पाठ्यक्रम: GS3/विज्ञान और प्रौद्योगिकी
संदर्भ
- ब्रिटेन में एक प्रयोगात्मक तकनीक “माइटोकॉन्ड्रियल रिप्लेसमेंट थेरेपी (MRT)” की सहायता से आठ स्वस्थ शिशुओं का जन्म हुआ।
परिचय
- उन सभी माताओं को अपने बच्चों को माइटोकॉन्ड्रियल उत्परिवर्तन के कारण जानलेवा बीमारियां देने का उच्च जोखिम था।
- चार लड़के और चार लड़कियाँ सात महिलाओं के गर्भ से पैदा हुए हैं और इनमें माइटोकॉन्ड्रियल बीमारियों के कोई लक्षण नहीं पाए गए।
- ब्रिटेन 2015 में माइटोकॉन्ड्रियल डोनेशन को अनुमति देने वाला प्रथम देश बना।
- यह प्रक्रिया भारत में अभी अनुमोदित नहीं है।
माइटोकॉन्ड्रियल जीन
- माइटोकॉन्ड्रिया: मानव जीन शरीर की लगभग प्रत्येक कोशिका के केन्द्रक में स्थित होते हैं।
- केन्द्रक के चारों ओर के तरल में सैकड़ों से हजारों माइटोकॉन्ड्रिया होते हैं, जिनमें अपने स्वयं के 37 जीन होते हैं।
- माइटोकॉन्ड्रिया झिल्ली से घिरे अंग होते हैं जिन्हें “कोशिका का पावरहाउस” कहा जाता है क्योंकि ये ऊर्जा उत्पादन में अहम भूमिका निभाते हैं।

- मनुष्य अपनी सभी माइटोकॉन्ड्रिया जैविक मां से विरासत में प्राप्त करता है, इसलिए उत्परिवर्तन मां के सभी बच्चों को प्रभावित कर सकता है।
- इन जीन में उत्परिवर्तन माइटोकॉन्ड्रिया को हानि पहुँचा सकते हैं, जिससे गम्भीर प्रभाव हो सकते हैं।
- माइटोकॉन्ड्रियल बीमारी के पहले लक्षण प्रायः बचपन में तब सामने आते हैं जब मस्तिष्क, हृदय और मांसपेशियों जैसे ऊर्जा की अधिक आवश्यकता वाले अंगों में कार्य दोष शुरू होता है।
- प्रभावित कई बच्चों को विकास में देरी होती है, उन्हें व्हीलचेयर की आवश्यकता होती है और वे कम उम्र में मृत्यु को प्राप्त होते हैं।
- लगभग प्रत्येक 5,000 नवजात शिशुओं में से एक प्रभावित होता है।
माइटोकॉन्ड्रियल डोनेशन उपचार (MDT)
- माइटोकॉन्ड्रियल रिप्लेसमेंट थेरेपी (MRT) और तीन-अभिभावक इन विट्रो फर्टिलाइज़ेशन (IVF) द्वारा एक बच्चे को एक पुरुष और दो महिलाओं की आनुवंशिक सामग्री से जन्म दिया जाता है।
- उद्देश्य: बच्चों को उत्परिवर्तित माइटोकॉन्ड्रिया विरासत में मिलने से रोकना।
- प्रक्रिया: मां के अंडाणु को पिता के शुक्राणु से निषेचित किया जाता है और फिर केन्द्रक की आनुवंशिक सामग्री को एक स्वस्थ डोनर अंडाणु में स्थानांतरित किया जाता है जिससे उसका स्वयं का केन्द्रक हटाया गया हो।
- इससे एक निषेचित अंडाणु बनता है जिसमें माता-पिता के गुणसूत्र होते हैं, लेकिन डोनर से प्राप्त स्वस्थ माइटोकॉन्ड्रिया होते हैं।
- फिर इस अंडाणु को गर्भाशय में प्रत्यारोपित किया जाता है ताकि गर्भधारण स्थापित हो सके।


- ये बच्चे अपनी जैविक मां और पिता से न्यूक्लियर डीएनए प्राप्त करते हैं, जबकि थोड़ा सा माइटोकॉन्ड्रियल डीएनए एक महिला डोनर से प्राप्त करते हैं।
निष्कर्ष
- वैज्ञानिक पूरे विश्व में ब्रिटेन के परिणामों को करीब से देख रहे हैं।
- कई विशेषज्ञों का मानना है कि यदि सावधानीपूर्वक विनियमन किया जाए, तो MDT एक नियमित विकल्प बन सकता है जो जोखिम वाले परिवारों को कुछ आनुवंशिक बीमारियों को जन्म से पूर्व रोकने में सहायता कर सकता है।
Source: LM
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संक्षिप्त समाचार 17-07-2025