूप में देखा जाता है।
Source: TH
सिक्किम का 50वाँ राज्य दिवस
पाठ्यक्रम: GS2/राजव्यवस्था
संदर्भ
- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सिक्किम के राज्य गठन की 50वीं वर्षगांठ के अवसर पर अपनी शुभकामनाएँ दीं।
परिचय
- सिक्किम 16 मई 1975 को भारत का 22वाँ राज्य बना, इसके प्रथम मुख्यमंत्री ल्हेंडुप दोरजी खंगसारपा के नेतृत्व में।
- सिक्किम को पहले ‘चोग्याल साम्राज्य’ के रूप में जाना जाता था, जहाँ शासन चोग्यालों द्वारा किया जाता था।
- अवस्थिति: सिक्किम भारत के उत्तर-पूर्वी भाग में, पूर्वी हिमालय में स्थित है।
- इसकी सीमाएँ उत्तर और उत्तर-पूर्व में चीन के तिब्बत स्वायत्त क्षेत्र, दक्षिण-पूर्व में भूटान, दक्षिण में पश्चिम बंगाल और पश्चिम में नेपाल से मिलती हैं।

- अन्य विशेषताएँ
- कंचनजंगा, भारत की सबसे ऊँची चोटी, सिक्किम में स्थित है।
- सिक्किम की जनसंख्या तीन मुख्य जातीय समूहों – लेपचा, भूटिया और नेपाली से मिलकर बनी है।
- राज्य की आधिकारिक भाषाएँ: अंग्रेजी, नेपाली, सिक्किमी (भूटिया) और लेपचा।
- राज्य पशु: लाल पांडा।
Source: Aअंतर्राष्ट्रीय संबंध
UPSC अध्यक्ष की नियुक्ति
पाठ्यक्रम: GS2/राजव्यवस्था और शासन
संदर्भ
- राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने संविधान के अनुच्छेद 316(1) के अंतर्गत डॉ. अजय कुमार को संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) के अध्यक्ष के रूप में नियुक्त किया है।
परिचय
- UPSC अध्यक्ष का पद प्रीति सुदान के कार्यकाल की समाप्ति के बाद खाली हुआ।
- UPSC भारत में सिविल सेवा परीक्षाओं का आयोजन करता है, जिसके माध्यम से भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS), भारतीय विदेश सेवा (IFS), भारतीय पुलिस सेवा (IPS) सहित अन्य अधिकारियों का चयन किया जाता है।
सदस्य
- अध्यक्ष सहित, आयोग में अधिकतम 10 सदस्य हो सकते हैं।
कार्यकाल
- UPSC अध्यक्ष को छह वर्षों के लिए या 65 वर्ष की आयु प्राप्त करने तक नियुक्त किया जाता है।
- सभी सदस्य भी समान कार्यकाल के लिए नियुक्त किए जाते हैं।
पुनर्नियुक्ति
- UPSC अध्यक्ष अपना कार्यकाल पूरा करने के बाद पुनर्नियुक्ति के लिए पात्र नहीं होते हैं।
हटाने की प्रक्रिया (अनुच्छेद 317)
- राष्ट्रपति द्वारा केवल दुराचरण के आधार पर हटाया जा सकता है।
- इसके लिए सर्वोच्च न्यायालय की जाँच और रिपोर्ट की आवश्यकता होती है, जो दुराचरण की पुष्टि करती है।
- राष्ट्रपति सर्वोच्च न्यायालय से इस संदर्भ में राय ले सकते हैं।
- न्यायालय की जाँच के बिना हटाने की स्थिति यदि व्यक्ति:
- दिवालिया घोषित हो जाता है।
- अपने कार्यालय कर्तव्यों के अलावा किसी भुगतानित रोजगार में संलग्न होता है।
- मानसिक या शारीरिक अक्षमता के कारण अयोग्य घोषित किया जाता है।
Source: PIB
भारत का व्यापार घाटा बढ़कर 8.65 अरब डॉलर हुआ
पाठ्यक्रम: GS3/ अर्थव्यवस्था
संदर्भ
- भारत का कुल व्यापार घाटा (वस्तु और सेवाओं को मिलाकर) अप्रैल 2025 में $8.65 बिलियन तक बढ़ गया, जबकि अप्रैल 2024 में यह $5.77 बिलियन था। यह जानकारी वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय द्वारा जारी आँकड़ों में सामने आई है।
परिचय
- निर्यात प्रदर्शन
- वित्त वर्ष 2024–25 में भारत का कुल निर्यात (वस्तु + सेवाएँ) $824.9 बिलियन तक पहुँच गया, जो वर्ष-दर-वर्ष 6% की वृद्धि दर्शाता है।
- वस्तु व्यापार (माल का व्यापार)
- अप्रैल 2025 में निर्यात 9% बढ़कर $38.49 बिलियन हो गया।
- आयात तेजी से बढ़ा, 19.1% की वृद्धि के साथ $64.91 बिलियन तक पहुँच गया।
- वस्तु व्यापार घाटा $26.4 बिलियन तक बढ़ गया (अप्रैल 2024 में यह $19.19 बिलियन था)।
- वित्त वर्ष 2024–25 में भारत का कुल निर्यात (वस्तु + सेवाएँ) $824.9 बिलियन तक पहुँच गया, जो वर्ष-दर-वर्ष 6% की वृद्धि दर्शाता है।
- सेवा व्यापार
- सेवाओं का निर्यात 17% बढ़कर $35.31 बिलियन हो गया।
- सेवाओं का आयात 4.6% बढ़कर $17.54 बिलियन हो गया।
- सेवा व्यापार अधिशेष $17.77 बिलियन रहा, जिसने कुल व्यापार घाटे को संतुलित करने में सहायता की।

| व्यापार घाटा क्या है? – यदि कोई देश दूसरे देशों से निर्यात की तुलना में अधिक वस्तु और सेवाएँ आयात करता है, तो उसे व्यापार घाटा कहा जाता है। – व्यापार घाटा घरेलू मुद्रा को कमजोर करता है। |
Source: TH
लूपेक्स मिशन
पाठ्यक्रम: GS3/अन्तरिक्ष
संदर्भ
- भारत और जापान लूनर पोलर एक्सप्लोरेशन (LUPEX) मिशन, जिसे चंद्रयान-5 भी कहा जाता है, के डिज़ाइन चरण में प्रवेश करने के लिए तैयार हैं।
मिशन के बारे में
- उद्देश्य: चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुवीय क्षेत्र का विस्तृत अन्वेषण करना, विशेष रूप से जल-बर्फ जमाव पर ध्यान केंद्रित करना।
- मिशन अवधि: इस वर्ष मार्च में कैबिनेट द्वारा अनुमोदित, प्रस्तावित मिशन 3.5 महीने (100 दिन) का होगा।
- लैंडर और रोवर:
- ISRO लैंडर का विकास कर रहा है।
- JAXA 350 किलोग्राम वजन वाला रोवर बना रहा है, जो चंद्र सतह पर गतिशीलता और 25 डिग्री तक की ढलान चढ़ने में सक्षम होगा।
भारत की चंद्र अन्वेषण समयरेखा

Source: IE
आकाश मिसाइल प्रणाली
पाठ्यक्रम: GS3/रक्षा
संदर्भ
- स्वदेशी रूप से विकसित आकाश मिसाइल प्रणाली ने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तान के हवाई हमलों को विफल करने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई।
आकाश मिसाइलों के बारे में
- प्रकार: यह एक मोबाइल, शॉर्ट-टू-मीडियम रेंज सतह-से-हवा में मार करने वाली मिसाइल (SAM) प्रणाली है।
- विकासकर्ता: इसे रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) द्वारा विकसित किया गया है और वर्तमान में भारतीय वायु सेना (IAF) और भारतीय सेना में सेवा में है।
- उद्देश्य: यह महत्त्वपूर्ण परिसंपत्तियों को दुश्मन के विमान, क्रूज़ मिसाइल और UAVs से वायु रक्षा कवर प्रदान करता है, और एक साथ कई लक्ष्यों को भेदने में सक्षम है।
- विशेषताएँ:
- मैक्स 2.5 तक की गति।
- उच्च गतिशीलता, जिससे तेज़ी से बदलते हवाई खतरों को रोक सकता है।
- मूल आकाश मिसाइल की सक्रिय सीमा 27 से 30 किलोमीटर थी और 18 कि.मी. की ऊँचाई तक पहुँचने में सक्षम थी।
अन्य संस्करण
- आकाश प्राइम:
- कम तापमान वाले वातावरण और अधिक ऊँचाइयों में बेहतर विश्वसनीयता।
- आकाश-NG (न्यू जेनरेशन):
- विस्तारित सीमा – 70 कि.मी. तक।
- स्टील्थ, उच्च गतिशीलता वाले खतरों को रोकने के लिए डिज़ाइन किया गया, जिनकी कम रडार क्रॉस-सेक्शन (RCS) होती है।
- अधिक कॉम्पैक्ट और हल्का, जिससे बेहतर स्फूर्ति मिलती है।

| क्या आप जानते हिं? – दिसंबर 2020 में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने आकाश मिसाइल के निर्यात को मंज़ूरी दी थी। – 2022 में, आर्मेनिया प्रथम विदेशी खरीदार बन गया, जिसने 15 आकाश मिसाइल प्रणालियों के लिए ₹6,000 करोड़ के सौदे पर हस्ताक्षर किए। |
Source: IE