पाठ्यक्रम: GS3/सुरक्षा
प्रसंग
- हाल ही में, रक्षा मंत्री ने बल दिया कि भारत की आतंकवाद विरोधी लड़ाई अब राष्ट्रीय रक्षा सिद्धांत का भाग है, जो हाइब्रिड और प्रॉक्सी खतरों को समाप्त करने की उसकी प्रतिबद्धता को मजबूत करता है।
हाइब्रिड युद्धनीति के बारे में
- हाइब्रिड युद्धनीति बिना सीधी सैन्य टकराव के विरोधियों को अस्थिर करने के लिए डिज़ाइन किया गया है। इसमें पारंपरिक (किनेटिक) और गैर-पारंपरिक (नॉन-किनेटिक) दोनों प्रकार की रणनीतियाँ शामिल होती हैं, जैसे:
- साइबर युद्ध: महत्त्वपूर्ण अवसंरचना, वित्तीय प्रणाली और सरकारी नेटवर्क पर हमले।
- भ्रम फैलाने वाले अभियान: फर्जी खबरों और प्रचार के माध्यम से जनमत को प्रभावित करना।
- आर्थिक दबाव: व्यापार प्रतिबंध, प्रतिबंध और वित्तीय हेरफेर।
- प्रॉक्सी संघर्ष: विद्रोही समूहों या गैर-राज्य अभिनेताओं का समर्थन करके विरोधियों को अस्थिर करना।
- रूस-यूक्रेन संघर्ष इसका एक प्रमुख उदाहरण है, जहाँ साइबर हमले, ड्रोन युद्ध और आर्थिक प्रतिबंधों ने महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
प्रॉक्सी युद्धनीति को समझना: तीसरे पक्ष के माध्यम से अप्रत्यक्ष संघर्ष
- प्रॉक्सी युद्धनीति में राज्य या गैर-राज्य अभिनेता हथियारबंद समूहों या विद्रोहियों का समर्थन करके रणनीतिक उद्देश्यों को बिना सीधे भाग लिए प्राप्त करते हैं। भारत लगातार सीमा पार आतंकवाद का सामना कर रहा है, जहां पाकिस्तान समर्थित समूह प्रॉक्सी संघर्ष में संलग्न होते हैं।
- भारत के विरुद्ध पाकिस्तान की प्रॉक्सी युद्धनीति
- सीमा-पार आतंकवाद: भारतीय सुरक्षा बलों और नागरिकों को निशाना बनाना।
- ड्रग और हथियार तस्करी: पंजाब में आंतरिक अस्थिरता उत्पन्न करने का प्रयास।
हाइब्रिड और प्रॉक्सी युद्धनीति पर भारत की प्रतिक्रिया
भारत की हाइब्रिड युद्धनीति रणनीति पर महत्त्वपूर्ण अंतर्दृष्टि
पहलु | वर्तमान खतरे | तैयारी के उपाय |
---|---|---|
साइबर युद्धनीति | राज्य प्रायोजित हमले (जैसे, चीनी मैलवेयर, पेगासस) | CERT-In, रक्षा साइबर एजेंसी, साइबर सुरक्षा नीति |
सूचना युद्धनीति | फेक न्यूज़, गलत सूचना अभियान, डीपफेक | पीआईबी तथ्य-जाँच इकाई, मसौदा डिजिटल इंडिया विधेयक (2023) |
आतंकवाद / छद्म युद्धनीति | सीमा पार आतंकवाद, विद्रोही वित्तपोषण | NIA, UAPA को सुदृढ़ बनाना, FATF अनुपालन |
सैन्य सिद्धांत | ग्रे ज़ोन ऑप्स, समुद्री सलामी स्लाइसिंग | थिएटर कमांड, तीनों सेनाओं के अभ्यास, डी.एस.ए. |
कानूनी/संस्थागत अंतराल | कोई एकीकृत हाइब्रिड युद्धनीति कानून या निकाय नहीं | राष्ट्रीय हाइब्रिड युद्ध नीति की आवश्यकता |
- साइबर सुरक्षा को मजबूत करना: साइबर जासूसी और हमलों को रोकने के लिए साइबर सुरक्षा बुनियादी ढांचे को बढ़ाना।
- सैन्य आधुनिकीकरण: साइबर सुरक्षा, एआई-आधारित युद्ध, विद्युत चुम्बकीय युद्ध और अंतरिक्ष-आधारित सुरक्षा में निवेश और मजबूती लाना।
- संस्थागत सुधार: जैसे चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS), एकीकृत युद्ध समूह (IBGs) और सैन्य रंगमंचीकरण आदि।
- खुफिया एजेंसियां: अनुसंधान और विश्लेषण विंग (RAW), खुफिया ब्यूरो (IB), और राष्ट्रीय तकनीकी अनुसंधान संगठन (NTRO)।
- रणनीतिक साझेदारी: गलत सूचना और आर्थिक दबाव का मुकाबला करने के लिए वैश्विक सहयोगियों के साथ सहयोग करना।
- उदाहरण: चतुर्भुज सुरक्षा वार्ता (QUAD)