पाठ्यक्रम: GS3/ पर्यावरण
प्रसंग
- सर्वोच्च न्यायालय ने पूर्वव्यापी पर्यावरणीय मंजूरी को अमान्य कर दिया, यह स्पष्ट करते हुए कि विकास पर्यावरण संरक्षण को हानि नहीं पहुँचा सकता।
पूर्वव्यापी पर्यावरणीय मंजूरी
- ये वे अनुमतियाँ हैं, जिन्हें औद्योगिक या अवसंरचना परियोजनाओं को परिचालन या निर्माण प्रारंभ करने के बाद दी जाती हैं, जिससे पूर्व पर्यावरणीय आकलन की कानूनी आवश्यकता को दरकिनार कर दिया जाता है।
- पर्यावरण (संरक्षण) अधिनियम, 1986 के तहत 2006 की पर्यावरण प्रभाव आकलन (EIA) अधिसूचना परियोजना प्रारंभ करने से पहले अनिवार्य पर्यावरणीय मंजूरी की आवश्यकता को निर्धारित करती है।
सर्वोच्च न्यायालय का निर्णय
- न्यायालय ने 2017 की अधिसूचना और 2021 के कार्यालय ज्ञापन को अमान्य कर दिया, जो ऐसी मंजूरियों की अनुमति देते थे, इन्हें अवैध और संविधान की अनिवार्यताओं के विरुद्ध घोषित किया।
- निर्णय ने संविधान के अनुच्छेद 21 का हवाला दिया, जो स्वच्छ और प्रदूषण-मुक्त पर्यावरण में जीवन जीने के अधिकार की गारंटी देता है।
- संविधान के अनुच्छेद 48A और 51A(g) को रेखांकित करते हुए, इस निर्णय ने राज्य और नागरिकों की पर्यावरण संरक्षण की जिम्मेदारी को पुनः पुष्टि की।
संवैधानिक सुरक्षा उपाय – राज्य की नीति के निदेशक सिद्धांत (DPSP): संविधान का अनुच्छेद 48A राज्य को पर्यावरण की रक्षा और सुधार करने तथा देश के वन्यजीवों को संरक्षित करने के लिए निर्देशित करता है। – मूल कर्तव्य: संविधान का अनुच्छेद 51A(g) नागरिकों को “वनों, झीलों, नदियों और वन्यजीवों सहित प्राकृतिक पर्यावरण की रक्षा और सुधार करने, तथा जीवित प्राणियों के प्रति संवेदना रखने” के लिए प्रेरित करता है |
सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय का महत्त्व
- पर्यावरणीय अधिकारों के संरक्षक: सर्वोच्च न्यायालय का निर्णय पर्यावरण न्याय को बनाए रखने के लिए न्यायिक सक्रियता (Judicial Activism) का उत्कृष्ट उदाहरण है।
- “प्रदूषक भुगतान सिद्धांत” की भूमिका: निर्णय “प्रदूषक भुगतान सिद्धांत” को अप्रत्यक्ष रूप से समर्थन देता है, क्योंकि बिना मंजूरी के प्रदूषण करने वालों को कानूनी संरक्षण नहीं मिल सकता।
- निर्णय पर्यावरणीय प्रतिपूर्ति तंत्र और परियोजना-विशिष्ट सुधार उपायों की आवश्यकता पर बल देता है।
- अंतर्राष्ट्रीय प्रतिबद्धताएँ: भारत पेरिस समझौता और 2030 सतत विकास एजेंडा (SDGs) का हस्ताक्षरकर्त्ता है।
- पूर्वव्यापी मंजूरी की अनुमति SDG 13 (जलवायु कार्रवाई) और SDG 15 (स्थलीय जीवन) के विरुद्ध जाती है।
Source: IE
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