भारत के समावेशी विकास में महिलाओं की भूमिका

पाठ्यक्रम: GS1/ महिला सशक्तिकरण

संदर्भ

  • हाल ही में नीति आयोग ने “उधारकर्त्ताओं से बिल्डरों तक: भारत की वित्तीय विकास कहानी में महिलाओं की भूमिका” शीर्षक से रिपोर्ट प्रस्तुत किया।
  • रिपोर्ट भारत के आर्थिक परिदृश्य को आकार देने में महिला उद्यमियों की भूमिका पर प्रकाश डालती है।

मुख्य निष्कर्ष

  • महिला उधारकर्त्ताओं में लगातार वृद्धि: 2019 और 2024 के बीच ऋण चाहने वाली महिलाओं की संख्या तीन गुना बढ़ गई, जो महिला उधारकर्त्ताओं के बीच बढ़ती माँग को दर्शाता है।
  • महिला उधारकर्त्ता जनसांख्यिकी: ऋण लेने वाली लगभग 60% महिला उधारकर्त्ता अर्ध-शहरी या ग्रामीण क्षेत्रों से हैं।
    • 30 वर्ष से कम आयु की महिलाओं द्वारा खुदरा ऋण लेने में केवल 27% की हिस्सेदारी है, जबकि पुरुषों के लिए यह 40% है।
  • ऋण आपूर्ति प्रवृति: हाल के वर्षों में ऋण उत्पत्ति में महिलाओं की भागीदारी में उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई है। 2019 से, व्यवसाय ऋण और स्वर्ण ऋण में महिलाओं की हिस्सेदारी क्रमशः 14% और 6% बढ़ी है।
    • 2024 तक, महिलाओं द्वारा लिए गए 42% ऋण व्यक्तिगत वित्त के लिए थे, जो 2019 में 39% से थोड़ी वृद्धि है।
    • महिलाओं द्वारा लिए गए अधिकांश ऋण स्वर्ण के बदले लिए गए हैं – 2024 में महिलाओं द्वारा लिए गए सभी ऋणों में से 36% स्वर्ण से संबंधित ऋण थे, जबकि 2019 में लिए गए ऋणों का 19% था।
  • क्रेडिट मॉनिटरिंग और जागरूकता में वृद्धि: दिसंबर 2024 तक, भारत में 27 मिलियन महिला उधारकर्त्ताओं ने अपनी क्रेडिट सूचना रिपोर्ट और CIBIL के साथ स्कोर की निगरानी की है।

महत्त्व

  • आर्थिक विकास: भारत की जनसंख्या में महिलाओं की हिस्सेदारी लगभग आधी है, लेकिन सकल घरेलू उत्पाद में उनका योगदान केवल 18% है।
    • IMF के अनुमान के अनुसार, महिला उद्यमियों को प्रोत्साहित करने से भारत के सकल घरेलू उत्पाद में 27% की वृद्धि हो सकती है। 
  • रोजगार सृजन: महिलाओं के स्वामित्व वाले MSMEs स्थानीय स्तर पर रोजगार सृजन और कौशल विकास में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। 
  • सामाजिक सशक्तीकरण: यह उद्यमों का सफलतापूर्वक नेतृत्व और प्रबंधन करने की महिलाओं की क्षमता को प्रदर्शित करके लैंगिक समानता को बढ़ावा देता है।

सरकारी पहल

  • राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन ने 9 मिलियन महिला स्वयं सहायता समूहों (SHGs) को औपचारिक बैंकिंग तक पहुँच के माध्यम से अपनी आजीविका में सुधार करने में सक्षम बनाया है। 
  • नीति आयोग का महिला उद्यमिता मंच (WEP) महिला उद्यमियों के लिए एक सहायक पारिस्थितिकी तंत्र बनाने के लिए सार्वजनिक और निजी क्षेत्र के भागीदारों को एक साथ लाता है। 
  • पीएम स्वनिधि योजना ने दिसंबर 2024 तक 5,939.7 करोड़ कार्यशील पूँजी ऋण के साथ 30.6 लाख महिला स्ट्रीट वेंडरों का समर्थन किया। 
  • प्रधानमंत्री मुद्रा योजना (PMMY): वित्त वर्ष 2023-24 में, 4.24 करोड़ महिला उद्यमियों को कुल 2.22 लाख करोड़ रुपये के ऋण वितरित किए गए।

Challenges faced by Women Business Borrowers

Challenges faced by Women Business Borrowers

निष्कर्ष

  • नीति आयोग ने इस बात पर बल दिया कि महिला उद्यमियों को प्रोत्साहित करने से 150 से 170 मिलियन लोगों के लिए रोजगार के अवसर सृजित हो सकते हैं, साथ ही कार्यबल में महिलाओं की अधिक भागीदारी को बढ़ावा मिल सकता है। 
  • ऋण, मार्गदर्शन और सहायता प्रणालियों तक आसान पहुँच सुनिश्चित करके, भारत महिलाओं के नेतृत्व वाले उद्यमों की पूरी क्षमता को अनलॉक कर सकता है।

Source: AIR