पाठ्यक्रम: GS2/राजव्यवस्था और शासन
संदर्भ
- भारत निर्वाचन आयोग (ECI) ने बिहार के लिए मतदाता सूची को नए सिरे से तैयार करने का निर्देश दिया है।
परिचय
- सभी मतदाताओं को एक गणना प्रपत्र जमा करना होगा, और जो मतदाता 2003 के बाद पंजीकृत हुए हैं उन्हें नागरिकता प्रमाणित करने वाले दस्तावेज अतिरिक्त रूप से प्रस्तुत करने होंगे।
- यह विशेष तीव्र पुनरीक्षण (Special Intensive Revision – SIV) अंततः सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को कवर करेगा।
- SIV की आवश्यकता के कारण: तीव्र नगरीकरण, बार-बार होने वाला प्रवास, युवा नागरिकों का मतदान के लिए पात्र बनना, मृत्यु की सूचना न देना और विदेशी अवैध प्रवासियों के नामों का सम्मिलन—इन कारणों ने इस प्रक्रिया को आवश्यक बना दिया है।
- बूथ स्तर के अधिकारी (BLO) मतदाताओं का घर-घर जाकर सत्यापन करेंगे।
- बिहार में विगत तीव्र पुनरीक्षण प्रक्रिया 2003 में आयोग द्वारा कराई गई थी।

जनप्रतिनिधित्व अधिनियम (RPA) में प्रावधान
- जनप्रतिनिधित्व अधिनियम, 1950 की धारा 21(3) के अनुसार, निर्वाचन आयोग “किसी भी समय… किसी निर्वाचन क्षेत्र या उसके भाग की मतदाता सूची के विशेष पुनरीक्षण का ऐसा तरीका अपनाकर निर्देश दे सकता है जैसा वह उचित समझे।”
- मतदाता सूची का पुनरीक्षण “या तो तीव्र रूप से, या संक्षिप्त रूप से, या आंशिक रूप से तीव्र और आंशिक रूप से संक्षिप्त रूप से, जैसा कि (ECI) निर्देशित करे” किया जा सकता है।
- तीव्र पुनरीक्षण में मतदाता सूची को नए सिरे से तैयार किया जाता है, जबकि संक्षिप्त पुनरीक्षण में सूची में संशोधन किया जाता है।
- तीव्र पुनरीक्षण निम्नलिखित वर्षों में किए गए हैं: 1952–56, 1957, 1961, 1965, 1966, 1983–84, 1987–89, 1992, 1993, 1995, 2002, 2003 और 2004।
भारत में पंजीकृत मतदाता बनने की पात्रता
- संविधान का अनुच्छेद 326 यह निर्धारित करता है कि: प्रत्येक भारतीय नागरिक जो निर्धारित तिथि को 18 वर्ष या अधिक आयु का है, और किसी अन्य क़ानून के अंतर्गत अयोग्य घोषित नहीं है, वह मतदाता सूची में पंजीकृत होने का पात्र है।
- जनप्रतिनिधित्व अधिनियम, 1950 की धारा 16 के अंतर्गत कोई व्यक्ति मतदाता सूची में पंजीकृत नहीं हो सकता यदि:
- वह भारत का नागरिक नहीं है,
- सक्षम न्यायालय द्वारा मानसिक रूप से अस्वस्थ घोषित किया गया है, या
- किसी भी कानून के तहत भ्रष्ट आचरण या चुनाव संबंधी अपराधों में अयोग्य ठहराया गया है।
- मतदाता पंजीकरण की प्रक्रिया भारत निर्वाचन आयोग (ECI) नए मतदाताओं को फॉर्म 6 के माध्यम से आवेदन करने का निर्देश देता है। आवेदकों को जमा करना होगा:
- उम्र और पते का स्व-सत्यापित प्रमाण (जैसे—बिजली बिल, पासपोर्ट आदि)
- भारतीय नागरिकता का स्वघोषणा पत्र, जिस पर आवेदक के हस्ताक्षर अनिवार्य हैं।
- नागरिकता का प्रमाण (जैसे—पासपोर्ट या जन्म प्रमाणपत्र) अनिवार्य नहीं है, जब तक कि ERO आवेदक की वैधता पर संदेह न करे।
- प्रमाणन प्रक्रिया में शामिल अधिकारी:
- निर्वाचन पंजीकरण अधिकारी (ERO)
- बूथ स्तर अधिकारी (BLO) ये अधिकारी आवेदन की जाँच, आपत्तियों की सुनवाई और आवेदन को स्वीकृति या अस्वीकृति देने की जिम्मेदारी निभाते हैं। जनप्रतिनिधित्व अधिनियम, 1950 की धारा 31 झूठे घोषणापत्रों पर दंड का प्रावधान करती है।
भारत निर्वाचन आयोग (ECI) के बारे में
- ECI एक स्वायत्त और स्थायी संवैधानिक संस्था है जो भारत संघ और राज्यों में स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनावों का आयोजन सुनिश्चित करती है।
- संविधान निर्वाचन आयोग को संसद, राज्य विधानसभाओं, भारत के राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति के चुनावों की दिशा, पर्यवेक्षण एवं नियंत्रण की शक्तियाँ प्रदान करता है।
- ECI नगरीय निकायों जैसे नगरपालिकाओं और पंचायतों के चुनाव नहीं कराता; इसके लिए प्रत्येक राज्य में पृथक राज्य निर्वाचन आयोग होता है।
Source: IE
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