भ्रष्टाचार धारणा सूचकांक (CPI) 2024

पाठ्यक्रम: GS2/शासन व्यवस्था/GS4/नैतिकता

संदर्भ

  • वर्ष 2024 के लिए भ्रष्टाचार धारणा सूचकांक (CPI) में 180 देशों में से भारत 96वें स्थान पर है।

परिचय

  • भ्रष्टाचार धारणा सूचकांक (CPI) 2024 इस बात पर प्रकाश डालता है कि भ्रष्टाचार जलवायु परिवर्तन से निपटने के वैश्विक प्रयासों में किस तरह बाधा डाल रहा है।
  • यह सूचकांक 180 देशों और क्षेत्रों को उनके सार्वजनिक क्षेत्र में भ्रष्टाचार के कथित स्तरों के आधार पर रैंक करता है।
  • यह शून्य से 100 के पैमाने का उपयोग करता है, जहाँ “शून्य” अत्यधिक भ्रष्ट है और “100” बहुत साफ है।
  • यह रिपोर्ट ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल द्वारा संकलित की गई है।
  • भ्रष्टाचार एक उभरता हुआ वैश्विक खतरा है जो विकास को कमजोर करने से कहीं अधिक है – यह लोकतंत्र में गिरावट, अस्थिरता और मानवाधिकारों के उल्लंघन का एक प्रमुख कारण है।

CPI  2024 के प्रमुख निष्कर्ष

  • दुनिया की 85% जनसख्य ऐसे देशों में रहती है, जिनका CPI स्कोर 50 से कम है। 
  • भारत ने 100 में से 38 अंक प्राप्त किए, जो 2023 से एक अंक कम है, और 96वें स्थान पर है।
  •  सबसे कम भ्रष्ट देश: डेनमार्क, फ़िनलैंड, सिंगापुर। 
  • सबसे भ्रष्ट देश: दक्षिण सूडान, सोमालिया, वेनेजुएला।

भ्रष्टाचार जलवायु कार्रवाई को कैसे प्रभावित कर रहा है?

  • जलवायु नीतियों को कमज़ोर करता है: भ्रष्टाचार कुछ शक्तिशाली समूहों के हितों को सार्वजनिक कल्याण से अधिक प्राथमिकता देता है, जिससे पर्यावरण नीतियाँ कमज़ोर होती हैं।
  • शासन और कानून प्रवर्तन को कमज़ोर करता है: खराब शासन और पारदर्शिता की कमी जलवायु निर्णय लेने में जवाबदेही को कम करती है।
  • जलवायु निधियों का दुरुपयोग: कई जलवायु-संवेदनशील राष्ट्र CPI पर 50 से नीचे स्कोर करते हैं, जिससे निधि के गलत आवंटन का जोखिम बढ़ जाता है।
  • असमानता को बढ़ाता है: अप्रभावी नीतियों के कारण हाशिए पर पड़े समुदायों को जलवायु परिवर्तन का खामियाजा भुगतना पड़ता है।
  • बहुपक्षवाद को कमज़ोर करता है: भ्रष्टाचार जलवायु वार्ताओं को प्रभावित करता है, जीवाश्म ईंधन लॉबिस्टों को सशक्त बनाता है और पारदर्शिता को कम करता है।

अनुशंसाएँ

  • भ्रष्टाचार विरोधी उपायों को मजबूत करना: जलवायु वित्त और नीतियों में सुरक्षा उपायों को एकीकृत करना।
  • जलवायु नीति में पारदर्शिता बढ़ाना: लॉबिंग विनियमन लागू करना और जलवायु वित्त रिकॉर्ड खोलना।
  • जाँच और सुरक्षा बढ़ाना: मुखबिरों और पर्यावरण कार्यकर्ताओं की सुरक्षा करना।
  • सार्वजनिक सहभागिता को बढ़ावा देना: सुनिश्चित करना कि जलवायु परिवर्तन से प्रभावित समुदायों को निर्णय लेने में शामिल किया जाए।

Source: Transparencia