संसद समिति की रिपोर्ट में यह स्पष्ट किया गया है कि हिंद महासागर क्षेत्र में चीन की बढ़ती रणनीतिक उपस्थिति भारत के लिए एक चुनौती है।
रिपोर्ट की प्रमुख मुख्य विशेषताएँ
चीन की बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव (BRI) और ऋण-जाल कूटनीति: रिपोर्ट में बीआरआई की ऋण-जाल कूटनीति की चर्चा की गई है, विशेष रूप से हिंद महासागर क्षेत्र (IOR) में।
चीन बंदरगाहों, हवाई अड्डों और लॉजिस्टिक हब जैसी ढांचागत परियोजनाओं में भारी निवेश कर रहा है, जो दोहरे उपयोग (नागरिक + सैन्य) के लिए हैं।
महाराष्ट्र सरकार ने कक्षा 1 से 5 तक के लिए राज्य सरकार के स्कूलों में त्रिभाषा नीति लागू करने की योजना को वापस ले लिया है। यह निर्णय शिक्षाविदों, सामाजिक कार्यकर्ताओं और राजनीतिक दलों के भारी विरोध के बाद लिया गया।
त्रिभाषा सूत्र क्या है?
त्रिभाषा सूत्र की संकल्पना सबसे पहले कोठारी आयोग (1964–66) द्वारा की गई थी और इसे 1968 की राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NPE) में इंदिरा गांधी सरकार के अंतर्गत औपचारिक रूप से अपनाया गया था। इसका उद्देश्य भाषाई विविधता को बढ़ावा देना और राष्ट्रीय एकता को सुदृढ़ करना था।
राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020 ने त्रिभाषा सूत्र को बनाए रखा है लेकिन इसमें अधिक लचीलापन दिया गया है, जिससे यह सुनिश्चित किया गया है कि किसी राज्य पर कोई भाषा थोपने का प्रयास न हो।
भारत के निर्वाचन आयोग (ECI) ने 345 पंजीकृत गैर-मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों (RUPPs) को डीलिस्ट (सूची से हटाने) की प्रक्रिया शुरू की है, जिन्होंने विगत छह वर्षों में कोई चुनाव नहीं लड़ा है और जिनके कार्यालय भौतिक रूप से स्थित नहीं पाए गए।
भारत में राजनीतिक दलों का पंजीकरण
संवैधानिक और कानूनी आधार: भारतीय संविधान के अनुच्छेद 19(1)(क) के अंतर्गत संघ बनाने का अधिकार प्राप्त है, जिसमें राजनीतिक दलों का गठन भी शामिल है।
जन प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 29A के अंतर्गत भारत का निर्वाचन आयोग (ECI) राजनीतिक दलों को पंजीकृत करने का अधिकार रखता है।
संयुक्त राज्य अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की सरकार अब केवल दो लिंग — पुरुष और महिला — को मान्यता देती है और ट्रांसजेंडर को इसमें शामिल नहीं किया गया है।