पाठ्यक्रम: GS3/ पर्यावरण
समाचार में
- कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय ने राष्ट्रीय प्राकृतिक खेती मिशन के अंतर्गत जैव-इनपुट संसाधन केन्द्रों की स्थापना के लिए दिशानिर्देश जारी किए हैं।
दिशानिर्देशों की मुख्य विशेषताएँ
- वित्तीय सहायता: प्रति BRCs 1 लाख रुपये, 50,000 रुपये की दो किस्तों में प्रदान की जाती है। सहायता में शेड, भूमि किराया या स्थायी बुनियादी ढाँचे जैसी लागतें शामिल नहीं हैं।
- BRCs का उद्देश्य: क्लस्टर-स्तरीय उत्पादन और प्राकृतिक खेती के जैव-इनपुट की उपलब्धता को सुविधाजनक बनाना।
- प्राकृतिक खेती से संबंधित प्रथाओं और समाधानों के प्रसार के लिए ज्ञान केंद्र के रूप में कार्य करना।
- स्थानीय मृदा , फसलों और भूमि-उपयोग पैटर्न के अनुसार जैव-इनपुट तैयार करना।
- पात्रता: BRCs को पहले से ही प्राकृतिक खेती करने वाले उद्यमी समूहों द्वारा चलाया जाना चाहिए।
- यदि उपलब्ध नहीं है, तो राज्य प्राकृतिक खेती सेल संक्रमण के लिए इच्छुक किसानों की पहचान करेगा और उन्हें शामिल करेगा।
- वहनीयता फोकस: उत्पादित और बेची जाने वाली इनपुट छोटे और सीमांत किसानों के लिए सस्ती होनी चाहिए।
- अन्य योजनाओं के साथ एकीकरण: 10,000 FPOs के गठन और संवर्धन, खाद्य तिलहन पर राष्ट्रीय मिशन आदि जैसे कार्यक्रमों के साथ अभिसरण पर जोर।
NMNF के अंतर्गत BRC दिशानिर्देशों का महत्त्व
- BRCs स्थानीय स्तर पर तैयार इनपुट का उत्पादन और आपूर्ति करेंगे।
- क्लस्टर आधारित सामूहिक प्रयासों को बढ़ावा देंगे, बाजारों तक पहुँच बढ़ाएंगे और लागत कम करेंगे।
- BRCs गुणवत्तापूर्ण इनपुट और क्षेत्र-विशिष्ट फॉर्मूलेशन सुनिश्चित करके प्राकृतिक और जैविक खेती को बढ़ाने में सहायता करेंगे।
राष्ट्रीय प्राकृतिक खेती मिशन ( NMNF) के बारे में
- प्रकार: केंद्र प्रायोजित योजना
- नोडल मंत्रालय: कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय
- लॉन्च तिथि: 25 नवंबर, 2024
- प्राथमिक उद्देश्य: खेती की प्रकृति-आधारित, टिकाऊ प्रणालियों को बढ़ावा देना
- रासायनिक इनपुट पर निर्भरता कम करना
- कार्यान्वयन लक्ष्य (आगामी 2 वर्ष): इच्छुक ग्राम पंचायतों के 15,000 समूहों में लागू किया जाएगा
- 1 करोड़ किसानों तक पहुँचना
- 7.5 लाख हेक्टेयर कृषि भूमि को कवर करना
Source: DTE
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