संक्षिप्त समाचार 10-02-2025

फोर्ट विलियम का नाम परिवर्तित कर विजय दुर्ग कर दिया गया

पाठ्यक्रम: GS1/ इतिहास

संदर्भ

  • पूर्वी सेना कमान के मुख्यालय, कोलकाता स्थित फोर्ट विलियम का नाम परिवर्तित कर विजय दुर्ग कर दिया गया है।
    • फोर्ट विलियम के अंदर किचनर हाउस का नाम बदलकर मानेकशॉ हाउस कर दिया गया है और दक्षिण गेट, जिसे पहले सेंट जॉर्ज गेट के नाम से जाना जाता था, अब शिवाजी गेट है।

फोर्ट विलियम

  • पहला फोर्ट विलियम ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी द्वारा 1696 में हुगली नदी के पूर्वी तट पर बनाया गया था।
  • इसका नाम इंग्लैंड के राजा विलियम तृतीय के नाम पर रखा गया था।
  • संरचना: यह किला अपनी अनियमित अष्टकोणीय संरचना और धनुषाकार खिड़कियों के लिए जाना जाता है।
  • इसमें छह द्वार हैं: चौरंगी, प्लासी, कलकत्ता, वाटर गेट, सेंट जॉर्ज और ट्रेज़री गेट।
  • भारत का सबसे बड़ा पार्क मैदान किले के सामने स्थित है।
  • 1756 में बंगाल के नवाब सिराजुद्दौला ने किले पर हमला कर उस पर नियंत्रण कर लिया, जिसके कारण कुख्यात ‘कलकत्ता का ब्लैक होल’ नामक घटना घटी।
  • प्लासी के युद्ध (1757) के पश्चात् जब अंग्रेजों ने पुनः नियंत्रण प्राप्त कर लिया, तो रॉबर्ट क्लाइव के नेतृत्व में 1758 एवं 1781 के बीच एक नई और अधिक सुदृढ़ संरचना का निर्माण किया गया।

Source: TH

भारत में पोटाश खनन

पाठ्यक्रम: GS1/प्राकृतिक संसाधनों का वितरण

समाचार में

  • भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (GSI) द्वारा किए गए सर्वेक्षणों से राजस्थान में पोटाश के भंडार की पहचान हुई है, जिससे भारत की आयात पर निर्भरता कम करने का अवसर मिला है।

पोटाश क्या है?

  • पोटाश से तात्पर्य पोटेशियम युक्त खनिजों से है, जिसका उपयोग मुख्य रूप से उर्वरकों में किया जाता है (90% उपयोग)।
  • अनुप्रयोग: NPK उर्वरकों (नाइट्रोजन, फास्फोरस, पोटेशियम) में तीन प्राथमिक पोषक तत्त्वों में से एक।
  • पोटाश फिटकरी जल की कठोरता को दूर करने में सहायता करती है और इसमें जीवाणुरोधी गुण होते हैं।
    • कांच-सिरेमिक, साबुन और डिटर्जेंट तथा विस्फोटकों के उत्पादन में उपयोग किया जाता है।
  • पोटाश उर्वरकों के प्रकार:
    • पोटाश सल्फेट (SOP): प्रीमियम, क्लोराइड मुक्त, फलों और सब्जियों के लिए उपयोग किया जाता है।
    • म्यूरेट ऑफ पोटाश (MOP): इसमें क्लोराइड होता है, जिसका उपयोग गेहूँ जैसी कार्बोहाइड्रेट फसलों के लिए किया जाता है।

भारत में पोटाश भंडार

  • पंजाब और राजस्थान को महत्त्वपूर्ण भंडार वाले प्रमुख राज्यों के रूप में पहचाना गया।
    • पंजाब: फाजिल्का और श्री मुक्तसर साहिब जिलों में पोटाश के भंडार।
    • राजस्थान: नागौर-गंगानगर बेसिन, गंगानगर, हनुमानगढ़, चूरू और बीकानेर जिले। अकेले राजस्थान का योगदान 89% है।

भारत के लिए पोटाश खनन क्यों महत्त्वपूर्ण है?

  • आयात निर्भरता कम करना: भारत वर्तमान में प्रतिवर्ष 50 लाख टन पोटाश का आयात करता है।
  • घरेलू उर्वरक उद्योग को बढ़ावा देना: कृषि आत्मनिर्भरता को बढ़ाएगा।
  • आर्थिक लाभ: रोजगार सृजन और क्षेत्रीय आर्थिक विकास।

चुनौतियाँ और चिंताएँ

  • पर्यावरण एवं भूमि संबंधी मुद्दे: पंजाब में पोटाश के भंडार सतह से 450 मीटर नीचे हैं।
    • किसानों को भूमि अधिग्रहण और आजीविका की हानि का भय है।
    • सरकार का दावा है कि खनन में उन्नत ड्रिलिंग प्रणाली का उपयोग किया जाएगा जिसका भूमि पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा।
    • पर्यावरणीय एवं सामाजिक प्रभाव आकलन किया जा रहा है।

सरकारी नीति और वर्गीकरण

  • पोषक तत्त्व आधारित सब्सिडी (NBS): वास्तविक पोषक तत्त्व सामग्री (N, P, K) के आधार पर सब्सिडी प्रदान करता है।
  • महत्त्वपूर्ण खनिज स्थिति: घरेलू उत्पादन को बढ़ावा देने और आयात निर्भरता को कम करने के लिए खान और खनिज (विकास और विनियमन) संशोधन (MMDR) अधिनियम, 2023 के अंतर्गत मान्यता प्राप्त।

Source: IE

कुक द्वीप समूह(Cook Islands)

पाठ्यक्रम: GS1/ भूगोल

संदर्भ

  • न्यूजीलैंड ने कुक द्वीप समूह द्वारा चीन के साथ सहयोग समझौते पर हस्ताक्षर करने की तैयारी के संबंध में गंभीर चिंता व्यक्त की है।

परिचय

  • राजनीतिक स्थिति: कुक द्वीप समूह न्यूजीलैंड के साथ स्वतंत्र सहयोग वाला एक स्वशासित राष्ट्र है। यह 1901 से 1965 तक न्यूजीलैंड पर आश्रित उपनिवेश था।
  • अवस्थिति: कुक द्वीप समूह दक्षिण प्रशांत महासागर में पोलिनेशिया, ओशिनिया में स्थित हैं।
    • वे न्यूज़ीलैंड के उत्तर-पूर्व में, अमेरिकी समोआ और फ्रेंच पोलिनेशिया के बीच स्थित हैं।
    • राष्ट्र में 15 द्वीप हैं, जिनका कुल भूमि क्षेत्रफल लगभग 236.7 वर्ग किलोमीटर है। ये द्वीप ज्वालामुखी गतिविधि से बने थे।
  • प्रशासनिक मुख्यालय अवारुआ है, जो रारोटोंगा द्वीप पर स्थित है।
कुक द्वीप समूह

Source: TH

बाल्टिक राष्ट्र (Baltic Nations) 

पाठ्यक्रम: GS1/स्थान

समाचार में

  • तीनों बाल्टिक राज्यों ने यूरोपीय संघ के साथ अधिक निकटता से जुड़ने तथा सुरक्षा बढ़ाने के लिए अपनी विद्युत प्रणालियों को रूस के पावर ग्रिड से पृथक् कर दिया।
बाल्टिक राष्ट्र

बाल्टिक राष्ट्र

  • बाल्टिक राज्य यूरोप के उत्तरपूर्वी क्षेत्र में हैं और इसमें बाल्टिक सागर के पूर्वी तट पर स्थित एस्टोनिया, लाटविया और लिथुआनिया देश सम्मिलित हैं।
  • वे पश्चिम और उत्तर में बाल्टिक सागर से घिरे हैं, जिसके कारण इस क्षेत्र को यह नाम मिला है, पूर्व में रूस, दक्षिण-पूर्व में बेलारूस और दक्षिण-पश्चिम में पोलैंड स्थित है।

बाल्टिक सागर

  • विश्व में लवणीय जल  का सबसे बड़ा विस्तार, अर्ध-संलग्न एवं अपेक्षाकृत उथला।
  • बाल्टिक सागर उत्तरी अटलांटिक महासागर की एक शाखा है। यह स्कैंडिनेवियाई प्रायद्वीप, उत्तरी यूरोप, पूर्वी यूरोप और मध्य यूरोप की मुख्य भूमि एवं डेनिश द्वीपों से घिरा हुआ है।
  • बाल्टिक सागर को कृत्रिम रूप से व्हाइट सी नहर द्वारा व्हाइट सागर से और कील नहर द्वारा उत्तरी सागर से जोड़ा गया है।
  • इसमें बोथनिया की खाड़ी, फिनलैंड की खाड़ी, रीगा की खाड़ी और ग्दान्स्क की खाड़ी शामिल हैं।
बाल्टिक सागर

Source :TH

नेत्ज़ारिम कॉरिडोर

पाठ्यक्रम: GS1/ समाचार में स्थान

संदर्भ

  • इजरायल-हमास युद्धविराम समझौते के तहत इजरायली सेनाएँ नेत्ज़ारिम कॉरिडोर से हट गई हैं।

नेत्ज़ारिम कॉरिडोर के बारे में

नेत्ज़ारिम कॉरिडोर के बारे में
  • नेत्ज़ारिम कॉरिडोर गाजा पट्टी में भूमि की एक पट्टी थी जो संघर्ष के दौरान इज़रायली सैन्य नियंत्रण में थी।
  • यह 2023-2025 गाजा युद्ध के दौरान इज़राइल रक्षा बलों (IDF) द्वारा स्थापित एक रणनीतिक सैन्य क्षेत्र था।
  • यह गाजा-इज़राइल सीमा से भूमध्य सागर तक विस्तारित  था, तथा गाजा पट्टी को प्रभावी रूप से दो भागों में विभाजित करता था।
  • इस गलियारे का नाम पूर्व इजरायली बस्ती नेत्ज़ारिम के नाम पर रखा गया था जो कभी इस क्षेत्र में मौजूद थी।

Source: FE

मिथुन (Mithuns)

पाठ्यक्रम :GS 3/पर्यावरण

समाचार में

  • अरुणाचल प्रदेश में, मिथुन राजमार्गों पर दृश्यता में सुधार लाने और घातक दुर्घटनाओं को रोकने के लिए फ्लोरोसेंट कॉलर पहनेंगे।

मिथुन (बोस फ्रंटालिस) के बारे में

मिथुन (बोस फ्रंटालिस) के बारे में
  • मिथुन को प्रायः ‘पहाड़ों का मवेशी’ कहा जाता है।
  • यह भारत के पूर्वोत्तर पहाड़ी क्षेत्रों के उपोष्णकटिबंधीय वर्षा वनों में पाली जाने वाली एक दुर्लभ मवेशी प्रजाति है।
  • यह अरुणाचल प्रदेश और नागालैंड का राज्य पशु है।
    • यह मणिपुर और मिजोरम की पहाड़ियों में भी पाया जाता है।
  • IUCN स्थिति: संवेदनशील
  • महत्त्व: मिथुन अपने मांस, दूध और भार वहन क्षमता के लिए बहुमूल्य माने जाते हैं।
    • वे पूर्वोत्तर के कई आदिवासी समुदायों के सामाजिक-आर्थिक और सांस्कृतिक जीवन में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
    • इसका होना समृद्धि का प्रतीक माना जाता है।

Source: TH

अभ्यास ‘साइक्लोन 2025’

पाठ्यक्रम :GS 3/रक्षा

समाचार में

  • राजस्थान के महाजन फील्ड फायरिंग रेंज में अभ्यास ‘साइक्लोन 2025’ प्रारंभ हुआ।

अभ्यास ‘साइक्लोन 2025’

  • यह भारत और मिस्र के बीच संयुक्त सैन्य अभ्यास है।
    • अभ्यास का पहला संस्करण 2023 में भारत में आयोजित किया गया था।
  • यह 14 दिवसीय अभ्यास है जिसका उद्देश्य पेशेवर कौशल साझा करके रक्षा सहयोग को बढ़ाना और रेगिस्तानी वातावरण में विशेष बलों की अंतर-संचालन क्षमता में सुधार करना है।

Source :PIB