भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के अनुसार, 2024-25 में भारत में शुद्ध प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) 96% से अधिक की गिरावट के साथ मात्र $353 मिलियन रह गया, जो विगत वर्ष की तुलना में बहुत कम है।
परिचय
शुद्ध FDI 2020-21 में $44 बिलियन था, जो 2023-24 में $10.1 बिलियन तक गिरा और अंततः 2024-25 में केवल $353 मिलियन ($0.4 बिलियन) रह गया।
हालाँकि सकल FDI प्रवाह स्वस्थ और विविधीकृत है, लेकिन शुद्ध FDI में गिरावट के मुख्य कारण हैं:
विदेशी कंपनियों द्वारा अधिक लाभ प्रत्यावर्तन (लाभ लेना, विनिवेश)।
भारतीय कंपनियों द्वारा बढ़ता बाहरी निवेश (वैश्विक विस्तार)।
कई सांसदों ने जल जीवन मिशन के कार्यान्वयन में कथित अनियमितताओं की जाँच की माँग की है, विशेष रूप से अनुबंधों की बढ़ी हुई लागत और अन्य वित्तीय अनियमितताओं को लेकर।
जल जीवन मिशन (JJM)
परिचय: यह एक केंद्र प्रायोजित योजना है, जिसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 15 अगस्त 2019 को प्रारंभ किया था। इसका महत्वाकांक्षी लक्ष्य प्रत्येक ग्रामीण परिवार को नल के जल की आपूर्ति सुनिश्चित करना है।
केंद्रीय बजट 2025-26: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने जल जीवन मिशन के लिए ₹67,000 करोड़ की बढ़ी हुई राशि आवंटित की है, और इसे 2028 तक बढ़ा दिया गया है।
हाल ही में, दूरसंचार विभाग (DoT) ने वित्तीय प्रणालियों और टेलीकॉम बुनियादी ढाँचे की सुरक्षा के लिए डिजिटल इंटेलिजेंस प्लेटफ़ॉर्म (DIP) के अंतर्गत वित्तीय धोखाधड़ी जोखिम संकेतक (FRI) लॉन्च किया है।
वित्तीय धोखाधड़ी जोखिम संकेतक (FRI) के बारे में
FRI एक जोखिम-आधारित मीट्रिक है जो मोबाइल नंबरों को उनकी धोखाधड़ी गतिविधियों में शामिल होने की संभावना के आधार पर तीन श्रेणियों—मध्यम, उच्च, या अत्यंत उच्च जोखिम—में वर्गीकृत करता है।
यह वर्गीकरण कई डेटा स्रोतों से प्राप्त किया जाता है, जिनमें भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र के राष्ट्रीय साइबर अपराध रिपोर्टिंग पोर्टल, दूरसंचार विभाग का चक्षु प्लेटफॉर्म और बैंकों एवं वित्तीय संस्थानों द्वारा साझा की गई जानकारी शामिल हैं।
बौद्ध दर्शन की ओर संकेत—विशेष रूप से यह विचार कि आत्मा एक भ्रांति है—आधुनिक विश्व में अत्यंत प्रभावशाली और प्रासंगिक है।
परिचय
विश्व आत्म-प्रचार को शांति और प्रगति का मार्ग मानकर उस पर अधिक ध्यान केंद्रित कर रही है।
सोशल मीडिया, विशेष रूप से सेल्फी संस्कृति, एक सजावटयुक्त और प्रायः कृत्रिम पहचान को बढ़ावा देता है।
यह बाहरी मान्यता चिंता, अपर्याप्तता का भय, और अधिक की इच्छा को जन्म देता है—जिससे व्यापक भावनात्मक पीड़ा होती है।