पाठ्यक्रम: GS2/ स्वास्थ्य
संदर्भ में
- अब तक, प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान (PMSMA) के अंतर्गत 6.19 करोड़ गर्भवती महिलाओं की जाँच की जा चुकी है।
प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान (PMSMA) के बारे में
- जून 2016 में लॉन्च किया गया, यह भारत सरकार के स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय की प्रमुख पहल है।
- इसका उद्देश्य सभी गर्भवती महिलाओं को निःशुल्क, सुनिश्चित, व्यापक और गुणवत्तापूर्ण प्रसवपूर्व देखभाल (ANC) सेवाएँ प्रदान करना है, विशेष रूप से गर्भावस्था के दूसरे और तीसरे तिमाही के दौरान, प्रत्येक माह की 9 तारीख को।
- PMSMA, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (NHM) के अंतर्गत प्रजनन, मातृ, नवजात, बाल और किशोर स्वास्थ्य + पोषण (RMNCAH+N) रणनीति के व्यापक लक्ष्यों के साथ सुमेलित है।
- इससे भारत में मातृ मृत्यु दर (MMR) में उल्लेखनीय सुधार हुआ है, जो 2014-16 में प्रति लाख जीवित जन्मों पर 130 से घटकर 2021-23 में 80 हो गई—50 अंकों की उल्लेखनीय कमी।

विस्तारित PMSMA (E-PMSMA)
- परिचय: 2022 में लॉन्च किया गया, उच्च जोखिम वाली गर्भवती (HRP) महिलाओं की सुरक्षित डिलीवरी सुनिश्चित करने के लिए उनकी पहचान कर वित्तीय प्रोत्साहन प्रदान करने की योजना।
- विशेषताएँ:
- उच्च जोखिम वाली गर्भवती महिलाओं की नाम आधारित सूची।
- अतिरिक्त PMSMA सत्र का प्रावधान (एक माह में अधिकतम 4 बार)।
- सुरक्षित प्रसव तक HRP की व्यक्तिगत ट्रैकिंग (डिलीवरी के 45वें दिन तक)।
- HRP के पंजीकरण और अनुवर्ती दौरे के लिए लाभार्थी और आशा को एसएमएस अलर्ट।
राष्ट्रीय स्वास्थ्य नीतियों के साथ समन्वय
- PMSMA निम्नलिखित सरकारी कार्यक्रमों के पूरक के रूप में कार्य करता है:
- जननी सुरक्षा योजना (JSY): संस्थागत प्रसव को प्रोत्साहित करने के लिए शर्त-आधारित नकद हस्तांतरण। मार्च 2025 तक इस योजना से 11.07 करोड़ महिलाओं को लाभ मिला।
- जननी शिशु सुरक्षा कार्यक्रम (JSSK): संस्थागत प्रसव और नवजात देखभाल को बढ़ावा देने के लिए प्रारंभ किया गया। 2014-15 से अब तक 16.60 करोड़ लाभार्थी सेवा प्राप्त कर चुके हैं।
- लक्ष्य: प्रसव कक्षों में देखभाल की गुणवत्ता में सुधार के लिए पहल।
- सुरक्षित मातृत्व आश्वासन (SUMAN): गर्भवती महिलाओं के लिए सम्मानजनक और गुणवत्तापूर्ण देखभाल को मजबूत करने के लिए प्रारंभ किया गया। मार्च 2025 तक देशभर में 90,015 SUMAN स्वास्थ्य सुविधाएँ अधिसूचित की गईं।
- पोषण अभियान: सबसे कमजोर वर्ग—बच्चों, किशोरियों, गर्भवती महिलाओं, और स्तनपान कराने वाली माताओं—को लक्षित करने के लिए पोषण सेवाओं का पुनर्गठन। वर्तमान में पूरे देश में 6.97 करोड़ पोषण पखवाड़े हैं।
- प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना (PMMVY): संस्थागत प्रसव को बढ़ावा देने और मातृ स्वास्थ्य सुनिश्चित करने के लिए लॉन्च की गई। यह योजना गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाओं को ₹5,000 की सीधी नकद सहायता प्रदान करती है।
Source: PIB
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संक्षिप्त समाचार 06-6-2025