IMD के अनुसार, दक्षिण-पश्चिम मानसून के समय से पहले आगमन की संभावना है। केरल में मानसून का सामान्य आगमन दिनांक 1 जून है और सामान्यतः इस प्रणाली को निकोबार द्वीप से केरल तक पहुँचने में लगभग 10 दिन लगते हैं।
भारतीय मानसून की प्रक्रिया: प्रमुख कारक
भूमि और समुद्र का भिन्न ताप: ग्रीष्म ऋतु में भारत की स्थलमंडल महासागर की तुलना में तीव्रता से उष्ण होता है, जिससे भूमि पर निम्न दाब बनता है और समुद्र से आर्द्र वायु आकर्षित होती हैं।
अंतर-उष्णकटिबंधीय अभिसरण क्षेत्र (ITCZ): भूमध्यरेखा के पास व्यापारिक पवनों के अभिसरण का क्षेत्र ग्रीष्म ऋतु में उत्तर की ओर गमन करता है, जिससे गंगा के मैदान में निम्न दाब बढ़ता है और मानसूनी पवनें आकर्षित होती हैं।
भारत और यूनाइटेड किंगडम ने लगभग तीन वर्षों की वार्ता के बाद एक ऐतिहासिक मुक्त व्यापार समझौता (FTA) पर हस्ताक्षर किए हैं।
मुक्त व्यापार समझौता (FTA) क्या है?
FTA दो या अधिक देशों या व्यापारिक गुटों के बीच ऐसे समझौते होते हैं, जिनमें मुख्य रूप से महत्त्वपूर्ण व्यापार पर सीमा शुल्क और गैर-शुल्क बाधाओं को कम या समाप्त करने पर सहमति होती है।
ये वस्तुओं एवं सेवाओं दोनों को कवर कर सकते हैं। FTA निवेश, पेशेवरों की गतिशीलता और नियामक सहयोग जैसे मुद्दों को भी संबोधित करते हैं।
भारत-UK FTA वार्ताओं को 2022 में औपचारिक रूप से प्रारंभ किया गया था, जिसका उद्देश्य आर्थिक सहयोग को गहरा करना और द्विपक्षीय व्यापार को बढ़ावा देना था।
मंत्रिमंडल की आर्थिक मामलों की समिति (CCEA) ने विद्युत क्षेत्र में कोयला आवंटन के लिए संशोधित SHAKTI (भारत में पारदर्शी तरीके से कोयला का दोहन और आवंटन करने की योजना) नीति को मंजूरी दे दी है।
SHAKTI नीति
यह 2017 में पेश की गई थी और कोयला आवंटन तंत्र को नामांकन आधारित व्यवस्था से अधिक पारदर्शी नीलामी/शुल्क-आधारित बोली प्रणाली में बदलने का कार्य किया गया।
वर्तमान संशोधन, नई विशेषताओं के साथ, SHAKTI नीति के दायरे और प्रभाव को बढ़ाएगा तथा विद्युत क्षेत्र को समर्थन देगा:अधिक लचीलापन
विस्तृत पात्रता
कोयले की बेहतर पहुँच
यह सभी विद्युत उत्पादकों को कोयला लिंकिंग सुनिश्चित करेगा, जिससे अधिक विद्युत उत्पादन, सस्ते टैरिफ और समग्र रूप से अर्थव्यवस्था पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।
हाल ही में, भारत के सर्वोच्च न्यायालय ने 2022 के अपने निर्णय की समीक्षा प्रारंभ की है, जिसमें धन शोधन निवारण अधिनियम (PMLA) के अंतर्गत प्रवर्तन निदेशालय (ED) को व्यापक अधिकार दिए गए थे।
PMLA 2002 के बारे में
यह भारत का प्रमुख कानून है, जो धन शोधन और वित्तीय अपराधों से निपटने के लिए बनाया गया है और 1 जुलाई 2005 से लागू है।
यह अधिकारियों को अवैध वित्तीय गतिविधियों से जुड़े संपत्तियों की जाँच, मुकदमा चलाने और जब्ती का अधिकार देता है।
यह वैश्विक एंटी-मनी लॉन्डरिंग ढाँचे के अनुरूप है, जिसमें वित्तीय कार्रवाई कार्य बल (FATF) की सिफारिशें शामिल हैं।
दिल्ली मंत्रिमंडल ने प्रदूषण के विरुद्ध लड़ाई के बीच राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र ( NCR) में पाँच क्लाउड-सीडिंग परीक्षणों के संचालन के लिए 3.21 करोड़ रुपये की परियोजना को मंजूरी दी।
क्लाउड सीडिंग क्या है?
क्लाउड सीडिंग एक मौसम संशोधन तकनीक है जिसका उद्देश्य बादलों से वर्षा को बढ़ाना है, इसके लिए ऐसे पदार्थों को शामिल किया जाता है जो बादल संघनन या बर्फ के नाभिक के रूप में कार्य करते हैं।
विधि: विमान या रॉकेट सिल्वर आयोडाइड, पोटेशियम आयोडाइड या सूखी बर्फ (ठोस कार्बन डाइऑक्साइड), या तरल प्रोपेन जैसे सीडिंग एजेंट को वायुमंडल में फैलाते हैं।
उद्देश्य: वर्षा को प्रोत्साहित करना, धूल को कम करना, ओलावृष्टि को रोकना और कणों को व्यवस्थित करके वायु की गुणवत्ता में सुधार करना।
ऑपरेशन सिंदूर भारत की सैन्य कार्रवाई के नामकरण दृष्टिकोण में बदलाव को दर्शाता है, जहाँ पारंपरिक शक्ति प्रदर्शन से भावनात्मक श्रद्धांजलि की ओर प्रवृत्ति देखी जा रही है। पूर्व में प्रचलित रिडल, मेघदूत, और बंदर जैसे पारंपरिक या पौराणिक नामों के बजाय यह नाम एक मानव-केंद्रित कथानक को दर्शाता है।
ऑपरेशन रिडल (1965 भारत-पाक युद्ध)
यह भारतीय सैन्य अभियान था, जो 1965 में पाकिस्तान द्वारा ऑपरेशन जिब्राल्टर और ग्रैंड स्लैम के अंतर्गत किए गए आक्रमण के जवाब में प्रारंभ किया गया।
पाकिस्तान ने नियंत्रण रेखा (LoC) का उल्लंघन कर जम्मू और कश्मीर में प्रवेश किया, जिसके जवाब में भारत ने 6 सितंबर 1965 को लाहौर और कसूर को निशाना बनाकर इस ऑपरेशन को अंजाम दिया।
ऑपरेशन रिडल के साथ, इन कार्रवाइयों ने पाकिस्तान की आक्रामक नीतियों का प्रभावी मुकाबला किया और अंततः सोवियत संघ द्वारा मध्यस्थता किए गए ताशकंद समझौते की ओर अग्रसर हुआ।