पाठ्यक्रम: GS2/शासन
संदर्भ
- भारत ने 2036 ओलंपिक की मेज़बानी के लिए एक महत्वाकांक्षी प्रस्ताव प्रस्तुत किया है, लेकिन अंतर्राष्ट्रीय ओलंपिक समिति (IOC) ने भारत में शासन संबंधी समस्याओं और डोपिंग उल्लंघनों में वृद्धि को लेकर गंभीर चिंताएँ व्यक्त की हैं।
- ब्रिस्बेन को पहले ही 2032 ओलंपिक की मेज़बानी मिल चुकी है, इसलिए 2036 संस्करण अभी खुला है।
भारत के सामने प्रमुख चुनौतियाँ
- IOA में शासन संकट
- IOA अध्यक्ष पी.टी. उषा और IOA कार्यकारी परिषद के बीच टकराव।
- मुद्दे: प्रायोजन सौदे, वित्तीय कुप्रबंधन के आरोप, CEO (रघुराम अय्यर) की नियुक्ति।
- यह विवाद लगभग दो वर्षों से चल रहा है और बहु-विषयक खेलों की तैयारी को प्रभावित कर रहा है।
- डोपिंग घोटाला
- WADA की 2023 रिपोर्ट के अनुसार, भारत में प्रतिबंधित पदार्थों के लिए विश्व में सबसे अधिक सकारात्मक मामले पाए गए।
- एक अन्य अध्ययन में भारत को नाबालिगों में डोपिंग मामलों में रूस के पश्चात् दूसरा स्थान प्राप्त हुआ।
- एथलेटिक्स इंटीग्रिटी यूनिट(AIU) ने मई 2025 तक भारत को ट्रैक और फील्ड में डोपिंग अपराधों में दूसरा स्थान दिया (केन्या के बाद)।
- खेल प्रदर्शन
- पेरिस ओलंपिक में भारत ने 6 पदक (1 रजत, 5 कांस्य) जीते और 71वें स्थान पर रहा।
- भारत से कम जनसंख्या वाले देश जैसे जॉर्जिया, कज़ाख़स्तान और उत्तर कोरिया भारत से ऊपर रहे।
- अमेरिका (भारत की जनसंख्या का एक-चौथाई) ने 126 पदकों के साथ शीर्ष स्थान प्राप्त किया, चीन 91 पदकों के साथ दूसरे स्थान पर रहा।
भारत में डोपिंग रोधी एजेंसियाँ – राष्ट्रीय डोपिंग रोधी एजेंसी (NADA): 1. 2005 में स्थापित, खेलों में डोपिंग नियंत्रण कार्यक्रम की निगरानी करती है। 2. युवा मामलों और खेल मंत्रालय के अधीन कार्य करती है। – IOA मेडिकल आयोग: 1. एथलीटों के स्वास्थ्य और चिकित्सा सेवाओं पर परामर्श देने वाली संस्था। 2. ओलंपिक, एशियाई खेलों और राष्ट्रमंडल खेलों में भाग लेने वाली राष्ट्रीय टीमों के लिए चिकित्सा सेवाओं की योजना बनाती है। – राष्ट्रीय डोपिंग रोधी अधिनियम, 2022: 1. भारत का पहला स्वतंत्र डोपिंग रोधी कानून। 2. WADA कोड के अनुपालन को सुनिश्चित करता है। 3. तलाशी, जब्ती और अनुशासनात्मक कार्रवाई की शक्ति प्रदान करता है। 4. अपील तंत्र और शिक्षा/अनुसंधान प्रावधान शामिल हैं। 5. भारत UNESCO के “डोपिंग के विरुद्ध अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन” का हस्ताक्षरकर्ता है। |
सरकार द्वारा उठाए गए कदम
- खेलो इंडिया:
- बुनियादी स्तर पर खेलों को बढ़ावा देने के लिए।
- प्रतिभा पहचान, कोचिंग, अवसंरचना विकास और स्कूल/विश्वविद्यालय स्तर पर प्रतियोगिताएँ शामिल हैं।
- राष्ट्रीय खेल नीति:
- प्रशिक्षण की गुणवत्ता बढ़ाना, भागीदारी को प्रोत्साहित करना और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रतिस्पर्धा करने वाले खिलाड़ियों की संख्या बढ़ाना।
- भारतीय खेल प्राधिकरण (SAI):
- युवा प्रतिभाओं को पोषित करने और प्रशिक्षण सुविधाएँ प्रदान करने वाली प्रमुख संस्था।
- राष्ट्रीय खेल पुरस्कार:
- खेलों में उत्कृष्टता को मान्यता देने और पुरस्कृत करने के लिए प्रतिवर्ष दिए जाते हैं।
- पं. दीनदयाल उपाध्याय राष्ट्रीय कल्याण कोष:
- पूर्व खिलाड़ियों की सहायता के लिए 1982 में स्थापित।
- राष्ट्रीय खेल विकास कोष:
- अंतरराष्ट्रीय कोचिंग, अवसंरचना और खेलों के प्रचार के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करता है।
- TOPS (टारगेट ओलंपिक पोडियम योजना):
- ओलंपिक पदक जीतने की क्षमता वाले खिलाड़ियों की पहचान और सहायता।
- प्रशिक्षण, कोचिंग और अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में भागीदारी के लिए वित्तीय सहायता।
- मिशन ओलंपिक सेल (MOC):
- TOPS के तहत खिलाड़ियों की तैयारी की निगरानी और समर्थन के लिए।
- राष्ट्रीय खेल महासंघ (NSFs):
- सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त और वित्तपोषित; अपने-अपने खेलों के विकास के लिए जिम्मेदार।
आगे की राह
- वित्त पोषण:
- ग्रामीण और पिछड़े क्षेत्रों में खेल सुविधाओं में निवेश बढ़ाना।
- शिक्षा:
- खेल शिक्षा में डोपिंग रोधी पाठ्यक्रम शामिल करना।
- प्रतिभा पहचान:
- स्कूलों में खेल कार्यक्रम लागू कर कम उम्र से प्रतिभा को पहचानना और पोषित करना।
- अन्य खेलों को बढ़ावा:
- क्रिकेट के अलावा एथलेटिक्स, तैराकी और पारंपरिक खेलों को प्रोत्साहित करना।
- लीग और प्रतियोगिताएँ:
- कम प्रसिद्ध खेलों में पेशेवर लीग और प्रतियोगिताएँ शुरू करना।
- कॉर्पोरेट प्रायोजन:
- निजी कंपनियों और खेल संगठनों के बीच साझेदारी को बढ़ावा देना।
- प्रेरणास्रोत:
- सफल खिलाड़ियों को उजागर कर युवाओं को प्रेरित करना।
निष्कर्ष
- भारत का 2036 ओलंपिक की मेज़बानी का सपना गंभीरता से लिया जा रहा है, लेकिन इसकी विश्वसनीयता आंतरिक सुधारों पर निर्भर है।
- इस दावेदारी की सफलता पारदर्शी शासन, स्वच्छ खेल संस्कृति, और बेहतर एथलेटिक प्रदर्शन पर आधारित होगी।
Source: IE
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