पाठ्यक्रम :GS3/अर्थव्यवस्था/पर्यावरण
समाचार में
- दिल्ली के ऊर्जा मंत्री ने दक्षिण दिल्ली के किलोकारी में 20-MW बैटरी ऊर्जा भंडारण प्रणाली (BESS) का उद्घाटन किया।
बैटरी ऊर्जा भंडारण प्रणाली (BESS)
- बैटरी ऊर्जा भंडारण प्रणाली (BESS) बड़े पैमाने पर बैटरियों का समूह है, जो सौर एवं पवन जैसी नवीकरणीय ऊर्जा को संग्रहित करने और बाद में उपयोग करने के लिए डिजाइन किया गया है।
- यह आकार, डिज़ाइन और तकनीक में भिन्न होते हैं और हरित ऊर्जा को अधिक विश्वसनीय एवं लचीला बनाने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। ये अतिरिक्त ऊर्जा को मुख्य ग्रिड में वापस भेज सकते हैं। BESS के तीन प्रमुख प्रकार हैं:
- पूर्व-पैकेज्ड बैटरी मॉड्यूल (सिर्फ बैटरियाँ)।
- पूर्व-पैकेज्ड प्रणाली (बैटरियों के साथ चार्जर और इनवर्टर जैसे घटक)।
- कस्टम-मेड बैटरी बैंक (अलग-अलग बैटरियों को अतिरिक्त घटकों के साथ जोड़ा जाता है)।
दिल्ली में BESS
- यह दक्षिण एशिया की सबसे बड़ी उपयोगिता-स्तरीय प्रणाली और भारत की प्रथम व्यावसायिक रूप से अनुमोदित ऊर्जा भंडारण प्रणाली है।
- 40 MWh प्रणाली ग्रिड की स्थिरता को बढ़ाती है, पीक लोड तनाव को कम करती है, नवीकरणीय ऊर्जा को एकीकृत करती है और बिजली खरीद लागत को अनुकूलित करती है।
- यह लिथियम आयरन फॉस्फेट (LFP) तकनीक का उपयोग करती है, जो सुरक्षा और तापीय स्थिरता के लिए जानी जाती है।
- यह दिल्ली के विविध मौसम परिस्थितियों में प्रभावी ढंग से कार्य करती है।
भारत में बैटरी ऊर्जा भंडारण प्रणाली (BESS) की आवश्यकता
- नवीकरणीय ऊर्जा का ग्रिड में एकीकरण:
- भारत का 2030 तक 500 GW गैर-जीवाश्म क्षमता और 2070 तक नेट जीरो प्राप्त करने का लक्ष्य है।
- BESS अधिशेष ऊर्जा को संग्रहित करती है (जैसे, दिन में सौर ऊर्जा), और इसे उच्च मांग के समय जारी करती है (जैसे, रात या बादल वाले दिन)।
- ग्रिड भीड़भाड़ और कटौती को रोकना:
- BESS ग्रिड को अड़चन मुक्त कर सकती है, कटौती को रोक सकती है और नवीकरणीय ऊर्जा अवसंरचना के उपयोग को बढ़ा सकती है।
- राउंड-द-क्लॉक (RTC) नवीकरणीय ऊर्जा का समर्थन:
- भारत RTC ग्रीन पावर निविदाओं को बढ़ावा दे रहा है, जहां RE + भंडारण कोयले की विश्वसनीयता से प्रतिस्पर्धा करता है।
- इलेक्ट्रिक मोबिलिटी और चार्जिंग अवसंरचना को सक्षम बनाना:
- BESS तेज-चार्जिंग स्टेशनों को शक्ति प्रदान कर सकती है, EV लोड के कारण ग्रिड तनाव को कम कर सकती है, और वाहन-से-ग्रिड (V2G) एकीकरण को सक्षम बना सकती है।
- आर्थिक अवसर और नवाचार:
- भारत ने उन्नत रसायन सेल (ACC) बैटरियों के लिए ₹18,100 करोड़ की उत्पादन-लिंक्ड प्रोत्साहन (PLI) योजना प्रारंभ की है।
- इससे घरेलू विनिर्माण को बढ़ावा मिलेगा और हरित रोजगारों का सृजन होगा।
Source :ET
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संक्षिप्त समाचार 31-05-2025