भारत में न्यायाधीशों की नियुक्ति लंबे समय से वाद-विवाद का विषय रही है, जो लंबित मामलों की चुनौती से निकटता से जुड़ी हुई है। अप्रैल 2024 तक, विभिन्न उच्च न्यायालयों में 60 लाख से अधिक मामले लंबित रहे, जबकि 30% न्यायिक पद रिक्त रहे।
अदालतों में ‘तारीख पर तारीख’ की संस्कृति बदलने की जरुरत: मुर्मु;
अदालतों में ‘स्थगन की संस्कृति’ को बदलने के प्रयास की जरुरत;
India’s neighbourhood watch, past and present
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