पाठ्यक्रम: GS 3/अर्थव्यवस्था
समाचार में
- 2024 के पहले 11 महीनों में अमेरिका से भारत का एलएनजी आयात रिकॉर्ड 7.14 बिलियन क्यूबिक मीटर (BCM) तक पहुँच गया, जो साल-दर-साल 71% की वृद्धि दर्शाता है।
LNG के बारे में
- तरलीकृत प्राकृतिक गैस (LNG) प्राकृतिक गैस है जिसे -162°C (-260°F) तक ठंडा किया जाता है, जिससे यह आसान भंडारण और परिवहन के लिए तरल अवस्था में बदल जाती है।
- मुख्य रूप से मीथेन (90%) से बना LNG गंधहीन, रंगहीन, गैर विषैला एवं गैर संक्षारक होता है।
भारत का LNG परिदृश्य
- विश्व के तीसरे सबसे बड़े ऊर्जा उपभोक्ता के रूप में, भारत वैश्विक स्तर पर सबसे तीव्रता से बढ़ती ऊर्जा माँग का अनुभव कर रहा है।
- आर्थिक विकास उच्च ऊर्जा खपत को बढ़ावा दे रहा है, जिससे LNG एक रणनीतिक ईंधन स्रोत बन गया है।
- भारत के LNG बुनियादी ढाँचे में आयात टर्मिनल, पाइपलाइन एवं विद्युत संयंत्रों, उद्योगों और शहर की गैस प्रणालियों की सेवा करने वाले वितरण नेटवर्क शामिल हैं।
- हालाँकि, वर्तमान बुनियादी ढाँचे में भीड़भाड़ और आपूर्ति शृंखला की अक्षमता का सामना करना पड़ रहा है, जिससे इसकी पूरी क्षमता सीमित हो रही है।
- अमेरिका ने UAE को पीछे छोड़ा: 2023 में, अमेरिका भारत का दूसरा सबसे बड़ा LNG आपूर्तिकर्त्ता बन गया, जिसने UAE को पीछे छोड़ दिया, जबकि कतर शीर्ष आपूर्तिकर्त्ता बना हुआ है।
- 2024 में 53.5% की वृद्धि: पूरे 2023 कैलेंडर वर्ष की तुलना में 2024 में अमेरिका से भारत के LNG आयात में 53.5% की वृद्धि हुई।
- मुख्य विकास चालक:
- द्रवीकरण क्षमता में अमेरिकी विस्तार
- प्रतिस्पर्धी मूल्य निर्धारण
- केप ऑफ गुड होप के माध्यम से रणनीतिक निकटता
भारत को LNG की आवश्यकता क्यों है?
- ऊर्जा विविधीकरण: जैसे-जैसे भारत कोयले से दूर जा रहा है, स्वच्छ ऊर्जा संक्रमण में LNG एक महत्त्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।
- ऊर्जा संक्रमण और शुद्ध-शून्य लक्ष्य: भारत कार्बन उत्सर्जन को कम करने और 2070 तक अपने शुद्ध-शून्य लक्ष्य को पूरा करने के लिए कोयला आधारित विद्युत से LNG की ओर जा रहा है।
- औद्योगिक माँग: औद्योगिक क्षेत्र को स्वच्छ ऊर्जा की आवश्यकता है, और LNG अपने कम उत्सर्जन और कुशल दहन के कारण एक उपयुक्त विकल्प है।
- शहरीकरण और सिटी गैस नेटवर्क: बढ़ते शहरी क्षेत्र सिटी गैस वितरण (CGD) नेटवर्क के विस्तार को बढ़ावा दे रहे हैं।
- पाइप्ड नेचुरल गैस (PNG) पारंपरिक खाना पकाने के ईंधन का एक स्वच्छ और सुरक्षित विकल्प है, जो शहरी जीवन स्तर में सुधार करता है।
भारत के LNG क्षेत्र में चुनौतियाँ
- बुनियादी ढाँचे की कमी: भारत का लक्ष्य 2030 तक अपने ऊर्जा मिश्रण में प्राकृतिक गैस की हिस्सेदारी को 15% तक बढ़ाना है, लेकिन LNG बुनियादी ढाँचा अपर्याप्त बना हुआ है।
- भीड़भाड़ वाले LNG टर्मिनल देरी और अक्षमता का कारण बनते हैं।
- सीमित पाइपलाइन नेटवर्क: अविकसित पाइपलाइनें दूरदराज के क्षेत्रों में एलएनजी वितरण को प्रतिबंधित करती हैं।
- भंडारण बाधाएँ: भारत की सीमित एलएनजी भंडारण क्षमता इसे वैश्विक मूल्य उतार-चढ़ाव और आपूर्ति व्यवधानों के प्रति संवेदनशील बनाती है।
LNG को बढ़ावा देने के लिए सरकारी पहल
- ऊर्जा संक्रमण नीति: 2030 तक गैस की हिस्सेदारी को 15% तक बढ़ाने के लक्ष्य के साथ स्वच्छ ईंधन की ओर प्रवृति करना।
- राष्ट्रीय गैस ग्रिड विस्तार: आपूर्ति दक्षता बढ़ाने के लिए LNG पाइपलाइन नेटवर्क को मजबूत करना।
- शहरी गैस वितरण (CGD) का विस्तार: पाइप्ड नेचुरल गैस (PNG) और संपीड़ित प्राकृतिक गैस (CNG) तक शहरी पहुँच में तेजी लाना।
- नए LNG टर्मिनलों का विकास: आयात और भंडारण सुविधाओं का विस्तार करना।
- प्राथमिकता गैस आवंटन: परिवहन के लिए CNG और घरों के लिए PNG जैसे प्रमुख क्षेत्रों को घरेलू प्राकृतिक गैस आवंटित करना।
- गैस मूल्य निर्धारण का उदारीकरण:
- उच्च दाब, गहरे जल और कोयला सीम स्रोतों से गैस के लिए विपणन और मूल्य निर्धारण की स्वतंत्रता, एक अधिकतम मूल्य तंत्र के साथ।
- सस्ती परिवहन के लिए सतत् विकल्प (SATAT) पहल:
- परिवहन के लिए स्वच्छ विकल्प के रूप में जैव-CNG को बढ़ावा देता है।
निष्कर्ष और आगे की राह
- निवेश प्रोत्साहन: सरकार को LNG अवसंरचना में निजी और विदेशी निवेश को प्रोत्साहित करने के लिए नीतिगत उपाय प्रारंभ करने चाहिए।
- नियामक सरलीकरण: LNG टर्मिनल और पाइपलाइन विस्तार में तेजी लाने के लिए अनुमोदन प्रक्रियाओं को सुव्यवस्थित करना।
- छोटे पैमाने पर LNG विकास: विकेन्द्रीकृत ऊर्जा आपूर्ति के लिए छोटे पैमाने पर LNG संयंत्रों के अनुसंधान और तैनाती का समर्थन करना।
- सार्वजनिक-निजी भागीदारी (PPPs): एक लचीले LNG पारिस्थितिकी तंत्र के निर्माण के लिए सरकार, निजी क्षेत्र और वित्तीय संस्थानों के बीच सहयोगात्मक प्रयास आवश्यक हैं।
Source: BL
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