संयुक्त राष्ट्र ने सतत् विकास लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए तीन प्रमुख क्षेत्रों में सुधार पर बल दिया

पाठ्यक्रम: GS3/ अर्थव्यवस्था

प्रसंग: 

  • संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने 2030 तक संयुक्त राष्ट्र द्वारा निर्धारित सतत् विकास लक्ष्यों (SDG) की वित्तीय पूर्ति के लिए तीन प्रमुख क्षेत्रों में तत्काल कार्रवाई का आह्वान किया है।

पृष्ठभूमि:

  • विश्व आर्थिक अस्थिरता, संघर्ष और व्यापार बाधाओं जैसी कई संकटों का सामना कर रही है, जिससे SDG की प्रगति धीमी हो रही है।
  • विकासशील देश प्रति वर्ष $1.4 ट्रिलियन से अधिक की राशि ऋण भुगतान में व्यय कर रहे हैं, जिससे वे विकास में निवेश करने में असमर्थ हो रहे हैं।
  • इस कारण संयुक्त राष्ट्र ने तीन प्रमुख क्षेत्रों को चिन्हित किया है, जिनमें तत्काल सुधार की आवश्यकता है: ऋण सुधार, अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय संस्थाएँ, और वित्तीय स्रोतों का विविधीकरण।

सुधार के प्रमुख क्षेत्र:

  • ऋण सुधार:
    • G20 के कॉमन फ्रेमवर्क फॉर डेब्ट ट्रीटमेंट्स को तेजी से लागू और विस्तारित किया जाना चाहिए ताकि संकटग्रस्त मध्यम-आय वाले देशों को भी शामिल किया जा सके।
    • क्रेडिट रेटिंग एजेंसियों को उन मूल्यांकन पद्धतियों में संशोधन करने की आवश्यकता है जो विकासशील देशों के लिए उधारी लागत बढ़ाते हैं।
    • IMF और विश्व बैंक को ऋण स्थिरता मूल्यांकन में सुधार करना चाहिए ताकि SDG से जुड़े निवेश और जलवायु संवेदनशीलता को ध्यान में रखा जा सके।
  • अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय संस्थाओं को मजबूत बनाना:
    • बहुपक्षीय विकास बैंकों (MDBs) को पुनर्पूंजीकरण की आवश्यकता है और उन्हें अपनी बैलेंस शीट का विस्तार करना चाहिए ताकि ऋण देने की क्षमता बढ़ सके।
    • MDBs को विकासशील देशों के लिए निजी वित्त को सुलभ दरों पर एकत्रित करने पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए।
  • वित्तीय स्रोतों का विविधीकरण:
    • देशों को स्वास्थ्य, शिक्षा और बुनियादी ढाँचा क्षेत्रों को मजबूत करने के लिए घरेलू संसाधनों को एकत्रित करना चाहिए।
    • निजी क्षेत्र के साथ सहयोग में मिश्रित वित्त विकल्पों को बढ़ाने के प्रयास किए जाने चाहिए।
    • सरकारों को भ्रष्टाचार से प्रभावी रूप से लड़ने के तरीकों को भी विकसित करना चाहिए ताकि महत्त्वपूर्ण धन का दुरुपयोग रोका जा सके।

आगे की राह:

  • एक समावेशी वैश्विक कर प्रणाली को बढ़ावा देने की आवश्यकता है ताकि अंतर्राष्ट्रीय कर मानदंडों का निष्पक्ष अनुप्रयोग सुनिश्चित किया जा सके।
  • विकसित देशों को अपने आधिकारिक विकास सहायता (ODA) प्रतिबद्धताओं को पूरा करना चाहिए।
  • वैश्विक मंच, जैसे कि ब्राज़ील में होने वाला COP30 जलवायु सम्मेलन, नवाचारपूर्ण जलवायु वित्त समाधान तलाशेगा, जिसका लक्ष्य 2035 तक प्रति वर्ष $1.3 ट्रिलियन एकत्रित करने का है।
सतत् विकास लक्ष्य
– SDGs 17 वैश्विक लक्ष्यों का एक समूह है जिसे संयुक्त राष्ट्र ने 2015 में सतत् विकास के लिए 2030 एजेंडा के हिस्से के रूप में अपनाया था। 
– वे मानते हैं कि गरीबी और अन्य अभावों को समाप्त करने के लिए स्वास्थ्य एवं शिक्षा में सुधार, असमानता को कम करने और आर्थिक विकास को बढ़ावा देने वाली रणनीतियों के साथ-साथ कार्य करना चाहिए – यह सब जलवायु परिवर्तन से निपटने और हमारे महासागरों तथा जंगलों को संरक्षित करने के लिए काम करते हुए किया जाना चाहिए।
सतत् विकास लक्ष्य

Source: DTE

 

Other News of the Day

पाठ्यक्रम: GS3/ अर्थव्यवस्था समाचार में: मुंबई में आयोजित WAVES शिखर सम्मेलन 2025 के उद्घाटन सत्र में प्रधानमंत्री ने भारत के भविष्य के जीडीपी वृद्धि, नवाचार और समावेशी विकास के लिए रचनात्मक अर्थव्यवस्था को एक महत्त्वपूर्ण कारक बताया। समाचार की अधिक जानकारी:  प्रधानमंत्री ने भारतीय रचनात्मक प्रौद्योगिकी संस्थान (IICT) की स्थापना की घोषणा की। यह राष्ट्रीय...
Read More

पाठ्यक्रम: GS/कल्याणकारी योजनाएँ; सरकारी नीति एवं हस्तक्षेप संदर्भ: हाल ही में भारत के उच्चतम न्यायालय ने मुफ्त राशन वितरण प्रणाली को लेकर चिंताएँ व्यक्त की हैं, इसकी दीर्घकालिक स्थिरता और आर्थिक नीतियों पर प्रभाव पर प्रश्न उठाए हैं। विकास परिप्रेक्ष्य: आर्थिक स्थिरता सर्वोच्च न्यायालय की चिंताएँ: न्यायालय ने देखा कि राज्य केंद्र से खाद्य अनाज...
Read More

पाठ्यक्रम: GS3/ अर्थव्यवस्था प्रसंग:  संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने 2030 तक संयुक्त राष्ट्र द्वारा निर्धारित सतत् विकास लक्ष्यों (SDG) की वित्तीय पूर्ति के लिए तीन प्रमुख क्षेत्रों में तत्काल कार्रवाई का आह्वान किया है। पृष्ठभूमि: विश्व आर्थिक अस्थिरता, संघर्ष और व्यापार बाधाओं जैसी कई संकटों का सामना कर रही है, जिससे SDG की प्रगति...
Read More

पाठ्यक्रम: GS3/ विज्ञान और प्रौद्योगिकी प्रसंग: भारतीय खगोल भौतिकी संस्थान (IIA) के खगोलविदों के नेतृत्व में किए गए एक अध्ययन में सूर्य की सतह के नीचे गतिशील “आंतरिक मौसम”—प्लाज्मा धाराओं की जाँच की गई है, जो 11-वर्षीय सनस्पॉट चक्र के अनुसार स्पंदित होती हैं। विवरण: शोधकर्त्ताओं ने सूर्य की सतह के नीचे एक क्षेत्र जिसे...
Read More

पाठ्यक्रम :GS 3/विज्ञान और तकनीक समाचार में:  वैज्ञानिकों ने ITER (इंटरनेशनल थर्मोन्यूक्लियर एक्सपेरिमेंटल रिएक्टर) के मुख्य चुंबकीय प्रणाली का निर्माण पूरा कर लिया है, जिसमें भारत ने महत्त्वपूर्ण बुनियादी ढाँचा तैयार करने में प्रमुख भूमिका निभाई है। इंटरनेशनल थर्मोन्यूक्लियर एक्सपेरिमेंटल रिएक्टर (ITER): ITER परियोजना वर्तमान में दक्षिणी फ्रांस में 180 हेक्टेयर क्षेत्र में निर्माणाधीन है।...
Read More

वीरशैव-लिंगायत पाठ्यक्रम: GS1/ इतिहास और संस्कृति प्रसंग:  वीरशैव-लिंगायत समुदाय 2026 में शुरू होने वाली राष्ट्रीय जनगणना में अलग धार्मिक कोड की माँग करने के लिए तैयार है। विवरण: लिंगायतों को प्रथम हिंदू उपजाति के रूप में वर्गीकृत किया गया था, जिन्हें “वीरशैव लिंगायत” कहा जाता है, और इन्हें शैव परंपरा का अनुयायी माना जाता है।...
Read More