पाठ्यक्रम :GS 3/विज्ञान और प्रौद्योगिकी
समाचार में
- जैव प्रौद्योगिकी विभाग (DBT) ने ‘वन डे वन जीनोम’ पहल के अंतर्गत 100+ बैक्टीरियल जीनोम के ग्राफिकल सारांश, इन्फोग्राफिक्स, और विस्तृत डेटा जारी किए हैं।
परिचय
- किसी जीव का जीनोम या आनुवंशिक पदार्थ एक विशिष्ट डीएनए या आरएनए अनुक्रम से बना होता है।
- प्रत्येक अनुक्रम रासायनिक निर्माण खंडों से बना होता है, जिन्हें न्यूक्लियोटाइड बेस कहा जाता है।
- बेस के क्रम को निर्धारित करने की प्रक्रिया “जीनोमिक अनुक्रमण” या “सीक्वेंसिंग” कहलाती है।
‘वन डे वन जीनोम’ पहल
- इसे DBT और जैव प्रौद्योगिकी अनुसंधान और नवाचार परिषद (BRIC) द्वारा नवंबर 2024 में शुरू किया गया था, जिसका उद्देश्य भारत की समृद्ध माइक्रोबियल विविधता को प्रदर्शित करना और पर्यावरणीय स्थिरता, कृषि, और मानव स्वास्थ्य में इसकी महत्त्वपूर्ण भूमिकाओं को उजागर करना है।
- यह पहल BRIC-राष्ट्रीय बायोमेडिकल जीनोमिक्स संस्थान (NIBMG), पश्चिम बंगाल द्वारा समन्वित की जाती है।
- डेटा 13 BRIC संस्थानों और दो स्वायत्त निकायों से साझा किया जाता है:
- अंतर्राष्ट्रीय जैव अभियांत्रिकी और जैव प्रौद्योगिकी केंद्र (ICGEB), नई दिल्ली
- क्षेत्रीय जैव प्रौद्योगिकी केंद्र (RCB), फरीदाबाद।
- इसका उद्देश्य भारत की सूक्ष्मजीव क्षमता को उपयोग में लाना और
- वैज्ञानिक व औद्योगिक उपयोग के लिए जीनोम डेटा को सुलभ बनाना है।
महत्त्व
- यह सूक्ष्मजीवों के जीव-भू-रासायनिक चक्र, मृदा उर्वरता, पोषक तत्त्व चक्र, कीट नियंत्रण, और मानव प्रतिरक्षा तथा पाचन में उनकी भूमिका को रेखांकित करता है।
- जीनोम अनुक्रमण सूक्ष्मजीवों की एंजाइम उत्पादन, रोगाणु प्रतिरोध, और बायोएक्टिव यौगिक उत्पादन की क्षमताओं को उजागर करेगा, जो पर्यावरण संरक्षण, कृषि उन्नति, और सार्वजनिक स्वास्थ्य में सहायक होगा।
- प्रत्येक जीनोम रिलीज में इन्फोग्राफिक्स, एनोटेशन विवरण, और औद्योगिक अनुप्रयोगों को शामिल किया जाएगा, जिससे सूक्ष्मजीव विज्ञान अनुसंधानकर्त्ताओं और आम जनता के लिए अधिक सुलभ और प्रभावी बनेगा।
- जीनोम अनुक्रमण सूक्ष्मजीवों की एंजाइम उत्पादन, रोगाणु प्रतिरोध, और बायोएक्टिव यौगिक उत्पादन की क्षमताओं को उजागर करेगा, जो पर्यावरण संरक्षण, कृषि उन्नति, और सार्वजनिक स्वास्थ्य में सहायक होगा।
क्या आप जानते हैं? – जीनोमइंडिया भारत सरकार के जैव प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा वित्तपोषित एक ऐतिहासिक जीनोमिक्स परियोजना है, जिसमें 20 शैक्षणिक और अनुसंधान संस्थान सम्मिलित हैं। – इसका मुख्य लक्ष्य भारत की विविध जनसंख्या का प्रतिनिधित्व करने वाली आनुवंशिक विविधताओं की एक व्यापक सूची बनाना है। – अब तक, इस परियोजना ने संपूर्ण भारत में 83 आबादियों से 20,000 नमूने एकत्र किए हैं और उनमें से 10,000 के लिए संपूर्ण जीनोम अनुक्रमण पूरा किया है। यह डेटा भारतीय जैविक डेटा केंद्र में संगृहीत है और फीड प्रोटोकॉल के माध्यम से बायोटेक-प्राइड दिशा-निर्देशों के अंतर्गत सुलभ होगा। – निष्कर्षों का उद्देश्य राष्ट्रीय सार्वजनिक स्वास्थ्य पहलों का समर्थन करते हुए भारतीय जनसंख्या के अनुरूप सस्ती, जीनोमिक्स-आधारित निदान और सटीक चिकित्सा को सक्षम करना है। |
Source :IE