पाठ्यक्रम: सामान्य अध्ययन पेपर-3/ अर्थव्यवस्था
संदर्भ
- नीति आयोग द्वारा “आत्मनिर्भरता के लक्ष्य की ओर खाद्य तेलों में वृद्धि को गति देने के लिए मार्ग और रणनीतियां” शीर्षक वाली रिपोर्ट जारी की गई।
रिपोर्ट के मुख्य अंश
- भारत का खाद्य वनस्पति तेल क्षेत्र वैश्विक मंच पर एक महत्वपूर्ण खिलाड़ी है, जो संयुक्त राज्य अमेरिका, चीन और ब्राजील के बाद चौथे स्थान पर है।
- भारत में सात प्रमुख तिलहन उत्पादक राज्य हैं अर्थात राजस्थान, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, आंध्र प्रदेश और कर्नाटक।
- मांग: रिपोर्ट में बताया गया है कि पिछले दशकों में देश में खाद्य तेल की प्रति व्यक्ति खपत में वृद्धि हुई है, जो 19.7 किलोग्राम/वर्ष तक पहुंच गई है।
- मांग में यह वृद्धि घरेलू उत्पादन से बहुतआगे निकल गई है, जिसके कारण घरेलू और औद्योगिक दोनों जरूरतों को पूरा करने के लिए आयात पर भारी निर्भरता बढ़ गई है।
- आयात: 2022-23 में, भारत ने 16.5 मिलियन टन (MT) खाद्य तेलों का आयात किया, जिसमें घरेलू उत्पादन देश की आवश्यकताओं का केवल 40-45% ही पूरा कर पाया।
- यह स्थिति खाद्य तेलों में आत्मनिर्भरता प्राप्त करने के देश के लक्ष्य के लिए एक बड़ी चुनौती प्रस्तुत करती है।
- सामान्य व्यवसाय (BAU) परिदृश्य के अंतर्गत, खाद्य तेल की राष्ट्रीय आपूर्ति 2030 तक 16 मीट्रिक टन और 2047 तक 26.7 मीट्रिक टन तक बढ़ने का अनुमान है।
सरकार द्वारा उठाए गए कदम
- राष्ट्रीय खाद्य तेल मिशन – ऑयल पाम (NMEO-OP): यह मिशन 2025-26 तक ऑयल पाम की खेती को बढ़ाने और कच्चे पाम तेल के उत्पादन को 11.20 लाख टन तक बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध है।
- राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन- तिलहन (NFSM-OS) को सरकार द्वारा 2018-19 से लागू किया जा रहा है, ताकि खाद्य तेलों की उपलब्धता बढ़ाई जा सके और तिलहनों के उत्पादन तथा उत्पादकता में वृद्धि करके एवं ऑयल पाम तथा वृक्ष जनित तिलहनों के क्षेत्र विस्तार के माध्यम से आयात के भार को कम किया जा सके।
- सरकार ने तिलहनों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) में वृद्धि की।
सुझाव
- इस क्षेत्र में आत्मनिर्भरता प्राप्त करने के लिए, रिपोर्ट में वर्तमान अंतर को समाप्त करने और दीर्घकालिक स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए विभिन्न रणनीतिक हस्तक्षेपों का सुझाव दिया गया है।
- प्रस्तावित रणनीति तीन प्रमुख स्तंभों पर आधारित है:
- फसल प्रतिधारण और विविधीकरण,
- क्षैतिज विस्तार: रणनीति का उद्देश्य खाद्य तेल फसलों की खेती के लिए समर्पित क्षेत्र को रणनीतिक रूप से बढ़ाना है। संभावित रास्तों में चावल की परती भूमि और अत्यधिक उपयुक्त बंजर भूमि का उपयोग सम्मिलित है।
- ऊर्ध्वाधर विस्तार: रणनीति वर्तमान तिलहन खेती की उपज बढ़ाने पर केंद्रित है। इसे बेहतर कृषि पद्धतियों, बेहतर गुणवत्ता वाले बीजों और उन्नत उत्पादन तकनीकों के माध्यम से प्राप्त किया जा सकता है।
Source: PIB