पाठ्यक्रम: GS 1/इतिहास
समाचार में
- प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने छत्रपति शिवाजी महाराज को उनकी जयंती पर श्रद्धांजलि अर्पित की है।
शिवाजी के बारे में
- उनका जन्म 1630 में महाराष्ट्र में हुआ था।
- वह एक प्रमुख योद्धा राजा और मराठा साम्राज्य के संस्थापक थे, जिन्हें उनके प्रगतिशील नेतृत्व, सैन्य कौशल एवं स्वराज्य (स्व-शासन) के लिए युद्ध के लिए व्यापक रूप से सराहा गया।
- वह तुकाराम, ज्ञानेश्वर और रामदास जैसे महाराष्ट्र के संतों की शिक्षाओं से प्रेरित थे, जिन्होंने सामाजिक समानता एवं आध्यात्मिक जागृति को बढ़ावा दिया।
राज तिलक
- 1674 में शिवाजी ने रायगढ़ में अपना राज्याभिषेक किया, जिससे ‘राज्याभिषेक युग’ की शुरुआत हुई।
- शिवाजी ने एक नया सिक्का और शाही प्रतीक चिन्ह स्थापित करके मुगल साम्राज्य से पूरी तरह से अलग होने का लक्ष्य रखा।
प्रशासन
- उन्होंने महाभारत और शुक्रनीति जैसे प्राचीन भारतीय राजनीतिक ग्रंथों से प्रेरणा लेते हुए अष्टप्रधान नामक आठ मंत्रियों की एक परिषद का गठन किया।
- शिवाजी का राज्य प्रान्त, तरफ और मौजा जैसी प्रशासनिक इकाइयों में विभाजित था।
- प्रत्येक प्रान्त का संचालन एक सूबेदार और एक कारकुन द्वारा किया जाता था, जबकि तरफ का प्रबंधन एक हवलदार द्वारा किया जाता था।
- देशाधिकारी, मुख्य-देशाधिकारी, लेखक और मुख्य-लेखक जैसे पदों को संस्कृत उपाधियाँ दी गईं।
राजस्व प्रणाली
- उन्होंने मलिक अंबर की भूमि राजस्व प्रणाली को अपनाकर वित्तीय एकता सुनिश्चित की, जिसमें भूमि को उर्वरता के आधार पर वर्गीकृत किया गया और सरकारी हिस्सेदारी तय की गई।
- उन्होंने बिचौलियों (जमींदारों या मीरासदारों) को समाप्त कर दिया और सीधे भूमि राजस्व संग्रह को नियंत्रित किया।
- राज्य के राजस्व के अन्य स्रोतों में सीमा शुल्क, पारगमन शुल्क, जुर्माना, युद्ध लूट, चौथ और सरदेशमुखी शामिल थे।
– चौथ: ज़मींदारों द्वारा दावा किए गए भूमि राजस्व का 25 प्रतिशत। दक्कन में, इसे मराठों द्वारा एकत्र किया जाता था। – सरदेशमुखी: दक्कन में मुख्य राजस्व संग्रहकर्ता को दिए जाने वाले भूमि राजस्व का 9-10 प्रतिशत। |
न्याय व्यवस्था
- न्यायिक प्रणाली मनुस्मृति और शुक्रनीति जैसे प्राचीन भारतीय ग्रंथों पर आधारित थी।
- राजसभा, धर्मसभा और ब्राह्मण सभा जैसे न्यायालय निर्णय लेने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाती थीं।
- गाँव स्तर पर विवादों का निपटारा पंचायतों द्वारा किया जाता था, तथा उच्च अपील मामलादार या पेशवा के पास की जाती थी।
आर्थिक और कृषि नीतियाँ
- शिवाजी ने अत्याचारी सामंती प्रभुओं को समाप्त करके कृषि और किसानों की समृद्धि को प्रोत्साहित किया।

- नए किसानों को बीज एवं मवेशी दिए गए और समय के साथ उनके ऋण वसूल किए गए।
- उन्होंने नई खेती की गई भूमि पर मध्यम कराधान पर भी बल दिया और प्रारंभ में बंजर भूमि को कराधान से बाहर रखा।
सैन्य एवं विदेशी मामले
- उन्होंने स्वराज्य की रक्षा और क्षेत्रों का प्रबंधन करने के लिए एक मजबूत सेना बनाए रखी।
- उनकी विदेश नीति में रणनीतिक गठबंधन, कूटनीति और एक कुशल खुफिया नेटवर्क बनाए रखना शामिल था।
- उन्होंने एक आत्मनिर्भर नौसेना बल के लिए एक मार्ग तैयार किया, जिससे उन्हें ‘भारतीय नौसेना के पिता’ की उपाधि मिली।
विरासत
- शिवाजी के शासन ने मराठा साम्राज्य की नींव रखी, जिसमें राष्ट्रवाद की भावना को एक मजबूत, व्यावहारिक प्रशासनिक ढाँचे के साथ जोड़ा गया।
- उनकी विरासत को 17वीं सदी के भारत में नेतृत्व और शासन के तरीके में बदलाव के रूप में देखा जाता है।
Source :PIB
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संक्षिप्त समाचार 19-02-2025