रचनात्मक अर्थव्यवस्था पर $1 बिलियन का फंड

पाठ्यक्रम: GS3/ अर्थव्यवस्था

संदर्भ

  • सरकार ने देश की रचनात्मक अर्थव्यवस्था के लिए 1 बिलियन डॉलर का कोष स्थापित करने का निर्णय लिया है।
    • और, लगभग 400 करोड़ के कोष से मुंबई में प्रथम भारतीय रचनात्मक प्रौद्योगिकी संस्थान (IICT) स्थापित किया जा रहा है।

रचनात्मक अर्थव्यवस्था क्या है?

  • ऑरेंज इकॉनमी के नाम से भी जानी जाने वाली रचनात्मक अर्थव्यवस्था एक ज्ञान-संचालित आर्थिक प्रणाली को संदर्भित करती है, जहाँ रचनात्मकता और बौद्धिक पूँजी आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा देती है। इसमें शामिल हैं:
    • रचनात्मकता के आधार पर वस्तुओं और सेवाओं का निर्माण, उत्पादन और वितरण।
    • फिल्म, संगीत, फैशन, गेमिंग, सॉफ्टवेयर विकास और विज्ञापन जैसे उद्योगों में बौद्धिक संपदा का मुद्रीकरण।
  • मुख्य विशेषताएँ:
    • ज्ञान-आधारित आर्थिक गतिविधि: रचनात्मकता शिक्षा, प्रशिक्षण या विरासत में मिले पारंपरिक कौशल के माध्यम से विकसित होती है।
    • मौलिकता और बौद्धिक संपदा: कॉपीराइट, पेटेंट और ट्रेडमार्क के माध्यम से विचारों का मुद्रीकरण।
    • प्रौद्योगिकी के लिए अनुकूलता: AI, स्वचालन और डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म के साथ निरंतर विकास।
    • सांस्कृतिक और आर्थिक मूल्य शृंखला: विचारों को वाणिज्यिक उत्पादों और सेवाओं में बदल दिया जाता है।

रचनात्मक अर्थव्यवस्था का महत्त्व

  • आर्थिक योगदान:
    • वैश्विक राजस्व और रोजगार सृजन: गोल्डमैन सैक्स का अनुमान है कि वैश्विक बाजार 2023 में $250 बिलियन से बढ़कर 2027 तक $480 बिलियन हो जाएगा और विश्व भर में लगभग 50 मिलियन लोगों को रोजगार मिलेगा
    • निर्यात क्षमता: बॉलीवुड, IT सेवाओं, फैशन और हस्तशिल्प सहित भारतीय रचनात्मक क्षेत्रों में बहुत बड़ा निर्यात बाजार है।
    • स्पिलओवर प्रभाव: आतिथ्य, पर्यटन और खुदरा क्षेत्रों को बढ़ावा देता है।
  • सामाजिक और सांस्कृतिक प्रभाव:
    • युवा और महिला सशक्तीकरण: रचनात्मक अर्थव्यवस्था की 23% रोजगार 15-29 वर्ष की आयु के युवाओं के पास हैं, और महिलाएँ 45% रचनात्मक व्यवसायों पर आधिपत्य करती हैं।
    • सांस्कृतिक कूटनीति और सॉफ्ट पावर: भारतीय सिनेमा, व्यंजन, योग और साहित्य वैश्विक प्रभाव को बढ़ाते हैं।
    • स्थायित्व और हरित अर्थव्यवस्था: रचनात्मकता प्राकृतिक शोषण के बजाय बौद्धिक संसाधनों पर निर्भर करती है।
  • नवाचार और प्रौद्योगिकी में भूमिका:
    • स्टार्टअप और डिजिटल उद्यमिता को बढ़ावा देता है: YouTubers, सामग्री निर्माता और AI-संचालित कला का विकास।
    • तकनीकी प्रगति का समर्थन: AI और आभासी वास्तविकता (वी.आर.) कला, गेमिंग और इमर्सिव अनुभवों को फिर से परिभाषित करते हैं।

चुनौतियाँ

  • डिजिटल और बुनियादी ढाँचे में कमी: 
    • सीमित ग्रामीण डिजिटल पहुँच: ग्रामीण भारत के केवल 41% हिस्से में इंटरनेट कनेक्टिविटी है, जो डिजिटल सामग्री निर्माण को सीमित करता है। 
    • साइबर सुरक्षा जोखिम: डिजिटल परिसंपत्तियों, NFTs और ऑनलाइन प्लेटफ़ॉर्म के लिए खतरा। 
  • आर्थिक और नीतिगत बाधाएँ: 
    • कमज़ोर बौद्धिक संपदा अधिकार ( IPR): भारत में पेटेंट प्रक्रिया में 58 महीने लगते हैं, जबकि चीन में 20 महीने लगते हैं। 
    • बाजार विखंडन: रचनात्मक उत्पादों के लिए संगठित उद्योग संरचना और वितरण प्लेटफ़ॉर्म की कमी। 
    • वित्त तक सीमित पहुँच: रचनात्मक क्षेत्र में कुछ MSMEs और स्टार्टअप को औपचारिक ऋण या निवेश मिलता है। 
  • सामाजिक और करियर बाधाएँ: 
    • पारंपरिक करियर प्राथमिकताएँ: चिकित्सा या इंजीनियरिंग की तुलना में रचनात्मक क्षेत्रों को अस्थिर माना जाता है। 
    • जागरूकता और मान्यता की कमी: भारत के सांस्कृतिक और रचनात्मक उद्योगों की सीमित वैश्विक ब्रांडिंग।
रचनात्मक अर्थव्यवस्था का महत्त्व

आगे की राह: भारत की रचनात्मक अर्थव्यवस्था को मजबूत करना

  • भारतीय संस्कृति का वैश्विक स्तर पर विस्तार: व्यापार मेलों और सांस्कृतिक उत्सवों के माध्यम से अंतर्राष्ट्रीय बाजारों में भारतीय फिल्मों, कलाओं और फैशन को बढ़ावा देना।
    • हस्तशिल्प, डिजिटल कला और एनिमेशन के निर्यात को बढ़ावा देना। 
  • वित्तीय और नीतिगत सहायता: रचनात्मक MSMEs के लिए क्रेडिट गारंटी और क्राउडफंडिंग पोर्टल लॉन्च करना।
    • डिजिटल कंटेंट क्रिएटर्स और गेम डेवलपर्स के लिए स्टार्टअप प्रोत्साहन प्रदान करना। 
  • बौद्धिक संपदा संरक्षण को मजबूत करना: रचनात्मक कार्यों की सुरक्षा के लिए तेज़ पेटेंट और कॉपीराइट प्रोसेसिंग। 
  • क्रिएटिव हब और जिले स्थापित करना: स्थानीय कलाकारों और स्टार्टअप का समर्थन करने के लिए टियर-2 और टियर-3 शहरों में क्रिएटिव जिले विकसित करना। 
  • कौशल विकास और डिजिटल शिक्षा: उच्च शिक्षा में डिजिटल डिज़ाइन, AI और डिजिटल मार्केटिंग पाठ्यक्रमों को एकीकृत करना। 
  • AI और उभरती हुई प्रौद्योगिकी शासन: डिजिटल कला, संगीत और सामग्री के लिए AI-आधारित कॉपीराइट नीतियाँ विकसित करना।
    • डिजिटल क्रिएशन और NFT को सुरक्षित करने के लिए ब्लॉकचेन का उपयोग करना।

Source: IE

 

Other News of the Day

पाठ्यक्रम: GS3/ अर्थव्यवस्था संदर्भ सरकार ने देश की रचनात्मक अर्थव्यवस्था के लिए 1 बिलियन डॉलर का कोष स्थापित करने का निर्णय लिया है। और, लगभग 400 करोड़ के कोष से मुंबई में प्रथम भारतीय रचनात्मक प्रौद्योगिकी संस्थान (IICT) स्थापित किया जा रहा है। रचनात्मक अर्थव्यवस्था क्या है? ऑरेंज इकॉनमी के नाम से भी जानी जाने...
Read More

पाठ्यक्रम :GS 2/शासन  समाचार में सर्वोच्च न्यायालय, राष्ट्रपति के माध्यम से कार्य करने वाले केंद्र के भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक की नियुक्ति के एकमात्र विशेषाधिकार को चुनौती देने वाली याचिका की जाँच कर रहा है। भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG) संघ, राज्य सरकारों और पंचायती राज संस्थाओं की वित्तीय जवाबदेही की...
Read More

पाठ्यक्रम: GS2/राजव्यवस्था एवं शासन संदर्भ भारत में मतदाता धोखाधड़ी, राजनीति का अपराधीकरण और धन-बल के प्रभाव जैसी चुनौतियों से निपटने के लिए चुनाव सुधारों की आवश्यकता स्पष्ट हो गई है। वर्तमान चुनाव प्रणाली में प्रमुख चुनौतियाँ राजनीति का अपराधीकरण: बड़ी संख्या में निर्वाचित प्रतिनिधि आपराधिक आरोपों का सामना कर रहे हैं, जिससे राजनीतिक प्रणाली की...
Read More

पाठ्यक्रम: GS3/ अन्तरिक्ष समाचार में सूचना प्रौद्योगिकी (IT) प्रमुख इंफोसिस भारत के अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी क्षेत्र में अवसरों पर नजर टिकाए हुए है और उसने उपग्रहों के निर्माण एवं प्रक्षेपण के लिए एक दावेदार के रूप में अपना नाम आगे किया है। परिचय भारत के अंतरिक्ष क्षेत्र पर पारंपरिक रूप से इसरो का दबदबा रहा है,...
Read More

पाठ्यक्रम: GS3/ अंतरिक्ष समाचार में इसरो द्वारा दो उपग्रहों को अंतरिक्ष में सफलतापूर्वक स्थापित करने के लगभग दो महीने बाद, हाल ही में अनडॉकिंग प्रक्रिया को अंजाम दिया गया। समाचार के बारे में अधिक जानकारी इससे भारत, अमेरिका, रूस एवं चीन के बाद अंतरिक्ष डॉकिंग और अनडॉकिंग क्षमताओं का प्रदर्शन करने वाला चौथा देश बन...
Read More

पाठ्यक्रम :GS 2/अंतर्राष्ट्रीय संबंध  समाचार में भारत और ऑस्ट्रेलिया ने नई दिल्ली में अपनी 9वीं रक्षा नीति वार्ता आयोजित की। हाल की बैठक के मुख्य परिणाम समुद्री सुरक्षा और अंतर-संचालन क्षमता में वृद्धि: दोनों राष्ट्र समुद्री क्षेत्र में जागरूकता और पारस्परिक सूचना साझा करने तथा AUSINDEX और मालाबार जैसे संयुक्त नौसैनिक अभ्यासों को मजबूत करने...
Read More

स्वदेश दर्शन योजना के अंतर्गत बौद्ध विषयगत सर्किट संदर्भ पर्यटन मंत्रालय अपनी स्वदेश दर्शन (SD) योजना और तीर्थयात्रा पुनरुद्धार एवं आध्यात्मिक विरासत संवर्धन अभियान (PRASHAD) योजना के माध्यम से भारत में बौद्ध पर्यटन को सक्रिय रूप से बढ़ावा दे रहा है। परिचय बौद्ध सर्किट को स्वदेश दर्शन के अंतर्गत विकास के लिए विषयगत सर्किटों में...
Read More