हाल ही में, भारत के प्रधान मंत्री की अध्यक्षता में सुरक्षा पर कैबिनेट समिति (CCS) ने पहलगाम में आतंकवादी हमले के बाद पाकिस्तान के साथ सिंधु जल संधि (1960) को ‘तत्काल प्रभाव से स्थगित’ कर दिया।
सिंधु जल संधि (IWT) के बारे में
इस समझौते पर 1960 में भारत के प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू और पाकिस्तान के राष्ट्रपति अयूब खान ने दोनों देशों के बीच जल-बंटवारे को विनियमित करने के लिए हस्ताक्षर किए थे।
राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस 2025 के अवसर पर पंचायती राज मंत्रालय ने विशेष श्रेणी राष्ट्रीय पंचायत पुरस्कार-2025 प्रदान किए।
परिचय
इन पुरस्कारों में जलवायु कार्रवाई विशेष पंचायत पुरस्कार (CASPA), आत्मनिर्भर पंचायत विशेष पुरस्कार (ANPSA), और पंचायत क्षमता निर्माण सर्वोत्तम संस्थान पुरस्कार (PKNSSP) शामिल हैं।
इन पुरस्कारों का उद्देश्य ग्राम पंचायतों और संस्थानों को मान्यता देना है जिन्होंने जलवायु सहनशीलता, वित्तीय आत्मनिर्भरता एवं क्षमता निर्माण जैसे क्षेत्रों में उत्कृष्ट प्रदर्शन किया है।
भारत का प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (DBT) ढाँचा विश्व भर की सरकारों को अपनी सामाजिक सुरक्षा प्रणालियों को संशोधित करने में बहुमूल्य जानकारी प्रदान कर रहा है।
प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (DBT) प्रणाली
1 जनवरी, 2013 को इसकी शुरुआत सरकारी कल्याणकारी वितरण में सुधार लाने के लिए की गई थी, ताकि प्रक्रियाओं को सरल बनाया जा सके, लाभार्थियों को सटीक रूप से लक्षित किया जा सके, धोखाधड़ी को कम किया जा सके और सूचना और धन के तेज़ प्रवाह की सुविधा प्रदान की जा सके।
मूल रूप से योजना आयोग में DBT मिशन को बेहतर समन्वय के लिए 2015 में कैबिनेट सचिवालय में स्थानांतरित कर दिया गया था।
इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MeitY) ने इंटरनेशनल काउंसिल फॉर सर्कुलर इकोनॉमी (ICCE) द्वारा संपादित ‘आई एम सर्कुलर’ कॉफी टेबल बुक का विमोचन किया।
परिचय
‘आई एम सर्कुलर’ कॉफी टेबल बुक में देश भर में ‘आई एम सर्कुलर’ चैलेंज के माध्यम से पहचाने गए भारत के 30 सबसे आशाजनक नवाचारों को शामिल किया गया है।
यह एक पहल है जिसे सर्कुलर अर्थव्यवस्था के सिद्धांतों में निहित सफल समाधानों की खोज और विस्तार करने के लिए डिज़ाइन किया गया है।
IMF के विश्व आर्थिक परिदृश्य के अप्रैल 2025 संस्करण के अनुसार, भारत अगले दो वर्षों तक सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्था बना रहेगा।
विश्व आर्थिक परिदृश्य रिपोर्ट
विश्व आर्थिक परिदृश्य (WEO) वैश्विक आर्थिक रुझानों और नीतिगत चुनौतियों पर अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष की प्रमुख रिपोर्ट है।
वर्ष में दो बार प्रकाशित होने वाली यह रिपोर्ट निकट और मध्यम अवधि के लिए अनुमान प्रदान करती है, जिसमें उन्नत, उभरती एवं विकासशील अर्थव्यवस्थाएँ शामिल हैं।