नीति आयोग ने संयुक्त राष्ट्र की आर्थिक एवं सामाजिक परिषद (ECOSOC) द्वारा आयोजित सतत विकास लक्ष्यों (SDG) पर उच्च-स्तरीय राजनीतिक मंच (HLPF) के मंत्रिस्तरीय खंड में सतत विकास लक्ष्यों (SDG) पर भारत की तीसरी स्वैच्छिक राष्ट्रीय समीक्षा (VNR) रिपोर्ट प्रस्तुत की।
परिचय
VNR 2025 के बारे में: नीति आयोग के नेतृत्व में तैयार की गई यह रिपोर्ट राज्य एवं केंद्र शासित प्रदेश सरकारों, नागरिक समाज संगठनों, विकास भागीदारों और निजी क्षेत्र की भागीदारी वाली एक व्यापक परामर्श प्रक्रिया के माध्यम से विकसित की गई है।
यह रिपोर्ट विकास संकेतकों की एक विस्तृत श्रृंखला में विगत दस वर्षों में भारत की उपलब्धियों को रेखांकित करती है।
विश्व में खाद्य सुरक्षा और पोषण की स्थिति (SOFI 2025) रिपोर्ट जारी कर दी गई है।
बारे में
यह रिपोर्ट सतत विकास लक्ष्य (SDG) 2 (लक्ष्य 2.1 और 2.2) – भूख, खाद्य असुरक्षा और कुपोषण को उसके सभी रूपों में समाप्त करने – की वार्षिक वैश्विक निगरानी रिपोर्ट है।
इस वर्ष की रिपोर्ट खाद्य सुरक्षा और पोषण पर खाद्य मूल्य मुद्रास्फीति के प्रभाव की जाँच करती है।
भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ने वैकल्पिक निवेश कोष (AIF) योजनाओं में विनियमित संस्थाओं (RE) द्वारा निवेश की सीमा तय करने के लिए नए दिशानिर्देश जारी किए हैं।
वैकल्पिक निवेश कोष (AIF)
यह एक निजी तौर पर एकत्रित निवेश है जो निवेशकों से धन एकत्र करता है और उसे गैर-पारंपरिक परिसंपत्ति वर्गों में निवेश करता है।
ये फंड उच्च निवल संपत्ति वाले व्यक्तियों (HNI) के लिए आदर्श हैं क्योंकि उन्हें उच्च निवेश की आवश्यकता होती है।
केंद्रीय श्रम एवं रोजगार मंत्रालय पारंपरिक “न्यूनतम वेतन” से हटकर एक अधिक व्यापक “जीवन-यापन वेतन” ढाँचे पर विचार कर रहा है, जिसमें आवश्यक सामाजिक व्यय शामिल होंगे।
जीवन-यापन वेतन बनाम न्यूनतम वेतन
न्यूनतम वेतन कानूनी रूप से अनिवार्य न्यूनतम राशि है जो नियोक्ता को किसी कर्मचारी को, जीवन-यापन की लागत की परवाह किए बिना, देनी होती है।
यह सामन्यतः श्रम उत्पादकता, व्यवसाय, उद्योग के प्रकार और कौशल स्तर जैसे कारकों पर आधारित होता है।
बाल तस्करी भारत में सबसे गंभीर मानवाधिकार उल्लंघनों में से एक है, और गरीबी, प्रवासन एवं छिद्रपूर्ण सीमाओं के साथ बिहार के निरंतर संघर्ष ने दुखद रूप से इसे एक हॉटस्पॉट बना दिया है।
मानव एवं बाल तस्करी की स्थिति
मानव तस्करी विश्व भर में सबसे बड़े संगठित अपराधों में से एक है।
राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) के 2022 के आंकड़ों के अनुसार:
भारत में मानव तस्करी के 2,250 मामले दर्ज किए गए, जिनमें 6,036 पीड़ितों की पहचान की गई, जिनमें से 2,878 बच्चे थे, जिनमें 1,059 लड़कियाँ शामिल थीं।
The Union Ministry of Labour and Employment is considering a shift from the conventional “minimum wage” to a more comprehensive “living wage” framework, covering essential social expenditures.
Living Wage vs Minimum Wage
A minimum wage is the legally mandated lowest amount an employer must pay a worker, irrespective of the cost of living.
It is typically based on factors such as labor productivity, occupation, industry type, and skill level.
A living wage is the income necessary for a worker and their family to afford a basic but decent standard of living.
It is calculated based on essential expenses like food, housing, clothing, education, healthcare, transport, and a small margin for emergencies.
Girl child trafficking remains one of the gravest human rights violations in India, and Bihar’s persistent struggle with poverty, migration, and porous borders has tragically made it a hotspot.
Bihar’s Trafficking Crisis
Bihar has become a trafficking hub due to poverty and social vulnerability, porous borders with Nepal, railway links to trafficking-prone States, and cultural exploitation (orchestra belt), especially in regions like Saran and Muzaffarpur.
Bihar Police rescued 271 girls, with 153 trafficked into orchestras and 118 into the flesh trade (June 2025).