नीति आयोग ने सुदृढ़ डेटा इकोसिस्टम पर बल दिया

पाठ्यक्रम: GS3/अवसंरचना

संदर्भ

  • नीति आयोग ने आज अपनी त्रैमासिक इनसाइट्स श्रृंखला फ्यूचर फ्रंट के तीसरे संस्करण “भारत की डेटा अनिवार्यता: गुणवत्ता की ओर झुकाव” को जारी किया।

परिचय 

  • यह रिपोर्ट डिजिटल शासन को सुदृढ़ करने, सार्वजनिक विश्वास को बढ़ाने और कुशल सेवा वितरण सुनिश्चित करने के लिए सुदृढ़ डेटा गुणवत्ता की तत्काल आवश्यकता को रेखांकित करती है। 
  • भारत की डिजिटल अवसंरचना (UPI, आधार, आयुष्मान भारत) ने व्यापक स्तर पर विस्तार किया है।
    • हालांकि, जैसे-जैसे ये प्लेटफॉर्म परिपक्व हो रहे हैं, डेटा की गुणवत्ता एक राष्ट्रीय आवश्यकता बन गई है। 
    • एक छोटी सी गलती (गलत अंक, नाम में असंगति) गंभीर समस्याएं उत्पन्न कर सकती है: पेंशन रुकना, सब्सिडी गलत जगह पहुंचना, या कल्याणकारी योजनाओं की लागत बढ़ जाना।

मजबूत डेटा इकोसिस्टम की आवश्यकता

  • राजकोषीय रिसाव: त्रुटियों और डुप्लीकेशन के कारण प्रत्येक 4–7% तक कल्याणकारी व्यय अतिरिक्त हो जाता है।
  • नीति विकृति: असंगत या पुराना डेटा योजनाओं को गलत दिशा में ले जाता है और देरी करता है।
  • विश्वास में गिरावट: रिकॉर्ड में असंगति और दावों की अस्वीकृति के कारण नागरिकों का विश्वास टूटता है।

पहचान की गई मुख्य चुनौतियाँ

  • प्रणालीगत डिज़ाइन दोष: गति को सटीकता से अधिक प्राथमिकता दी जाती है।
  • विखंडन: साइलो और असंगत फॉर्मेट एकीकरण में बाधा डालते हैं।
  • पुरानी प्रणालियाँ: विरासत तकनीक में सत्यापन और ऑडिट ट्रेल्स की कमी है।
  • जवाबदेही की कमी: डेटा की संरक्षकता स्पष्ट नहीं है।
  • जल्दबाज़ी में क्रियान्वयन: मात्रात्मक लक्ष्य गुणवत्ता से समझौता करते हैं।
  • कम अपेक्षाएँ: कई प्रणालियों में 80% सटीकता को “पर्याप्त” माना जाता है।

संरचनात्मक सिफारिशें

  • स्वामित्व को संस्थागत बनाना: राष्ट्रीय/राज्य/जिला स्तर पर डेटा संरक्षक नियुक्त करें।
    • गुणवत्ता को साझा जिम्मेदारी बनाएं—कार्यक्रम प्रमुखों, आईटी टीमों और फील्ड स्टाफ के बीच।
    • डेटा की अखंडता बनाए रखने के लिए एकल उत्तरदायित्व बिंदु सुनिश्चित करें।
  • डेटा गुणवत्ता को प्रोत्साहित करना: केवल गति नहीं, सटीकता और पूर्णता को भी पुरस्कृत करें।
    • त्रुटि दर, पूर्णता स्तर और समयबद्धता जैसे संकेतकों को ट्रैक करें।
    • इन्हें कार्यक्रम समीक्षा में केवल ऑडिट अनुपालन नहीं, बल्कि डिलीवरी की ताकत के रूप में शामिल करें।
  • इंटरऑपरेबिलिटी सुनिश्चित करना: प्लेटफॉर्म, विभागों और समय सीमाओं के पार डेटा का सुरक्षित आदान-प्रदान सक्षम करें।
    • यह सार्वजनिक डेटा के मूल्य को बनाए रखने के लिए आवश्यक है।

आगे की राह: सांस्कृतिक बदलाव की आवश्यकता

  • सरकार के सभी स्तरों पर डेटा संरक्षकता की संस्कृति को बढ़ावा दें।
  • स्वच्छ, विश्वसनीय डेटा के महत्व को रेखांकित करने के लिए शीर्ष स्तर की प्रतिबद्धता दिखाएं।
  • डेटा गुणवत्ता अब सार्वजनिक विश्वास, कुशल सेवा वितरण और भारत की एआई पारिस्थितिकी के लिए केंद्रीय है।

Source: LM

 

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