विशेषज्ञों ने शक्तिशाली एंटीबायोटिक सेफ्टाजिडाइम-एवीबैक्टम के अत्यधिक उपयोग को लेकर चिंता व्यक्त की है, जिससे इसकी प्रभावशीलता कम हो रही है और दवा प्रतिरोध बढ़ रहा है।
एंटीमाइक्रोबियल रेजिस्टेंस (AMR)
एंटीमाइक्रोबियल्स (जिसमें एंटीबायोटिक्स, एंटीवायरल्स, एंटीफंगल्स और एंटीपरासिटिक्स शामिल हैं) का उपयोग मनुष्यों, जानवरों एवं पौधों में संक्रमण के उपचार के लिए किया जाता है।
एंटीमाइक्रोबियल रेजिस्टेंस (AMR) की स्थिति तब उत्पन्न होता है जब रोगजनक इन दवाओं पर प्रतिक्रिया करना बंद कर देते हैं, जिससे संक्रमण का उपचार करना कठिन हो जाता है और रोग के प्रसार, बीमारी, विकलांगता एवं मृत्यु का खतरा बढ़ जाता है।
भारत ने 2024-25 में अंतर्देशीय जलमार्गों पर 145 मिलियन टन से अधिक माल की आवाजाही का रिकॉर्ड प्राप्त किया है।
परिचय
राष्ट्रीय जलमार्गों की संख्या 5 से बढ़कर 111 हो गई, जबकि परिचालन लंबाई 2,716 किमी. (2014-15) से बढ़कर 4,894 किमी. (2023-24) हो गई।
बड़े पैमाने पर बुनियादी ढाँचे के विकास में मल्टी-मॉडल टर्मिनल , इंटर-मॉडल टर्मिनल , सामुदायिक जेटी, फ्लोटिंग टर्मिनल और हाइब्रिड इलेक्ट्रिक और हाइड्रोजन वेसल्स जैसी ग्रीन तकनीक शामिल हैं।
भारत में प्रथम मानव जीन थेरेपी परीक्षण हेमोफिलिया के लिए बायोटेक्नोलॉजी रिसर्च एंड इनोवेशन काउंसिल के स्टेम सेल साइंस और पुनर्योजी चिकित्सा संस्थान (BRIC-inStem) तथा CMC वेल्लोर के सहयोग से किया गया।
हेमोफिलिया क्या है?
यह एक दुर्लभ आनुवंशिक विकार है जो शरीर की रक्त का थक्का बनाने या जमाने की क्षमता को बाधित करता है।
इसके कारण स्वतःस्फूर्त रक्तस्राव हो सकता है, साथ ही चोट लगने या सर्जरी के पश्चात् रक्तस्राव का जोखिम भी बढ़ सकता है।
चीनी शोधकर्त्ताओं ने एक नया हाइड्रोजन बम परीक्षण किया है, जो मैग्नीशियम हाइड्राइड का उपयोग करके बिना परमाणु सामग्री के एक स्थायी आग का गोला उत्पन्न करता है।
हाइड्रोजन बम क्या है?
हाइड्रोजन बम या थर्मोन्यूक्लियर बम पारंपरिक रूप से दो-चरणीय विस्फोट प्रक्रिया का अनुसरण करता है:
प्राथमिक (विखंडन) ट्रिगर: इसमें यूरेनियम-235 या प्लूटोनियम-239 जैसे विखंडनीय सामग्री का उपयोग करके अत्यधिक ऊष्मा और दाब उत्पन्न किया जाता है।
भारतीय खगोल भौतिकी संस्थान (IIA) के हालिया अध्ययन ने सूर्य के प्रकाशमंडल में हीलियम की मात्रा का सटीक अनुमान लगाया है।
पृष्ठभूमि
हीलियम सूर्य में हाइड्रोजन के पश्चात् दूसरा सबसे प्रचुर तत्त्व है और इसकी संरचना एवं ऊर्जा गतिशीलता में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
सूर्य के प्रकाशमंडल में इसकी मात्रा को सटीक रूप से मापना एक लंबे समय से चली आ रही चुनौती रही है, क्योंकि दृश्यमान क्षेत्र में हीलियम के स्पेक्ट्रल रेखाएँ अनुपस्थित होती हैं।
अमेरिकी राष्ट्रीय महासागरीय और वायुमंडलीय प्रशासन (NOAA) ने अंतरराष्ट्रीय प्रवाल भित्ति पहल के साथ साझेदारी में पुष्टि की है कि विश्व चौथे वैश्विक प्रवाल विरंजन (bleaching) घटना का सामना कर रहा है।
परिचय
विरंजन-स्तर की ऊष्मा तनाव ने 83.7% ग्रह की प्रवाल भित्ति क्षेत्र को प्रभावित किया है और कम से कम 83 देशों और क्षेत्रों में व्यापक प्रवाल विरंजन दर्ज किया गया है। वर्तमान वैश्विक प्रवाल विरंजन घटना अब तक की सबसे बड़ी है।
पिछली विरंजन घटनाएँ: प्रथम और दूसरी वैश्विक प्रवाल विरंजन घटनाएँ क्रमशः 1998 और 2010 में हुई थीं।
वर्ष 2024 ने वायकोम सत्याग्रह (1924) के शताब्दी वर्ष को चिह्नित किया।
वायकोम सत्याग्रह के बारे में
कारण: इस आंदोलन की शुरुआत अस्पृश्यता प्रथा के विरोध में की गई थी।
त्रावणकोर रियासत के वायकोम क्षेत्र में निम्न जाति के लोगों, विशेष रूप से दलितों को वायकोम शिव मंदिर की ओर जाने वाली सड़कों पर चलने का अधिकार नहीं दिया जाता था।