पाठ्यक्रम: GS3/विज्ञान और प्रौद्योगिकी
संदर्भ
- सरकार सक्रिय रूप से एक AI पारिस्थितिकी तंत्र को आकार दे रही है जहां कंप्यूटिंग शक्ति, GPUs और अनुसंधान के अवसर सस्ती लागत पर उपलब्ध हों।
कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) क्या है?
- यह कंप्यूटर विज्ञान की एक व्यापक शाखा है जो स्मार्ट मशीनों के निर्माण से संबंधित है जो ऐसे कार्य करने में सक्षम हैं जिनके लिए सामान्यतः मानव बुद्धि की आवश्यकता होती है।
- कृत्रिम बुद्धिमत्ता मशीनों को मानव मस्तिष्क की क्षमताओं को मॉडल करने या यहाँ तक कि उनमें सुधार करने की अनुमति देती है।

भारत का AI क्षेत्र
- विकास:

- AI हब के रूप में भारत: GitHub पर सार्वजनिक जनरेटिव AI परियोजनाओं में भारत दूसरे स्थान पर है और विश्व की 16% AI प्रतिभाएँ यहाँ मौजूद हैं।
- AI उद्योग विकास: भारत का AI उद्योग 2025 तक 28.8 बिलियन अमरीकी डॉलर तक पहुँचने का अनुमान है, जो 45% की CAGR से बढ़ रहा है।
- वैश्विक AI कौशल पैठ में भारत प्रथम स्थान पर है: स्टैनफोर्ड AI इंडेक्स 2024 के अनुसार, भारत 2.8 के स्कोर के साथ AI कौशल पैठ में वैश्विक स्तर पर प्रथम स्थान पर है, जो अमेरिका (2.2) और जर्मनी (1.9) से आगे है।
- AI प्रतिभा की माँग: भारत सिंगापुर, फ़िनलैंड, आयरलैंड और कनाडा के साथ शीर्ष पाँच सबसे तेज़ी से बढ़ते AI प्रतिभा केंद्रों में से एक है, जहाँ 2026 तक एक मिलियन AI पेशेवरों की अनुमानित माँग है।
- जनरेटिव AI इकोसिस्टम: भारतीय GenAI स्टार्टअप फंडिंग वित्त वर्ष 2025 की दूसरी तिमाही में 51 मिलियन अमरीकी डॉलर तक पहुँच गई, जो छह गुना वृद्धि को दर्शाता है।
- उद्योगों में AI को अपनाना: 80% भारतीय कंपनियाँ AI को प्राथमिकता देती हैं, और 2025 में AI पहलों के लिए 25 मिलियन अमरीकी डॉलर से अधिक सहित तकनीकी निवेश बढ़ाने की योजना बना रही हैं।
- कार्यस्थल पर AI को अपनाना: 2024 में 70% भारतीय कर्मचारी कार्यस्थल पर AI का उपयोग करते हैं, जो विगत वर्ष 50% से अधिक है।
- AI स्टार्टअप इकोसिस्टम: भारत 520 से अधिक तकनीकी इनक्यूबेटरों की मेजबानी करता है, जो इसे वैश्विक स्तर पर तीसरा सबसे बड़ा स्टार्टअप इकोसिस्टम बनाता है।
चुनौतियाँ
- प्रतिभा की कमी: बढ़ती माँग के बावजूद, कुशल AI पेशेवरों की उपलब्धता में कमी है।
- डेटा गोपनीयता और सुरक्षा: डेटा सुरक्षा और AI डेटा उपयोग से संबंधित विनियामक चुनौतियों पर चिंताएँ।
- बुनियादी ढाँचे की कमी: कुछ क्षेत्रों में अपर्याप्त बुनियादी ढाँचा AI समाधानों की मापनीयता और तैनाती को सीमित करता है।
- उच्च लागत: AI प्रौद्योगिकी अपनाने की लागत छोटे और मध्यम आकार के व्यवसायों के लिए निषेधात्मक हो सकती है।
- नैतिक चिंताएँ: एल्गोरिदम में पूर्वाग्रहों सहित AI के नैतिक निहितार्थों को संबोधित करने के लिए स्पष्ट रूपरेखाओं का अभाव।
- सीमित अनुसंधान और विकास निधि: अमेरिका और चीन जैसे वैश्विक नेताओं की तुलना में AI R&D में अपर्याप्त निवेश।
- नियामक अनिश्चितता: व्यापक AI-विशिष्ट नीतियों और दिशा-निर्देशों की अनुपस्थिति व्यवसायों एवं डेवलपर्स के लिए अस्पष्टता उत्पन्न करती है।
- गुणवत्ता डेटा तक पहुँच: विभिन्न क्षेत्रों में AI मॉडल को प्रशिक्षित करने के लिए आवश्यक उच्च-गुणवत्ता वाले, विविध डेटासेट तक सीमित पहुँच।
सरकारी पहल
- IndiaAI मिशन (2024): इसका बजट पाँच वर्षों में ₹10,300 करोड़ है।
- इसका मुख्य लक्ष्य 18,693 GPU के साथ एक उच्च-स्तरीय सामान्य कंप्यूटिंग सुविधा का निर्माण करना है।
- भारत के AI मॉडल और भाषा प्रौद्योगिकियाँ: सरकार भारत के अपने आधारभूत मॉडल के विकास में सहायता कर रही है, जिसमें लार्ज भाषा मॉडल (LLM) और भारतीय आवश्यकताओं के अनुरूप समस्या-विशिष्ट AI समाधान सम्मिलित हैं।
- भारतजेन: विश्व की प्रथम सरकारी वित्तपोषित मल्टीमॉडल LLM पहल, भारतजेन को 2024 में लॉन्च किया गया था।
- सर्वम-1 AI मॉडल: भारतीय भाषाओं के लिए अनुकूलित एक लार्ज भाषा मॉडल, सर्वम-1 में 2 बिलियन पैरामीटर हैं और यह दस प्रमुख भारतीय भाषाओं का समर्थन करता है।
- हनुमान का एवरेस्ट 1.0: SML द्वारा विकसित एक बहुभाषी AI सिस्टम, एवरेस्ट 1.0 35 भारतीय भाषाओं का समर्थन करता है, जिसे 90 तक विस्तारित करने की योजना है।
- AI उत्कृष्टता केंद्र: AI स्टार्टअप और अनुसंधान का समर्थन करने के लिए देश भर में समर्पित AI हब और नवाचार केंद्र स्थापित करना।
- भारत का डिजिटल सार्वजनिक अवसंरचना (DPI): डिजिटल परिवर्तन को आगे बढ़ाने के लिए सार्वजनिक निधि को निजी क्षेत्र के नवाचार के साथ जोड़ता है।
- आधार, UPI और डिजीलॉकर भारत के DPI की नींव के रूप में कार्य करते हैं।
- DPI को बढ़ाने के लिए वित्तीय और शासन प्लेटफार्मों में बुद्धिमान समाधानों को एकीकृत किया जा रहा है।
निष्कर्ष
- भारत की तीव्र AI उन्नति मजबूत सरकारी पहलों द्वारा संचालित है, जो इसे वैश्विक AI पावरहाउस के रूप में स्थापित करती है।
- जैसे-जैसे AI को उद्योगों में अपनाया जा रहा है, भारत का सक्रिय दृष्टिकोण न केवल इसकी डिजिटल अर्थव्यवस्था को मजबूत कर रहा है, बल्कि महत्त्वपूर्ण प्रौद्योगिकियों में आत्मनिर्भरता का मार्ग भी प्रशस्त कर रहा है।
- भविष्य के लिए एक स्पष्ट दृष्टि के साथ, भारत आगामी वर्षों में वैश्विक AI परिदृश्य को आकार देते हुए AI नवाचार में अग्रणी बनने के लिए तैयार है।
Source: PIB
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