पाठ्यक्रम: GS2/शासन, GS3/ बुनियादी ढाँचा
संदर्भ
- दूरसंचार विभाग ने राष्ट्रीय ब्रॉडबैंड मिशन (NBM) 2.0 के लिए विज़न दस्तावेज़ लॉन्च किया।
- इसका उद्देश्य NBM 1.0 (2019-2024) द्वारा रखी गई नींव पर निर्माण करना है।
भारत में ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी
- 2023 में, भारत में 83.22 करोड़ ब्रॉडबैंड कनेक्शन होंगे, जिनमें से 79.98 करोड़ वायरलेस और 3.23 करोड़ वायरलाइन होंगे।
- भारत में 2015 से 2021 के मध्य ग्रामीण क्षेत्रों में इंटरनेट सब्सक्रिप्शन में 200% और शहरी क्षेत्रों में 158% की वृद्धि देखी गई।
- NBM 1.0 ने डिजिटल बुनियादी ढाँचे में वृद्धि को गति दी, विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्रों में, जिससे डिजिटल विभाजन को समाप्त किया जा सका।
ब्रॉडबैंड कनेक्शन के प्रकार
- वायर्ड ब्रॉडबैंड(Wired broadband): ऑप्टिकल फाइबर केबल के माध्यम से वितरित ब्रॉडबैंड।
- वायरलेस ब्रॉडबैंड(Wireless broadband): रेडियो लिंक के माध्यम से वितरित ब्रॉडबैंड।
- डिजिटल सब्सक्राइबर लाइन (DSL): ताँबे की लाइनों के माध्यम से वितरित ब्रॉडबैंड।
NBM 2.0: विजन और उद्देश्य
- राष्ट्रीय ब्रॉडबैंड मिशन का नया चरण NBM 1.0 पर आधारित है और पूरे भारत में किफायती और विश्वसनीय ब्रॉडबैंड पहुँच सुनिश्चित करने के लिए 2030 के लिए महत्वाकांक्षी लक्ष्य निर्धारित करता है।
- मुख्य उद्देश्य:
- ऑप्टिकल फाइबर कनेक्टिविटी का विस्तार: 2030 तक ऑप्टिकल फाइबर केबल (OFC) को वर्तमान में लगभग 50,000 गाँवों से बढ़ाकर 2.70 लाख गाँवों तक पहुँचाना।
- OFC नेटवर्क के लिए 95% अपटाइम बनाए रखना।
- एंकर इंस्टीट्यूशन कनेक्टिविटी: स्कूलों, PHCs, आंगनवाड़ी केंद्रों और पंचायत कार्यालयों जैसे 90% एंकर संस्थानों को ब्रॉडबैंड प्रदान करना।
- बढ़ी हुई ब्रॉडबैंड स्पीड: 2030 तक राष्ट्रीय औसत फिक्स्ड ब्रॉडबैंड डाउनलोड स्पीड को न्यूनतम 100 Mbps तक बढ़ाना।
- 5G रोलआउट और 6G तैयारी: भविष्य की 6G तकनीकों के लिए आधार तैयार करते हुए 5G नेटवर्क के राष्ट्रव्यापी रोलआउट की सुविधा प्रदान करना।
- विद्युत क्षेत्र के बुनियादी ढाँचे का लाभ उठाएँ: विद्युत क्षेत्र से ऑप्टिकल ग्राउंड वायर (OPGW) का उपयोग कनेक्टिविटी को बढ़ावा देने के लिए करें, विशेष रूप से आपदाओं, युद्धों और आपात स्थितियों जैसी गंभीर स्थितियों के लिए।
- ऑप्टिकल फाइबर कनेक्टिविटी का विस्तार: 2030 तक ऑप्टिकल फाइबर केबल (OFC) को वर्तमान में लगभग 50,000 गाँवों से बढ़ाकर 2.70 लाख गाँवों तक पहुँचाना।
NBM 2.0 प्रभाव
- डिजिटल समावेशन: डिजिटल संसाधनों तक समान पहुँच सुनिश्चित करते हुए, विशेष रूप से ग्रामीण और वंचित क्षेत्रों में डिजिटल विभाजन को समाप्त करना।
- शिक्षा और स्वास्थ्य सेवा: स्कूलों एवं स्वास्थ्य सेवा केंद्रों में ब्रॉडबैंड ई-लर्निंग, टेलीमेडिसिन और अन्य डिजिटल सेवाओं को बढ़ावा देगा।
- आर्थिक विकास: बुनियादी ढाँचे के विकास से रोजगार सृजन होगा और ग्रामीण एवं शहरी दोनों क्षेत्रों में आर्थिक गतिविधि को बढ़ावा मिलेगा।
- आपदा प्रबंधन: OPGW बुनियादी ढाँचे का लाभ उठाने से प्राकृतिक आपदाओं और आपात स्थितियों के दौरान संचार लचीलापन बढ़ेगा।
- तकनीकी उन्नति: 5G और 6G नेटवर्क को अपनाने से भारत वैश्विक डिजिटल नवाचार में अग्रणी बन जाएगा।
आगे की राह
- सस्ती इंटरनेट सेवाएँ: सुनिश्चित करना कि ब्रॉडबैंड सभी सामाजिक-आर्थिक समूहों में अपनाने को बढ़ाने के लिए सस्ती बनी रहे।
- सहयोग को मजबूत करें: डिजिटल बुनियादी ढाँचे के विकास को तेज़ करने के लिए निजी क्षेत्र के खिलाड़ियों के साथ साझेदारी करना।
- डिजिटल साक्षरता में निवेश करें: डिजिटल साक्षरता में सुधार के लिए पहल प्रारंभ करना, जिससे नागरिक कनेक्टिविटी का प्रभावी ढंग से लाभ उठा सकें।
- नीति समर्थन: विलंब को कम करने के लिए राइट ऑफ़ वे (RoW) अनुमोदन जैसी प्रक्रियाओं को सुव्यवस्थित करने के लिए सहायक नीतियों को लागू करना।
Source: TH
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