पाठ्यक्रम: GS2/ अंतर्राष्ट्रीय संबंध
समाचार में
- भारत और अमेरिका ने प्रधानमंत्री मोदी की अमेरिका यात्रा के दौरान स्वायत्त प्रणाली उद्योग गठबंधन (ASIA) के शुभारंभ के साथ अंडरवाटर डोमेन अवेयरनेस (UDA) में सहयोग को मजबूत किया।
परिचय
- अंडरवाटर डोमेन अवेयरनेस (UDA) किसी राष्ट्र या संगठन की महासागरों एवं समुद्रों जैसे जल निकायों की सतह के नीचे होने वाली गतिविधियों की निगरानी, पता लगाने और आकलन करने की क्षमता को संदर्भित करता है।
- यह समुद्री सुरक्षा, संसाधन प्रबंधन, पर्यावरण संरक्षण और आपदा प्रतिक्रिया में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
- यह सहयोग एक ऐतिहासिक पहल है – भारत एकमात्र ऐसा देश है जिसके साथ अमेरिकी रक्षा उद्योग ने ऐसी संवेदनशील तकनीकों पर कार्य करने की पेशकश की है।
भारत-अमेरिका UDA सहयोग का महत्त्व
- भू-राजनीतिक और सामरिक महत्त्व: समुद्री डोमेन जागरूकता (MDA) और अंडरवाटर डोमेन जागरूकता (UDA) को मजबूत करना भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए महत्त्वपूर्ण है, विशेषकर निम्नलिखित कारणों से:
- हिंद महासागर क्षेत्र (IOR) में चीन की बढ़ती नौसैनिक उपस्थिति।
- पनडुब्बियों की पहचान और ट्रैकिंग क्षमताओं को बढ़ाने की आवश्यकता।
- सामान्य खतरों का मुकाबला करने के लिए क्वाड (भारत, अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, जापान) के अन्दर सहयोग बढ़ाना।
- रक्षा प्रौद्योगिकी सहयोग: अमेरिका ने कई अत्याधुनिक अंडरवाटर निगरानी और पनडुब्बी रोधी युद्ध (ASW) तकनीकें पेश की हैं, जिनमें शामिल हैं:
- सी पिकेट (Sea Picket): थायर महान द्वारा एक स्वायत्त सोनार निगरानी प्रणाली।
- वेव ग्लाइडर: बोइंग के लिक्विड रोबोटिक्स द्वारा मानव रहित सतह वाहन (USV), सागर डिफेंस इंजीनियरिंग (60 इकाइयों) के साथ सह-उत्पादन की योजना है।
- लो-फ़्रीक्वेंसी एक्टिव टोड सोनार: L3 हैरिस और भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (BEL) के बीच चर्चा चल रही है।
- भारत की रक्षा क्षमताओं पर प्रभाव: भारत की पनडुब्बी रोधी युद्ध (ASW) क्षमताओं को अत्यंत सीमा तक मजबूत किया जाएगा, जो वर्तमान परिसंपत्तियों जैसे कि:
- 12 P-8I पोसिडॉन समुद्री गश्ती विमान पहले से ही सेवा में हैं।
- 24 MH-60R मल्टी-रोल हेलीकॉप्टर (शामिल किए जा रहे हैं)।
- 15 MQ-9B सी गार्डियन UAV, 2029 से प्रारंभ होने वाली डिलीवरी के साथ 31-यूनिट अनुबंध का हिस्सा हैं।
- प्रौद्योगिकी हस्तांतरण, मेक-इन-इंडिया और आर्थिक प्रभाव: संवेदनशील जल के नीचे की प्रणालियों में अपनी तरह का प्रथम सह-उत्पादन और प्रौद्योगिकी हस्तांतरण।
- मेक इन इंडिया और आत्मनिर्भर भारत के अंतर्गत भारत के रक्षा विनिर्माण पारिस्थितिकी तंत्र को मजबूत करता है।
चुनौतियाँ और विचार
- प्रौद्योगिकी हस्तांतरण और डेटा सुरक्षा: संवेदनशील UDA डेटा साझा करने और निगरानी प्रणालियों पर संप्रभु नियंत्रण को लेकर चिंताएँ।
- वित्तीय और परिचालन चुनौतियाँ: उन्नत अंडरवाटर सिस्टम की खरीद, तैनाती और रखरखाव की उच्च लागत।
- प्रौद्योगिकी निर्भरता: उन्नत सोनार और AI सिस्टम के लिए उच्च-स्तरीय शोध और वित्तपोषण की आवश्यकता होती है।
- कानूनी और कूटनीतिक जटिलताएँ: विवादित जल में अंडरवाटर डोमेन जागरूकता पड़ोसी देशों के साथ तनाव उत्पन्न कर सकती है।
- पर्यावरणीय प्रभाव: सोनार प्रौद्योगिकियों का उपयोग समुद्री जैव विविधता और जलीय पारिस्थितिकी तंत्र को प्रभावित कर सकता है।
निष्कर्ष
- अंडरवाटर डोमेन अवेयरनेस (UDA) समुद्री सुरक्षा, आर्थिक स्थिरता और पर्यावरण संरक्षण का एक महत्त्वपूर्ण घटक है। हिंद महासागर में चीन की बढ़ती मौजूदगी को देखते हुए, अमेरिका और क्वाड भागीदारों के साथ मिलकर UDA पर भारत का ध्यान, इसकी समुद्री रक्षा क्षमताओं और रणनीतिक स्थिति को महत्त्वपूर्ण रूप से बढ़ाएगा।
Source: TH
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