वैश्विक आर्थिक शक्ति और डिजिटल नवाचार के रूप में उभरने के बावजूद, भारत लैंगिक समानता के मामले में गंभीर चुनौतियों का सामना करता है। विश्व आर्थिक मंच की ग्लोबल जेंडर गैप रिपोर्ट (2025) के अनुसार भारत 148 देशों में 131वें स्थान पर है, विशेष रूप से आर्थिक भागीदारी और स्वास्थ्य एवं जीवित रहने के स्तंभों में स्कोर बेहद कम है।