पेरिस AI एक्शन शिखर सम्मेलन

पाठ्यक्रम: GS3/ विज्ञान और प्रौद्योगिकी, अर्थव्यवस्था

संदर्भ

  • PM मोदी ने पेरिस में AI एक्शन समिट के तीसरे संस्करण की सह-अध्यक्षता की।

पेरिस AI एक्शन शिखर सम्मेलन

  • शिखर सम्मेलन में वैश्विक जलवायु आवश्यकताओं के अनुरूप सतत् AI विकास और ऊर्जा दक्षता पर बल दिया गया।
  • इसके उद्देश्यों में शामिल हैं:
    • उपयोगकर्त्ताओं की एक विस्तृत शृंखला के लिए स्वतंत्र, सुरक्षित और विश्वसनीय AI तक पहुँच प्रदान करना।
    • कम ऊर्जा माँग के साथ पर्यावरण अनुकूल AI विकसित करना।
    • प्रभावी और समावेशी वैश्विक AI शासन सुनिश्चित करना।
  • इस कार्यक्रम में पाँच प्रमुख विषयों पर ध्यान केंद्रित किया गया: सार्वजनिक सेवा AI, कार्य का भविष्य, नवाचार और संस्कृति, AI में विश्वास एवं वैश्विक AI शासन।

भारत का परिप्रेक्ष्य और पहल

  • वैश्विक कल्याणके लिए AI: भारत ने स्वास्थ्य सेवा, शिक्षा और कृषि जैसे क्षेत्रों में AI की परिवर्तनकारी क्षमता पर बल दिया, तथा संयुक्त राष्ट्र सतत् विकास लक्ष्यों (SDGs) को प्राप्त करने में इसकी भूमिका पर प्रकाश डाला।
  • जिम्मेदार AI विकास के लिए पाँच स्तंभ: प्रधानमंत्री मोदी ने नैतिक और पारदर्शी AI विकास के लिए पाँच सूत्री एजेंडा प्रस्तावित किया:
    • AI नवाचार के लिए वैश्विक संसाधनों और प्रतिभा को एकत्रित करना।
    • ओपन-सोर्स AI सिस्टम विकसित करना।
    • उच्च गुणवत्ता वाले, निष्पक्ष डेटासेट बनाना।
    • जन-केंद्रित अनुप्रयोगों के लिए AI का लोकतंत्रीकरण।
    • साइबर सुरक्षा संबंधी चिंताओं, गलत सूचनाओं और डीपफेक से निपटना।
  • रोजगार छूटने की चिंताओं का समाधान: भारत ने AI के कारण रोजगार छूटने की चिंताओं को स्वीकार किया, लेकिन तकनीकी प्रगति के कारण कार्य को समाप्त करने के बजाय उसमें बदलाव लाने की ऐतिहासिक प्रवृत्ति पर बल दिया।
    • भारत ने कौशल एवं पुनः कौशल पहल के महत्त्व पर बल दिया।

भारत के लिए महत्त्व

  • वैश्विक AI परिदृश्य: यह शिखर सम्मेलन AI क्षेत्र में तीव्र प्रतिस्पर्धा के बीच हो रहा है, विशेष रूप से पश्चिम और चीन के बीच।
    • यह भारत और फ्रांस को इस महत्त्वपूर्ण क्षेत्र में अपनी सौम्य शक्ति का प्रदर्शन करने का अवसर प्रदान करता है।
  • रणनीतिक साझेदारी: यह शिखर सम्मेलन महत्त्वपूर्ण प्रौद्योगिकी क्षेत्र में भारत और फ्रांस के बीच रणनीतिक साझेदारी को मजबूत करता है।

आगे की राह

  • भारत अपनी भाषाई और सांस्कृतिक विविधता के अनुरूप अपना स्वयं का लार्ज लैंग्वेज  मॉडल (LLM) विकसित कर रहा है।
  • सार्वजनिक-निजी भागीदारी मॉडल स्टार्टअप्स और शोधकर्त्ताओं के लिए सस्ती कंप्यूटिंग शक्ति सुनिश्चित करता है।
  • IndiaAI मिशन निम्नलिखित पहलों के माध्यम से AI अनुसंधान एवं विकास का समर्थन करता है;
    • AI प्रशिक्षण के लिए ग्राफिक्स प्रोसेसिंग यूनिट (GPU) क्लस्टरों तक सब्सिडीयुक्त पहुँच।
    • महत्त्वपूर्ण क्षेत्रों में AI-संचालित परियोजनाओं के लिए वित्तपोषण।

निष्कर्ष

  • पेरिस AI एक्शन शिखर सम्मेलन नैतिक, सतत् और समावेशी AI विकास के प्रति भारत की प्रतिबद्धता को मजबूत करता है।
  • चूंकि AI उद्योगों को नया स्वरूप दे रहा है, इसलिए AI शिक्षा, प्रशासन और नवाचार में भारत का सक्रिय निवेश वैश्विक AI परिदृश्य में इसकी भविष्य की भूमिका निर्धारित करेगा।
भारत-फ्रांस संयुक्त वक्तव्य
भारत-प्रशांत सहयोग: उन्होंने स्वतंत्र, खुले, समावेशी और सुरक्षित भारत-प्रशांत क्षेत्र के प्रति प्रतिबद्धता की पुष्टि की।
अंतरिक्ष सहयोग: उन्होंने 2025 में तीसरे भारत-फ्रांस सामरिक अंतरिक्ष वार्ता आयोजित करने पर सहमति व्यक्त की और CNES-ISRO सहयोग की सिफारिश की तथा अंतरिक्ष उद्योग संबंधों को मजबूत करने पर बल दिया।
आतंकवाद निरोध एवं सुरक्षा: संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की 1267 प्रतिबंध समिति के अंतर्गत आतंकवादियों को नामित करने तथा वित्तीय कार्रवाई कार्य बल (FATF) के मानकों के अनुरूप कार्य करने का आग्रह किया गया।भारत के NSG और फ्रांस के GIGN के बीच आतंकवाद विरोधी सहयोग को मजबूत किया गया।2024 के आतंकवाद-रोधी संवाद और नई दिल्ली में मिलिपोल 2025 की तैयारियों की सराहना की गई।
असैन्य परमाणु सहयोग: परमाणु ऊर्जा को ऊर्जा सुरक्षा और निम्न-कार्बन परिवर्तन के प्रमुख स्तंभ के रूप में मान्यता दी गई। जैतापुर परमाणु ऊर्जा संयंत्र पर सहयोग की पुष्टि की गई।लघु मॉड्यूलर रिएक्टर (SMRs) और उन्नत मॉड्यूलर रिएक्टर (AMRs) पर आशय पत्र पर हस्ताक्षर किए गए।GCNEP (भारत) और INSTN (फ्रांस) के बीच समझौतों के माध्यम से परमाणु प्रशिक्षण को मजबूत किया गया।स्वास्थ्य सहयोग: इंडो-फ्रेंच लाइफ साइंसेज सिस्टर इनोवेशन हब की स्थापना के लिए पेरिसांटे कैम्पस (फ्रांस) और सी-कैंप (भारत) के बीच समझौतों पर हस्ताक्षर किए गए।

Source: BS