पाठ्यक्रम :GS2/शासन व्यवस्था
संदर्भ
- भारत के स्मार्ट सिटी मिशन में शहरी केंद्रों को नवाचार, आर्थिक शक्ति और स्थिरता के केंद्रों में बदलने की क्षमता है।
प्रमुख विशेषताऐं
- उद्देश्य: बुनियादी ढाँचे, स्वच्छ वातावरण और जीवन की अच्छी गुणवत्ता प्रदान करके शहरी जीवन को बेहतर बनाना।
- सामाजिक, आर्थिक, भौतिक एवं संस्थागत विकास के माध्यम से आर्थिक विकास को बढ़ावा देना और जीवन की गुणवत्ता में सुधार करना।
परिचालन ढाँचा:
- चयन प्रक्रिया: दो चरणों की प्रतियोगिता के माध्यम से 100 शहरों का चयन किया गया।
- कार्यान्वयन: विशेष प्रयोजन वाहन (SPVs) परियोजना निष्पादन को संभालते हैं।
केंद्र प्रायोजित योजना: केंद्र सरकार द्वारा पाँच वर्षों में ₹48,000 करोड़ आवंटित किए गए (प्रति वर्ष प्रति शहर ₹100 करोड़)।
- राज्यों या शहरी स्थानीय निकायों (ULBs) को फंडिंग का मिलान करना होगा।
- नगरपालिका बांड, सरकारी कार्यक्रमों और सार्वजनिक-निजी भागीदारी (PPP) के माध्यम से अतिरिक्त संसाधन एकत्रित किए गए।
- समयरेखा: मिशन को पूरा करने के लिए 31 मार्च, 2025 तक बढ़ाया गया।

उपलब्धियाँ
- 8,000 से अधिक परियोजनाएँ प्रारंभ की गईं, जिनमें 1.6 लाख करोड़ रुपये का निवेश किया गया।

- जुलाई 2024 तक:
- 90% परियोजनाएँ पूरी हो चुकी हैं (7,188 परियोजनाएँ)।
- 75 शहरों में 75% परियोजनाएँ पूरी हो चुकी हैं।
- 17 शहरों ने 100% परियोजना पूर्णता प्राप्त की है।
स्मार्ट शहरों की आवश्यकता
- शहरी विकास: भारत की 31% जनसंख्या शहरी क्षेत्रों में रहती है, जो सकल घरेलू उत्पाद में 63% का योगदान देती है (जनगणना 2011)।
- 2030 तक, शहरी क्षेत्रों में 40% जनसंख्या रहने और सकल घरेलू उत्पाद में 75% योगदान देने की संभावना है।
- व्यापक विकास: सतत विकास के लिए भौतिक, संस्थागत, सामाजिक और आर्थिक क्षेत्रों में बुनियादी ढाँचे के विकास की आवश्यकता होती है।
चुनौतियाँ
- कार्यान्वयन में बाधाएँ: कानूनी मुद्दों, मंज़ूरियों और संसाधन चुनौतियों के कारण 10% परियोजनाएँ विलंबित हैं।
- तकनीकी बाधाएँ: बुनियादी ढाँचे की कमी वाले क्षेत्रों में IoT जैसी उन्नत तकनीकों पर निर्भरता चुनौतियों का सामना करती है।
- वित्त पोषण और सहभागिता: निधियों को सुरक्षित करने, निजी क्षेत्र को शामिल करने और नागरिक भागीदारी सुनिश्चित करने में कठिनाई।
- एकीकरण के मुद्दे: प्रणालियों का निर्बाध एकीकरण प्राप्त करना एक जटिल कार्य बना हुआ है।
निष्कर्ष और आगे की राह
- स्मार्ट सिटीज मिशन में भारत को 10 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने की दिशा में आगे बढ़ाने की परिवर्तनकारी क्षमता है। इसकी सफलता निम्नलिखित चुनौतियों पर नियंत्रण पाने पर निर्भर करती है:
- नवीनतम वित्तपोषण तंत्र।
- निजी क्षेत्र के सहयोग में वृद्धि।
- नागरिक-केंद्रित नीतियाँ।
- प्रौद्योगिकी और बुनियादी ढाँचे का कुशल उपयोग।
- आखिरकार, स्मार्ट शहरों की सफलता न केवल पूरी की गई परियोजनाओं की संख्या से बल्कि बदले हुए जीवन और सृजित अवसरों से मापी जाएगी। भारत के शहरी भविष्य को आकार देने के लिए साहसिक कार्रवाई और दूरदर्शी सोच महत्त्वपूर्ण होगी।
Source: TH
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