पाठ्यक्रम: GS 1/सामाजिक न्याय
समाचार में
- केंद्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय भारत की परिवर्तित जनसांख्यिकी को ध्यान में रखते हुए वरिष्ठ नागरिकों के लिए एक नई राष्ट्रीय नीति का मसौदा तैयार कर रहा है।
समाचार के बारे में
- इस नीति पर वरिष्ठ नागरिकों की राष्ट्रीय परिषद् की चौथी बैठक में चर्चा की गई।
- अन्य प्रमुख विषयों में डिजिटल समावेशन, नीति निर्माण में गैर-सरकारी संगठनों (NGO) की भागीदारी, वृद्धों के साथ दुर्व्यवहार की शिकायत निवारण प्रणाली और वृद्धाश्रमों के लिए मानक निर्धारित करना शामिल हैं।
भारत में वरिष्ठ नागरिक
- 2011 की जनगणना के अनुसार, भारत में लगभग 10.3 करोड़ बुजुर्ग नागरिक हैं, जो कुल जनसंख्या का 8.6% हैं।
- सरकार 60 वर्ष या उससे अधिक आयु के लोगों को “बुजुर्ग” के रूप में परिभाषित करती है।
- सरकारी अनुमान के अनुसार, 2026 तक ये देश की कुल जनसंख्या का लगभग 12.16% होंगे।
- जनसंख्या अनुमानों के अनुसार, 2047 तक देश की 20% जनसंख्या वरिष्ठ नागरिकों की होगी।
- इस बढ़ती दीर्घायु का कारण बेहतर स्वास्थ्य सेवाओं और जीवन रक्षक दवाओं की उपलब्धता है।
विभिन्न योजनाएँ
- समेकित वरिष्ठ नागरिक कार्यक्रम (IPSrC): यह गैर-सरकारी संगठनों (NGO) को वरिष्ठ नागरिक आश्रय गृह चलाने के लिए अनुदान प्रदान करता है, जिसमें मुफ्त आश्रय, भोजन, स्वास्थ्य देखभाल और मनोरंजन की सुविधाएँ मिलती हैं।
- एल्डरलाइन: वरिष्ठ नागरिकों की शिकायत निवारण और जागरूकता बढ़ाने के लिए 2021 में राष्ट्रीय हेल्पलाइन ‘एल्डरलाइन’ (टोल फ्री नंबर 14567) प्रारंभ की गई थी।
- राष्ट्रीय वयोश्री योजना (RVY): सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय द्वारा संचालित यह योजना आर्थिक रूप से कमजोर वरिष्ठ नागरिकों (जिनकी मासिक आय ₹15,000 या उससे कम है) को उम्र संबंधी विकलांगता या दुर्बलता से निपटने के लिए मुफ्त सहायक उपकरण प्रदान करती है।
- सीनियरकेयर एजिंग ग्रोथ इंजन (SAGE): यह नवाचार आधारित स्टार्टअप्स का समर्थन करता है, जो वरिष्ठ नागरिकों के लिए उत्पाद और सेवाएँ विकसित करते हैं।
- वहीं, जेरिएट्रिक केयरगिवर प्रशिक्षण योजना पेशेवर देखभालकर्त्ता कार्यबल तैयार करने का लक्ष्य रखती है।
- कानूनी सहायता: माता-पिता और वरिष्ठ नागरिकों के भरण-पोषण एवं कल्याण अधिनियम, 2007 के तहत बच्चों/रिश्तेदारों द्वारा भरण-पोषण को अनिवार्य किया गया है और परित्याग या उत्पीड़न पर दंड का प्रावधान है।
- स्वास्थ्य सेवाएँ: आयुष्मान भारत-PMJAY योजना के तहत 70 वर्ष या उससे अधिक आयु के नागरिकों को मुफ्त स्वास्थ्य कवरेज दी जाती है। इसके अलावा, राष्ट्रीय वृद्ध स्वास्थ्य देखभाल कार्यक्रम (NPHCE) प्राथमिक से तृतीयक स्तर तक वृद्धजन सेवाएँ सुनिश्चित करता है।
निष्कर्ष एवं आगे की राह
- भारत में वृद्धजन जनसंख्या तेजी से बढ़ रही है, और सरकार की पहल वृद्धों के कल्याण और सम्मानजनक जीवन सुनिश्चित करने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं।
- जैसे-जैसे देश आगे बढ़ रहा है, यह आवश्यक है कि वृद्ध नागरिकों को सुरक्षित और गरिमापूर्ण जीवन देने के लिए इन पहलों को लगातार मजबूत किया जाए।
- भारत को वृद्धों की आर्थिक, स्वास्थ्य और सामाजिक आवश्यकताओं को संबोधित करने के लिए संवेदनशील नीतियाँ अपनानी होंगी।
Source: TH
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