- संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) द्वारा आयोजित सिविल सेवा परीक्षा (CSE), भारत की प्रशासनिक सेवाओं का द्वार खोलती है, जो शासन और नीति कार्यान्वयन को आकार देती है। हालाँकि, वर्षों से इसकी संरचना, निष्पक्षता और प्रभावशीलता को लेकर चिंताएँ उभरी हैं, जिससे सुधार की आवश्यकता पर चर्चा हुई है।
- भारत की सिविल सेवाएँ प्रशासनिक प्रणाली का आधार हैं, जो शासन, नीति कार्यान्वयन और जन सेवा वितरण को सुनिश्चित करती हैं।
- अखिल भारतीय सेवाएँ: भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS), भारतीय पुलिस सेवा (IPS) और भारतीय वन सेवा (IFoS)। Read More
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Daily Current Affairs in Hindi – 4 June, 2025
- केंद्र सरकार ने लद्दाख की भूमि, रोजगारों और सांस्कृतिक संरक्षण से संबंधित कई नियमों को अधिसूचित किया है, जिनका उद्देश्य विगत पाँच वर्षों में लद्दाख की नागरिक समाज द्वारा उठाई गई चिंताओं को संबोधित करना है।
- लद्दाख 2019 में संविधान के अनुच्छेद 370 को संसद द्वारा निरस्त किए जाने के बाद बिना विधानसभा के केंद्र शासित प्रदेश बना। एक वर्ष बाद, बौद्ध बहुल लेह और मुस्लिम बहुल कारगिल जिले के लोगों ने संवैधानिक सुरक्षा की माँग को लेकर विरोध प्रदर्शन किए, जिनमें शामिल थे:
- लद्दाख के लिए राज्य का दर्जा संविधान की छठी अनुसूची में लद्दाख को शामिल कर उसे जनजातीय दर्जा देना Read More
लद्दाख में रोजगारों और निवास के लिए नए नियम
संदर्भ
पृष्ठभूमि
- 2007 के सलवा जुडूम मामले को बंद करते हुए, सर्वोच्च न्यायालय ने हाल ही में यह टिप्पणी की कि संसद या राज्य विधानसभा द्वारा बनाया गया कोई भी कानून न्यायालय की अवमानना का कार्य नहीं माना जा सकता।
- प्रत्येक राज्य विधानसभा को विधेयक पारित करने की संपूर्ण शक्ति प्राप्त होती है और जब तक कोई संवैधानिक न्यायालय उसे संविधान के विरुद्ध या शून्य और असंगत घोषित नहीं करता, तब तक वह वैध कानून के रूप में प्रभावी रहता है।
- सर्वोच्च न्यायालय ने पुष्टि की कि विधायिका किसी निर्णय के आधार को समाप्त करने या संवैधानिक न्यायालय के निर्णय के अनुरूप निरस्त किए गए कानून को संशोधित करने के लिए कानून पारित कर सकती है। Read More
संसद या राज्य विधानमंडल द्वारा पारित किसी भी कानून को न्यायालय की अवमानना नहीं माना जा सकता
संदर्भ
सर्वोच्च न्यायालय का निर्देश
- हाल ही में यह देखा गया है कि भारत में भवन-समेकित सौर फोटोवोल्टिक (BIPV) को अपनाने की क्षमता है, क्योंकि इसकी मजबूत विनिर्माण आधार और स्थिरता के प्रति प्रतिबद्धता है।
- भवन-समेकित सौर फोटोवोल्टिक (BIPV) का तात्पर्य भवन की अवसंरचना में सौर कोशिकाओं (सेल्स) के एकीकरण से है—जिसमें काँच के पैनल, छत, रेलिंग, अग्रभाग और क्लैडिंग शामिल हैं।
- ये प्रणाली परंपरागत निर्माण सामग्री को प्रतिस्थापित करती हैं और साथ ही विद्युत् उत्पन्न करती हैं, जिससे भवन स्वयं ऊर्जा उत्पादक बन जाते हैं। Read More
बिल्डिंग-एकीकृत फोटोवोल्टिक्स (BIPV)
संदर्भ
भवन-समेकित सौर फोटोवोल्टिक (BIPV)
- खीर भवानी महोत्सव, जो प्रतिवर्ष ज्येष्ठ अष्टमी के दिन मनाया जाता है, वर्तमान में गांदरबल, जम्मू और कश्मीर के खीर भवानी मंदिर में आयोजित हो रहा है।
- मूल मंदिर का निर्माण महाराजा प्रताप सिंह ने लगभग 1912 में किया था।
- बाद में इसे महाराजा हरि सिंह द्वारा संवारा और पुनर्निर्मित किया गया। Read More