जैव ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए एमएनआरई ने बायोमास दिशा-निर्देशों में संशोधन किया

पाठ्यक्रम: GS3/ अर्थव्यवस्था

संदर्भ

  • नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय (MNRE) ने राष्ट्रीय जैव ऊर्जा कार्यक्रम के प्रथम चरण के अंतर्गत बायोमास कार्यक्रम के लिए संशोधित दिशानिर्देश जारी किए हैं, जो वित्तीय वर्ष 2021–22 से 2025–26 की अवधि के लिए लागू होंगे।

बायोमास क्या है? 

  • बायोमास पौधों और जानवरों से प्राप्त जैविक सामग्री को कहा जाता है, जिसमें शामिल हैं: वानिकी अपशिष्ट, कृषि कार्यों से उत्पन्न अवशेष, उद्योगों से संसाधित अपशिष्ट, और नगरपालिका/शहरी ठोस अपशिष्ट। 
  • देश में वार्षिक बायोमास उत्पादन लगभग 750 मिलियन मीट्रिक टन (MMT) है, जिसमें से 228 MMT अधिशेष बायोमास है।

संशोधित दिशानिर्देशों की प्रमुख विशेषताएँ

  • सरलीकृत प्रक्रियाएँ: कागजी कार्यवाही और अनुमोदन की बाधाओं में कमी, विशेष रूप से MSMEs को लाभ।
    • ब्रिकेट/पैलेट निर्माण इकाइयों के लिए दस्तावेज़ीकरण आवश्यकताओं में ढील।
  • प्रौद्योगिकी एकीकरण: महंगे SCADA सिस्टम की जगह IoT-आधारित निगरानी या त्रैमासिक डेटा प्रस्तुतिकरण को बढ़ावा।
    • डिजिटल जवाबदेही सुनिश्चित करते हुए संचालन लागत में कमी।
  • बाजार लचीलापन: पहले आवश्यक दो-वर्षीय अनुबंध की जगह सामान्य बिक्री समझौता, जिससे व्यवसाय बाजार मांग के अनुसार समायोजन कर सकें।
  • प्रदर्शन-आधारित सब्सिडी:
    • यदि परियोजना की दक्षता ≥80% है, तो पूरी केंद्रीय वित्तीय सहायता (CFA) दी जाएगी।
    • 80% से कम दक्षता पर, प्रोपोर्शनल (प्रो-राटा) आधार पर सब्सिडी दी जाएगी।
  • निरीक्षण मानदंडों का युक्तिकरण:
    • प्रदर्शन निरीक्षण अब या तो कमीशनिंग की तिथि या सैद्धांतिक अनुमोदन की तिथि से 18 महीनों के अंदर किया जा सकता है।
    • प्रदर्शन सत्यापन के लिए संचालन आवश्यकता को तीन दिनों (16 घंटे/दिन) से घटाकर एक 10 घंटे की निरंतर अवधि कर दिया गया है।
  • क्षेत्रीय समन्वय:
    • दिल्ली, पंजाब, हरियाणा, राजस्थान और उत्तर प्रदेश के NCR जिलों के बायोमास पैलेट उत्पादक MNRE या CPCB की सहायता योजनाओं में से लाभप्रद विकल्प चुन सकते हैं।

राष्ट्रीय जैव ऊर्जा कार्यक्रम (NBP) 

  • नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय ने 2022 में वित्तीय वर्ष 2021–22 से 2025–26 की अवधि के लिए राष्ट्रीय जैव ऊर्जा कार्यक्रम (NBP) अधिसूचित किया।
  • इस कार्यक्रम को दो चरणों में लागू करने की सिफारिश की गई है।
  • कुल बजट परिव्यय ₹1715 करोड़ है, जिसमें से पहले चरण के लिए ₹858 करोड़ आवंटित किए गए हैं।
राष्ट्रीय जैव ऊर्जा कार्यक्रम में शामिल उप-योजनाएँ:
वेस्ट टू एनर्जी कार्यक्रम:
– बड़े बायोगैस, बायो-CNG और पावर प्लांट्स की स्थापना का समर्थन (MSW से पावर परियोजनाओं को छोड़कर)।
बायोमास कार्यक्रम:
– ब्रिकेट्स और पैलेट्स के निर्माण तथा उद्योगों में बायोमास (गन्ने की खोई को छोड़कर) आधारित को-जनरेशन को बढ़ावा देने हेतु सहायता।
बायोगैस कार्यक्रम:
– ग्रामीण क्षेत्रों में पारिवारिक और मध्यम आकार के बायोगैस संयंत्रों की स्थापना का समर्थन।

Source: PIB

Read this in English: MNRE Revises Biomass Guidelines to Boost Bio Energy

 

Other News of the Day

पाठ्यक्रम :GS2/शासन  समाचारों में  हाल ही में, हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री ने 2024 के राजनीतिक संकट के दौरान लोकतंत्र की रक्षा में दल-बदल विरोधी कानून की प्रमुख भूमिका को रेखांकित किया। दल-बदल क्या है?  यह तब होता है जब कोई सदस्य स्वेच्छा से अपनी पार्टी त्याग देता है, पार्टी के निर्देशों के विरुद्ध मतदान करता...
Read More

पाठ्यक्रम: GS2/अंतर्राष्ट्रीय संबंध संदर्भ हाल ही में भारत-भूटान विकास सहयोग वार्ता आयोजित की गई, जिसमें भारत-भूटान विकास साझेदारी के पूरे दायरे की समीक्षा की गई। समाचार से जुड़ी और जानकारी कुल 10 परियोजनाओं को मंज़ूरी दी गई, जिनमें भूटान में स्वास्थ्य सेवा, संपर्क और शहरी ढांचे जैसे क्षेत्रों को सम्मिलित किया गया। भारत ने भूटान...
Read More

पाठ्यक्रम: GS3/ अर्थव्यवस्था संदर्भ नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय (MNRE) ने राष्ट्रीय जैव ऊर्जा कार्यक्रम के प्रथम चरण के अंतर्गत बायोमास कार्यक्रम के लिए संशोधित दिशानिर्देश जारी किए हैं, जो वित्तीय वर्ष 2021–22 से 2025–26 की अवधि के लिए लागू होंगे। बायोमास क्या है?  बायोमास पौधों और जानवरों से प्राप्त जैविक सामग्री को कहा जाता...
Read More

हुल दिवस पाठ्यक्रम: GS1/इतिहास और संस्कृति संदर्भ  30 जून को हूल दिवस के रूप में मनाया जाता है, जो 1855 के संताल विद्रोह / संथाल हूल की वर्षगांठ को चिह्नित करता है — यह ब्रिटिश शासन के विरुद्ध प्रारंभिक किसान आंदोलनों में से एक था। संताल हूल  1855 का संथाल हूल साम्राज्यवाद के विरुद्ध एक...
Read More